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सरसों की तेजी पर लगा ब्रेक | अब किस तरफ मुड़ेंगे सरसों के भाव | जाने इस रिपोर्ट में

सरसों की तेजी पर लगा ब्रेक | अब किस तरफ मुड़ेंगे सरसों के भाव | जाने इस रिपोर्ट में
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किसान साथियो जैसा कि हमने कल की रिपोर्ट में बताया था कि सरसों में तेजी पर ब्रेक लग सकता है । मंगलवार के बाजार में ठीक ऐसा ही देखने को मिला। भारतीय बाजारों के साथ साथ विदेशी बाजारों में भी मुनाफावसूली के चलते ही गिरावट देखने को मिली है। साथियो मंडी भाव टुडे पर हम अक्सर बताते रहते हैं कि बड़ी तेजी के बाद मुनाफावसूली आना आम बात है। लेकिन यदि फंडामेंटल मजबूत हो और लंबे समय के परिवेश में देखा जाए तो मुनाफावसूली का कोई बहुत बड़ा फर्क़ नहीं पड़ता । मुनाफावसूली से हमारा तात्पर्य उस परिस्थति से है जिसमें व्यापारी नीचे भाव पर माल खरीद कर तेजी आते ही माल को निकालने में लग जाते हैं। जिसके चलते कुछ समय के लिए बाजार में खरीदारी कम और बिकवाली ज्यादा होने का माहौल बन जाता है। और भाव में गिरावट आ जाती है। आज की रिपोर्ट में हम सरसों की फंडामेंटल मजबूती का विश्लेषण करेंगे।

ताजा मार्केट अपडेट
तेल मिलों की सीमित मांग बनी रहने से घरेलू बाजार में मंगलवार के दिन सरसों के भाव में स्थिरता से लेकर कमजोरी का रुख देखने को मिला । जयपुर में कंडीशन 42% की सरसों के भाव 5625 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। हालांकि खबर आ रही है कि शाम को बाजार बंद होते होते इसमें भी कुछ 50-75 रुपये गिरावट देखने को मिली है। भरतपुर के बाजार में भी कमजोरी देखने को मिली है। 42 लैब सरसों का भाव 5326 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ है जो कि पिछले भाव से 74 रुपये कमजोर है। दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर सरसों का भाव 5250 रुपये प्रति क्विंटल का रहा है जबकि बरवाला मंडी में 5253 रुपये प्रति क्विंटल के भाव रिपोर्ट किए गए हैं। नजफगढ़ मंडी में लूज सरसों के भाव 4800-4900 के बीच बने हुए हैं। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक पांच लाख बोरी पर स्थिर चल रही है।

प्लांटों ने गिराए भाव
घरेलू बाजार में शाम के सत्र में ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों में 50 से 75 रुपये प्रति क्विटल की कमी करके खरीद की। सलोनी प्लान्ट पर सरसों का अंतिम भाव 6050 रुपये प्रति क्विंटल रिपोर्ट किया गया है जो कि पिछले भाव से  75 रुपये कम है। कीर्ति प्लान्ट पर सोयाबीन के भाव में भी लगभग 100 रुपये प्रति क्विंटल की कमजोरी देखने को मिली है। आगरा में BP और शारदा प्लान्ट पर भी क्रमशः 75 और 50 रुपये प्रति क्विंटल की कमजोरी देखने को मिली है।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों के ताजा भाव की बात करें तो राजस्थान की रायसिंहनगर मंडी में सरसों का रेट 5294 श्री गंगानगर मंडी में सरसों का भाव 5270 बरवाला मंडी में सरसों का भाव 5253 नोहर मंडी में सरसों का भाव 5100, 42 लैब का भाव 5320, खेरली मंडी में 42 लैब सरसों का भाव 5326 संगरिया मंडी में कंडीशन सरसों का रेट 5130 श्री विजयनगर मंडी में नॉन कंडीशन सरसों का भाव 4900 जैतसर मंडी में सरसों का भाव 4872 गज सिंह पुर मंडी में सरसों का भाव 5167 गोलूवाला मंडी में सरसों का भाव 5008 रावला मंडी में 41.5 लैब सरसों का भाव 5120, हरियाणा की सिरसा मंडी में सरसों का रेट 5026 आदमपुर मंडी में सरसों का भाव 5100 भट्टू मंडी में सरसों का रेट 5095 और ऐलनाबाद मंडी में सरसों का भाव 5201 रुपये प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया।

