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मंडियों में बाजरे की आवक ने पकड़ी रफ्तार | जानें भाव पर कितना होगा असर

मंडियों में बाजरे की आवक ने पकड़ी रफ्तार | जानें भाव पर कितना होगा असर
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किसान साथियो, सरकारी एजेंसियों ने दक्षिणी हरियाणा में बाजरे की खरीद शुरू कर दी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर हो रही इस खरीद के कारण क्षेत्र की प्रमुख मंडियों में बाजरे की भारी आवक देखी जा रही है। व्यापारियों के अनुसार, सरकार द्वारा किसानों को खरीद शुरू होने के बारे में पहले से ही सूचित कर दिया गया था, जिसके चलते किसान बड़ी संख्या में अपनी उपज लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं। नारनौल मंडी के व्यापारी ओमप्रकाश ने बताया कि मंडी में बाजरा ही बाजरा दिखाई दे रहा है। एमएसपी पर खरीद शुरू होने से किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल रहा है और उन्हें अपनी फसल बेचने के लिए मंडियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

बाजरे की मंडी में आवक में आया भारी उतार-चढ़ाव
पिछले कुछ दिनों से बाजरे की मंडियों में आवक में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार, मंडियों में लगभग 40 हजार कट्टों की आवक हुई थी, जो बाद में घटकर 30-35 हजार कट्टों पर आ गई। इसका मुख्य कारण सरकार द्वारा शुरू की गई एमएसपी पर खरीद है। बड़ी मात्रा में बाजरे की आवक के कारण सरकारी एजेंसियां सारे बाजरे को तुरंत नहीं खरीद पा रही हैं, जिसके कारण किसानों को अपनी उपज बेचने में थोड़ी मुश्किल हो रही है। चरखी दादरी मंडी में भी इसी तरह की स्थिति देखी गई है। यहां भी बाजरे की आवक में कमी आई है। हालांकि, भिवानी मंडी में बाजरे की आवक में वृद्धि देखी गई है, क्योंकि यहां खरीद के लिए पहले से ही पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।

क्या मिल रहा है भाव
सरकार ने चालू सीजन के लिए बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाकर 2625 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। यह किसानों के लिए एक अच्छी खबर है, क्योंकि निजी व्यापारी फिलहाल बाजरे को औसतन 2350 से 2450 रुपये प्रति क्विंटल के बीच ही खरीद रहे हैं। यानी, सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी, निजी खरीदारी की तुलना में अधिक लाभदायक है। व्यापारियों का अनुमान है कि जब तक सरकार बाजरा खरीद रही होगी, तब तक मंडियों में बाजरे की आवक लगातार बनी रहेगी। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

आगे कैसा रह सकता है बाजार
गर्मी के मौसम में बाजरे का उत्पादन बढ़ने के बावजूद, मक्के और गेहूं के दामों में वृद्धि के कारण बाजरे की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। खासतौर पर, डिस्टिलरी प्लांटों के अलावा अन्य उद्योगों में बाजरे की खपत काफी बढ़ गई है। इस साल बाजरे की फसल की शुरुआती खरीद सामान्य से 30-35 प्रतिशत अधिक हुई है, जिसके परिणामस्वरूप बाजार में इसकी कमी देखने को मिल रही है। मौलीबरवाला मंडी में बाजरा 2530-2560 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज क्षेत्र में नई फसल आने में अभी 15 दिन का समय बाकी है, इसलिए फिलहाल बाजार में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से बाजरा आ रहा है। माना जा रहा है कि नई फसल आने के बाद ही बाजार में स्थिरता आएगी और दामों में कुछ गिरावट देखने को मिल सकती है। बाकी व्यापार अपने विवेक से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।