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सरसों में लौटी तेजी लेकिन यह तेजी कितनी टिकाऊ देखें रिपोर्ट 14 Sep 22

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सरसों में लौटी तेजी लेकिन यह तेजी कितनी टिकाऊ देखें रिपोर्ट 14 Sep 22

किसान साथियों काफी दिनों के बाद मंगलवार का दिन सरसों के बाजार के लिए अच्छा रहा सरसों के भाव में 50 से लेकर 100 रुपये की तेजी देखने को मिली। तेजी का मुख्य कारण विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों (edible vegetable oil ) के तेज होना बताया जा रहा है। ऐसा लगता है कि सरसों के भाव अब यहां से यू टर्न ले सकते हैं इस रिपोर्ट में हम तेल तिलहन बाजार के हर पहलू का विश्लेषण करेंगे।

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ताजा मार्केट अपडेट

किसान साथियों हम पिछले कई दिनों से बता रहे हैं कि सरसों के फंडामेंटल भारत में मजबूत है । लेकिन विदेशी बाजारों में चल रही लगातार मंदी भारतीय बाजारों को नीचे की तरफ खींच रही थी। आयातकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि अब धीरे-धीरे विदेशी बाजारों में भी माहौल बदलने लगा है लेकिन यह बदलाव कितना टिकाऊ है इसका अगले 15 दिन में पता चल जाएगा। मंगलवार की बात करें तो अमेरिका में सोयाबीन के उत्पादन के पिछले अनुमान के मुकाबले में कमी आने की ख़बरें बाजार में चल रही हैं। इसी वजह से अमेरिका के शिकागो में सोया तेल के भाव तेज होने लगे हैं। मंगलवार को शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड(CBOT) पर सोया तेल (cbot soyabean oil) के भाव में 1.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है।

अमेरिका से क्या है खबर

अमेरिका की कृषि विभाग के अनुसार पश्चिमी क्षेत्रों में गर्म और शुष्क मौसम से सोयाबीन की फसल कमजोर हो सकती है। इस रिपोर्ट के बाद से ही सोया के भाव तेजी के मूड में है। मलेशिया की बात करें तो मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज (Bursa) में नवंबर महीने का CPO price वायदा 217 रिंगिट तेज हो कर तेज होकर 3900 प्रति टन के लेवल पर पहुंच गया। जाहिर सी बात है विदेशी बाजारों में तेजी का असर भारतीय बाजारों पर दिखना ही था। क्योंकि भारत में तो त्योहारी और सर्दियों के सीज़न के दौरान मांग में सुधार होना ही है। मंगलवार को जयपुर में कंडीशन सरसों के भाव ₹50 तेज होकर 6475 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। ब्रांडेड कंपनियों ने भी सरसों के भाव में 50 से लेकर ₹100 तक की बढ़ोतरी की सलोनी प्लांट पर सरसों के भाव ₹25 तेज होकर 6900 रुपए प्रति कुंटल पर पहुंच गए जबकि बीपी प्लांट और महेश एडिबल प्लान्ट पर भी सरसों के भाव ₹100 तेज होकर ₹6900 के लेवल पर रहे। हालांकि सरसों की आवक अभी भी 225000 बोरी पर बनी हुई है। सरसों के अलावा सोया के भाव में भी बढ़ोतरी देखने को मिली। महाराष्ट्र के कीर्ति सोया प्लांट पर सोयाबीन की खरीद भाव में ₹70 की बढ़ोतरी की जबकि अन्य प्लान्टों ने सोया रिफाइन का भाव 10 से 20 रुपये प्रति 10 किलो तक तेज किया।

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हाजिर मंडियों की अपडेट

हाजिर मंडियों (sarso live rate) की बात करें तो राजस्थान की नोहर मंडी में सरसों का रेट 5935, रावतसर मंडी में सरसों का भाव 5603, रावला मंडी में सरसों का रेट 5915, संगरिया मंडी में सरसों का टॉप भाव 5821, रायसिंहनगर मंडी में सरसों का रेट 5750, पीलीबंगा मंडी में सरसों का भाव 5652, गोलूवाला मंडी में सरसों का रेट 5650, अनूपगढ़ मंडी में सरसों का भाव 5854, ग़जसिंहपुर मंडी में सरसों का भाव 5860, हनुमानगढ़ मंडी में सरसों का भाव 5700, गंगानगर मंडी में सरसों का भाव 5750, देवली मंडी में कंडीशन सरसों का रेट ₹6200 प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया

हरियाणा की मंडियों की बात करें तो ऐलनाबाद मंडी में सरसों का भाव 5900, आदमपुर मंडी में सरसों का रेट 5960, सिरसा मंडी में सरसों का भाव 5871, कालावाली मंडी में सरसों का रेट 5570, हिसार मंडी में सरसों का भाव 5700 और चरखी दादरी मंडी में 42% सरसों का भाव 6150 रुपए प्रति क्विंटल तक दर्ज किया।

सरसों की आवक

राजस्थान आवक 95000 बोरी
मध्य प्रदेश आवक 25000 बोरी
उत्तर प्रदेश आवक 40000 बोरी
हरियाणा+ पंजाब आवक 20000 बोरी
 गुजरात आवक 10000 बोरी
अन्य आवक 35000 बोरी
कुल आवक 225000 बोरी

कितना बढ़ा है आयात

किसान साथियों अगस्त महीने में भारत ने पाम तेल (crude palm oil) का जबरदस्त आयात किया है। भारत का आयात पिछले महीने की तुलना में 87% बढ़कर 11 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है आयात के बढ़ने का मुख्य कारण विदेशी बाजारों में पाम तेल का सस्ता होना है ऊपर से भारत ने खाद्य तेलों के आयात को शुल्क मुक्त कर दिया है जिसके कारण विदेशी तेल का आयात और सस्ता हो गया है। खाद्य तेलों के सस्ता होने के कारण फिर से बाजारों में पाम तेल और सोया तेल के वायदा बाजार को फिर से शुरू करने की मांग जोर पकड़ रही अगर यह रोग हटती है तो है सेबी ने 20 दिसंबर 2021 को सरसों सोयाबीन और कच्चे पाम तेल के वायदा बाजार पर 1 साल के लिए रोक लगा दी थी यदि भारत सरकार यह रोक हटाती है तो तेल तिलहन के बाजार में नई जान आ सकती है

सरसों में आगे क्या

किसान साथियो पाम(crude palm oil) और सोया(soyabeans future price) की यह तेजी आकर्षक जरूर है लेकिन यह कितनी टिकाऊ रहेगी इस पर संशय बना हुआ है। इंडोनेशिया और मलेशिया में पाम तेल का स्टॉक उच्चतम स्तर पर है ऐसे में वहाँ की सरकारें कोई भी नया कदम उठा सकती है और तेजी पर ब्रेक लग सकता है इसलिए तेल तिलहन में कुछ दिन और सावधान रहने की जरूरत है और बड़े सौदे करने से फ़िलहाल बचना चाहिए। व्यापार अपने विवेक से करें

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