विदेशी बाजारों में गिरावट
मुनाफावसूली के कारण मंगलवार को मलेशियाई पाम तेल वायदा 2.5 % से अधिक कमजोर हुआ, जबकि इसके पहले लगातार तीन सत्रों में इसके दाम तेज बने हुए थे। हालांकि वैश्विक बाजार में खाद्य तेलों की आपूर्ति की आशंकाओं और कमजोर रिंगिट के कारण गिरावट सीमित रही । बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, BMD पर सितंबर महीने की डिलिवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध के भाव 101 रिंगिट यानी 2.53 % घटकर 3884 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुए। पिछले सत्र में शिकागो में सोया तेल की कीमतें 2 % बढ़ीं थी, लेकिन मंगलवार को सार्वजनिक अवकाश के कारण बाजार बंद रहा था। डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 0.8 % तेज हुआ, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध  0.3 % गिर गया।

सरसों स्टॉक की क्या है स्थिति
तेल उद्योग से प्राप्त जानकारी के अनुसार चालू सीजन में मार्च से जून अंत तक देशभर की मंडियों में 55 लाख टन सरसों की आवक हो चुकी है, जिसमें से पेराई 37 लाख टन की हुई है। अतः घरेलू बाजार में पहली जुलाई को 75 लाख टन का बचा हुआ है, जिसमें से 56.50 लाख टन किसानों के पास, 1 लाख टन मिलर्स एवं व्यापारियों के पास तथा 9.50 लाख टन का स्टॉक नेफेड और हेफैड के पास है। उत्पादक राज्यों की मंडियों में सोमवार को सरसों की दैनिक आवक स्थिर बनी रही। हालांकि उत्पादक राज्यों में पिछले 12 घंटों में कई जगह बारिश हुई है, साथ ही मौसम खराब बना हुआ है। मौसम के साफ़ होने के बाद सरसों की आवक बढ़ सकती है।

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तेल और खल में कमजोरी
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें मंगलवार को 3-3 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 1,062 रुपये और 1,052 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। इस दौरान सरसों खल के दाम पांच रुपये कमजोर होकर 2595 रुपये प्रति क्विंटल रह गए ।

सरसों में आगे क्या
किसान साथियों जैसा कि हमें पता है कि बड़ी तेजी के बाद किसी भी फसल के भाव में एक बार  मुनाफावसूली के कारण मंदी आना आम बात है। ऐसा कभी भी नहीं होता कि बाजार एक ही दिशा में बढ़ता रहे। भारतीय बाजार में सरसों के फंडामेंटल उतने मजबूत नहीं है इसलिए भारतीय बाजारों में आई तेजी केवल विदेशी बाजारों से ही संकेत ले रही थी। अब जबकि विदेशी बाजार 2.5%  तक टूटे हैं तो भारतीय बाजारों में इसका असर दिखना ही था। भारत के बाजार को देखें तो सरकारी एजेन्सी नाफेड ने 10 लाख टन सरसों की खरीद कर ली है इस सरसों का इस्तेमाल भाव बढ़ने को रोकने में किया जा सकता है । इसलिए बहुत बड़ी तेजी की उम्मीद ना लगाए। ताजा माहौल को देखते हुए कहा जा सकता है कि सरसों का भाव या तो यहीं रुक सकता है या फिर थोड़ी बहुत कमजोरी के बाद फिर से उपर की तरफ जा सकता है। जुलाई महीने में सरसों तेल की डिमांड ठीक ठाक रहेगी इसलिए डरने की कोई बात नहीं है। हर उछाल पर थोड़ा थोड़ा करके माल निकालते रहें।  व्यापार अपने विवेक से ही करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट(Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।