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अगले 15 दिन सरसों के लिए बहुत महत्वपूर्ण | जानिए क्या है वज़ह | सरसों की आज की तेजी मंदी रिपोर्ट

सरसों का भाव कब बढ़ेगा
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सरसों में धीरे धीरे बदल रहा माहौल | देखें आज की तेजी मंदी रिपोर्ट

किसान साथियो जैसा कि हम अपनी पिछली 3-4 रिपोर्टों से लगातार बता रहे हैं कि धीरे-धीरे सरसों में बना मंदी का माहौल अब यू टर्न ले रहा है। चौतरफा माहौल में सुधार देखने को मिल रहा है। इस रिपोर्ट में हम तेल तिलहन की सभी ख़बरों पर फोकस करेंगे और यह जानने को कोशिश करेंगे कि यहां से आगे सरसों की दिशा दशा क्या रह सकती है।

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ताजा मार्केट अपडेट
बुधवार को दशहरा पर्व के कारण देश की अधिकांश मंडियों में अवकाश रहा, लेकिन कुछ मंडियों ऐसी भी थी जहां पर अच्छा खासा कामकाज हुआ। दशहरा का दिन तेल तिलहन के किसानो के हिसाब से काफी अच्छा रहा। सोया-पाम तेल के साथ-साथ अन्य तेलों में भी हल्का सुधार दिखाई दिया। जानकारों का मानना है कि आयातित तेल का स्टॉक अब घटता हुआ दिखाई दे रहा है, जिसके चलते बिकवाली कमजोर हुई है और बाजार तेजी की ओर बढ़ा है। साथियो यह भी हो सकता है कि केवल त्योहारी मांग में मामूली सुधार होने से तेल तिलहन में हल्की तेजी दिखाई दी है। यदि यह त्योहारी मांग ही है तो आगामी 10-15 दिन तक इन तेलों में थोड़ा बहुत सुधार और हो सकता है, इस स्थिति में बड़ी तेजी की संभावना कमजोर नजर आती है। लेकिन आयातित तेलों के स्टॉक घटने की वज़ह से यहां से तेल तिलहन के भाव में यू टर्न का माहौल भी बन सकता है। क्योंकि विदेशी बाजारो का परिदृश्य अब थोड़ा सा पोजिटिव बनने लगा है। अगले 15 दिन सरसों के बाजार के लिए सबसे महत्वपूर्ण रहने वाले हैं।

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विदेशी बाजारों में सुधार
माहौल में यू टर्न की बात इसलिए कि जा रही है क्योंकि विश्व स्तर पर जो मंदी की बातें की जा रहीं थीं वहां भी अब माहौल सुधरने लगा है। अमेरिका के मार्केट में तेजी इस बात का संकेत दे रही है। लेबर की मांग बढ़ने लगी है। हो सकता है कि यहां से आगे और सुधार देखने को मिले। अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया, जापान और चीन के शेयर बाजारों में भी रिकवरी देखने को मिल रही है। मलेशिया में पाम तेल के भाव 29 सितंबर को 3250 रिंगिट प्रति टन के भाव छूने के बाद फिर से रिकवरी दिखा रहे हैं। 05 अक्तुबर को पाम तेल के भाव ने फिर से 3800 के लेवल को छू लिया था।

घरेलु बाजारों की अपडेट
घरेलू बाजारों की बात करें तो बुधवार को सरसों की अधिकतर मंडियों में कारोबार नहीं हुआ, लेकिन भरतपुर मंडी का लोकल भाव कल से 80 रुपए तेज दिखाई दिया। सलोनी प्लांट ने सरसों खरीद भाव में 50 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की, जिससे सरसों तेल में मांग निकलने के संकेत बने।  हाजिर मंडियों में सरसों के भाव की बात करें तो आदमपुर मंडी में सरसों का रेट 5746, अबोहर मंडी में सरसों का रेट 5550, ️ श्रीविजयनगर में 5360,  गंगानगर 5697, सिरसा में सरसों का रेट 5660 और नोहर मंडी में सरसों का टॉप भाव 5820 रुपये प्रति क्विंटल देखने को मिला है। साथियो वैसे तो तेल मंडियों के भाव नहीं मिल पाए , लेकिन बाजार की चाल को देखकर लगता है कि कल से बाजार 50 पैसे से लेकर 2 रुपए तक तेज है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के सोया तेल प्लांटों ने भी 2.50 रुपए से लेकर 5 रुपए तक भाव बढ़ाए हैं, जिससे ये संकेत है कि बड़ी गिरावट का अंदेशा नहीं है। महाराष्ट्र के कीर्ति सोया प्लांट ने जहां सोयाबीन खरीदी का भाव 50 रुपए प्रति क्विटल बढ़ाकर 5300 किया, वहीं सोया रिफाइन का भाव 2.50 रुपए प्रति किलो बढ़ाकर 1215 रुपए के स्तर पर कारोबार किया। इस प्लांट ने पाम तेल के दाम में भी एक रुपए किलो की बढ़ोत्तरी की और भाव 960 रुपए प्रति दस किलो दर्ज हुआ। साधारण सोया और आरबीडी पामोलिन के भाव में भी एक से दो रुपए किलो की तेजी दर्ज हुई।

सरसों में आगे क्या
किसान साथियो जैसा कि हमने बताया कि सरसों के लिए आगामी 15 दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है और दिवाली पर सरसों के तेल की अच्छी मांग निकलने की परिस्थिति में इसमे 3 से 5 रुपए किलो तक का सुधार हो सकता है, लेकिन अभी भी बड़ा स्टॉक लेने का समय नहीं है। कुल मिलाकर भारत का सबसे बड़ा त्योहार सामने होने से तेलों में मांग निकलने की प्रबल संभावना है और लगभग सभी तेलों में कुछ और सुधार की गुंजाइश बन रही है। तेलों में सुधार के साथ ही सरसों के भाव में भी सुधार होने की संभावना है।