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क्या सोयाबीन का भाव 5000 या उससे ऊपर जा सकते है | देखे सोयाबीन की तेजी मंदी रिपोर्ट में

क्या सोयाबीन का भाव 5000 या उससे ऊपर जा सकते है | देखे सोयाबीन की तेजी मंदी रिपोर्ट में
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किसान साथियो पिछले कुछ वर्षों से सोयाबीन के भाव में लगातार गिरावट से किसान काफी परेशान थे। लेकिन अब विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार, जनवरी 2025 से सोयाबीन के भाव में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इस बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रिफाइंड खाद्य तेलों के भाव में वृद्धि हो रही है, जिसका मुख्य कारण मलेशिया में पाम तेल के उत्पादन में कमी है। साथ ही, भारत में आयात किए जाने वाले रिफाइंड खाद्य तेल पर आयात शुल्क बढ़ाने की संभावना भी तेल बाजार में तेजी ला रही है, जिसका सीधा असर सोयाबीन के भाव पर पड़ेगा। यह स्थिति किसानों के लिए राहत की खबर है, क्योंकि उन्हें अब अपने उत्पाद को बेहतर दामों पर बेचने की उम्मीद है। हालांकि, आने वाले समय में सोयाबीन के भाव में क्या उतार-चढ़ाव आएगा, यह कहना अभी मुश्किल है। कई अन्य कारक भी हैं जो बाजार को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे कि मौसम की स्थिति, सरकार की नीतियां और वैश्विक अर्थव्यवस्था।

सोया तेल के भाव में आई तेजी
भारतीय सोयाबीन बाजार मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार की गतिविधियों से प्रभावित होता है। देश में खाद्य तेलों का पर्याप्त भंडार होने के कारण, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन के भाव में वृद्धि होने पर भी भारत में इसके भाव में उतार-चढ़ाव कम देखने को मिलता है। हालाँकि, केंद्र सरकार द्वारा रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क लगाने के बाद अब स्थिति बदल सकती है। सरकार द्वारा रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात शुल्क में वृद्धि करने के संकेत मिलने से तेल उद्योग में उत्साह है। यह कदम घरेलू तेल उत्पादकों, विशेषकर सोयाबीन, सरसों और मूंगफली उत्पादकों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है। हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है। उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस बारे में कोई निर्णय लेगी। दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय बाजार से भी सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं, जो खाद्य तेल बाजार को और मजबूती प्रदान कर सकते हैं। कुल मिलाकर, इन सभी कारकों को देखते हुए, आने वाले समय में खाद्य तेल बाजार में सकारात्मक रुख देखने को मिल सकता है।

मलेशिया पाम तेल के उत्पादन में आई गिरावट
मलेशिया में पाम तेल का उत्पादन लगातार चौथे महीने घटने की आशंका है। दिसंबर में भी बरसात और बाढ़ के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है। मलेशियाई पाम आइल बोर्ड का अनुमान है कि सामान्य परिस्थितियों में उत्पादन में 5 से 8 प्रतिशत की कमी हो सकती है, लेकिन अगर बाढ़ की स्थिति बनी रही तो यह नुकसान बढ़कर 10 से 20 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। नवंबर 2024 में क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का उत्पादन 16.2 लाख टन रहा जो पिछले महीने की तुलना में 9.8 प्रतिशत कम है और 2020 के बाद का सबसे कम उत्पादन है। इस गिरावट के कारण आने वाले समय में पाम तेल की कीमतों में वृद्धि होने की संभावना है। वर्तमान में भी पाम तेल, सोयाबीन और सूरजमुखी तेल की तुलना में अधिक महंगा बिक रहा है। इंडोनेशिया में भी घरेलू खपत में पाम तेल का उपयोग बढ़ रहा है जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी उपलब्धता कम हो सकती है।

खाद्य तेलों के आयात में आई गिरावट
इंडोनेशिया ने जनवरी महीने के लिए सीपीओ (क्रूड पाम ऑयल) के रेफरेंस प्राइस को घटाकर 1059.54 डॉलर प्रति टन कर दिया है, जो दिसंबर में 1071.67 डॉलर प्रति टन था। इस कमी से वैश्विक खाद्य तेल बाजार में हलचल मची हुई है। भारत में भी खाद्य तेलों के आयात में कमी आई है। पिछले पंद्रह दिनों में भारत ने दक्षिण अमेरिका से 80,000 टन और अमेरिका से 23,000 टन सोया तेल का आयात किया है। नववर्ष के पहले सप्ताह में विदेशी और मुंबई बाजार बंद रहने के कारण खाद्य तेलों के दामों में कोई खास उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया। हालांकि, सोया तेल की मांग कमजोर रहने के कारण इसके दामों में थोड़ी गिरावट आई है। घरेलू बाजार में सोयाबीन 4300 रुपये प्रति क्विंटल, सरसों निमाड़ी (बारीक) 5900-5950 रुपये प्रति क्विंटल और औसत सरसों 5501-5600 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रही है।

वर्तमान में सोयाबीन के क्या भाव मिल रहे है
फिलहाल, सोयाबीन की नीलामी में भाव 4350 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। हालांकि, देश में सोयाबीन का भंडारण अधिक होने के कारण अभी तक इस तेजी का कोई विशेष प्रभाव दिखाई नहीं दे रहा है। जनवरी के पहले सप्ताह में सोयाबीन के भाव में केवल 10 रुपये की मामूली बढ़ोतरी देखी गई थी। प्लांटों पर सोयाबीन के दामों की बात करें तो अवि, अंबुजा, प्रकाश, दिव्य ज्योति, रुचि (पंतजली) मांगलिया, प्रेस्टीज, मित्तल, इटारसी केएन, सांवरिया, नीमच एमएस, धानुका, धीरेंद्र, प्रोटीन, बैतूल, सतना, हरदा सालासर, कालापीपल वर्धमान, खंडवा, अंबुजा, हरिओम, वर्धमान, दिव्य ज्योति, रामा धर्मपुरी, आरएच सिवनी और केवी निवाड़ी जैसे विभिन्न प्लांटों पर सोयाबीन के दाम 4200 रुपये से 4450 रुपये प्रति क्विंटल के बीच चल रहे हैं।

आगे सोयाबीन के भाव क्या रह सकते है
सोयाबीन के भाव पूरी तरह से केंद्र सरकार की नीतियों और अंतरराष्ट्रीय बाजार के हालात पर निर्भर करते हैं। अगर केंद्र सरकार रिफाइंड खाद्य तेलों पर शुल्क बढ़ाती है, तो इससे सोयाबीन के भाव में इजाफा होने की संभावना बढ़ जाती है। व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में सोयाबीन के भाव 5000 से 5200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।