चना बाजार की तेजी मंदी रिपोर्ट -08 जुलाई 2025
किसान साथी और व्यापारी भाइयों चना बाजार में फिलहाल ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं दिख रही है क्योंकि मौजूदा भाव पहले से ही काफी नीचे चल रहे हैं और व्यापारियों को उम्मीद है कि आने वाले समय में मांग बनी रहेगी। खासकर मानसून के चलते बेसन की खपत में तेजी आने की संभावना है, जिससे चने को सहारा मिल सकता है। दिल्ली दल मंडी में राजस्थान के बेस्ट चना के दाम ₹5,800 से ₹5,825 प्रति क्विंटल तक दर्ज किए गए, जबकि मध्य प्रदेश के चने की बोली ₹5,750 से ₹5,775 प्रति क्विंटल तक रही। वही देश के कुछ प्रमुख मंडियों मे श्री गंगानगर में ₹5152 से ₹5405, हरदा में ₹5200 से ₹5600,सिरसा में ₹5050 से 5250 ऐलनाबाद में ₹5450 से ₹5521, बीकानेर में ₹5100 से ₹5550, और रूसी चना ₹5200 से ₹5600 प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया। वर्तमान स्तर पर भाव स्थिर हैं और इस सीजन स्टॉक भी अपेक्षाकृत कम है, जिससे कीमतों को नीचे खींचने वाली कोई बड़ी दबाव की स्थिति नहीं बनती।
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इसके अलावा, खरीदारों का रुझान भी धीरे-धीरे बेहतर हो रहा है क्योंकि मांग के मामले में बेसन और दाल मिलों की ओर से धीरे-धीरे रुख सुधरने की संभावना है, जिससे आगे जाकर चने में थोड़ी मजबूती आ सकती है। ऑस्ट्रेलिया ने भी मई में 13,674 टन चना निर्यात किया है जो दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चने की डिमांड बनी हुई है। हालांकि घरेलू बाजार में बड़े व्यापारी अब जल्दबाज़ी में सौदे नहीं कर रहे, बल्कि वो स्थिरता का इंतज़ार कर रहे हैं। मानसून की प्रगति, खेतों में नमी और बेसन की खपत जैसे कई फैक्टर जुलाई में चना बाजार को सहारा देने वाले हैं। इधर नीलामी के माध्यम से फसल की बिक्री के आंकड़े भी यही दिखा रहे हैं कि बहुत कम मात्रा में ही बिकवाली हो रही है। व्यापारी इस बात से सहमत हैं कि भले ही तेजी धीरे-धीरे आए, लेकिन गिरावट की गुंजाइश बहुत सीमित है। वायदा बाजार में भी बहुत ज्यादा शॉर्ट पोजीशन नहीं दिख रही, जिससे सपोर्ट लेवल मजबूत बने हुए हैं।
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कुल मिलाकर चना बाजार में इस समय न तो तेज गिरावट की स्थिति है और न ही अचानक से बहुत तेज़ उछाल की। लेकिन यदि बेसन की खपत में तेजी बनी रही और मानसून सामान्य रहा तो धीरे-धीरे भाव में सुधार देखा जा सकता है। व्यापारी फिलहाल सतर्क हैं लेकिन चिंतित नहीं हैं क्योंकि बाजार की नींव अभी कमजोर नहीं है। आगामी सप्ताहों में यदि किसी भी राज्य से मांग निकलती है तो यह तेजी का संकेत हो सकता है। ऐसे में किसानों और स्टॉकिस्टों को सलाह दी जा रही है कि वे जल्दबाज़ी में बिकवाली न करें और बाजार के अगले संकेतों का इंतजार करें। व्यापार अपने विवेक से करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।
