13000 करोड़ की लागत से बन रहा है यह नया एक्सप्रेस-वे | जाने किनको मिलेगा फ़ायदा
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे: एक क्रांतिकारी कदम, जो यात्रा को बनाएगा आसान और तेज़
साथियों, आज के समय में जब जीवन की गति तेज़ हो, लोग हर काम में समय की बचत करने की कोशिश करते हैं। यात्रा भी इस बदलाव से अछूती नहीं रही है। इसी के चलते दिल्ली और देहरादून के बीच एक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है, जो न केवल यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि उत्तराखंड क्षेत्र के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा। इस दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 13,000 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है और इसके पूरा होने के बाद यात्रा का समय छह घंटे से घटकर सिर्फ ढाई घंटे रह जाएगा। इस एक्सप्रेसवे की योजना को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि इसे जनवरी 2025 तक शुरू कर दिया जाएगा। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-एनसीआर और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों को जोड़ने के साथ-साथ दिल्ली से देहरादून के बीच यात्रा को बेहद आसान और सुलभ बना देगा। गडकरी जी ने यह भी बताया कि अगले दो महीने में इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों का संचालन शुरू हो जाएगा। चलिए, इस एक्सप्रेसवे से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी पर एक नज़र डालते हैं। और साथ ही यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि इस एक्सप्रेसवे से कितना फायदा होगा और इसकी क्या-क्या खासियत है तो चलिए इन सब बातों को विस्तार से जानने के लिए शुरू करते हैं आज की यह रिपोर्ट!
समय की बचत और सुलभ यात्रा
किसान भाइयों, जब से इस एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू हुआ है, लोग इसके बारे में बात कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस एक्सप्रेसवे के शुरू हो जाने के बाद दिल्ली से देहरादून तक की यात्रा सिर्फ ढाई घंटे में पूरी हो जाएगी। पहले यह दूरी 6.5 घंटे में पूरी होती थी, लेकिन अब इसमें काफी कमी आई है। इससे न केवल दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा करने वाले लोगों को समय की बचत होगी, बल्कि इसके साथ ही सहारनपुर, बागपत जैसी जगहों तक पहुंचने में भी बहुत समय कम लगेगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र और उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों के बीच संपर्क और मजबूत होगा। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा क्योंकि देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए यह बहुत बड़ा लाभ साबित होगा। इस एक्सप्रेसवे को बनने में कई साल लगे हैं, लेकिन अब इसे जल्द ही खोलने की योजना है। नितिन गडकरी ने बताया है कि अगले दो महीने में इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों का संचालन शुरू हो जाएगा।
निर्माण की लागत और आकार
साथियों, सरकार द्वारा बनाए जा रहे इस दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 210 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेसवे 12/6 लेन का होगा, यानी इस पर छह लेन की सड़क होगी, जिससे यातायात में कोई रुकावट नहीं आएगी। इसके निर्माण पर लगभग 13,000 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं, जो इस परियोजना को अत्यधिक महत्वपूर्ण और महत्त्वपूर्ण बनाता है। यह एक्सप्रेसवे भारत के सबसे आधुनिक एक्सप्रेसवे में से एक होगा। इसके निर्माण के दौरान हर पहलू पर ध्यान दिया गया है, जैसे पर्यावरणीय संरक्षण, सुरक्षा, और यात्री सुविधाएं। इस एक्सप्रेसवे के साथ-साथ आसपास की हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। यह न केवल एक सड़क मार्ग है, बल्कि यह क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में भी मदद करेगा। एक्सप्रेसवे पर बनने वाली सड़कों और पुलों के डिज़ाइन में इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है कि प्राकृतिक संसाधनों को न्यूनतम क्षति हो।
यात्रियों के लिए नई सुविधाएं
साथियों, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे जब पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा तो इस पर यात्रा करने वाले यात्रियों को कई नई सुविधाओं का अनुभव होगा। एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखा गया है कि यात्रियों को हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध हो। इस एक्सप्रेसवे पर आपातकालीन सेवाएं, रेस्टोरेंट, और पेट्रोल पंप जैसी सुविधाएं होंगी, जो यात्रा के दौरान यात्रियों को आरामदायक अनुभव प्रदान करेंगी। अगर किसी यात्री को यात्रा के दौरान कोई मेडिकल इमरजेंसी होती है, तो एक्सप्रेसवे पर आपातकालीन सेवाएं तुरंत उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, लंबे रास्ते पर थकावट से बचने के लिए रेस्टोरेंट और आराम करने के लिए शेल्टर प्वाइंट्स भी बनाए जाएंगे। पेट्रोल पंप्स पर वाहन चालकों को बिना किसी परेशानी के पेट्रोल भरने की सुविधा मिलेगी। इन सुविधाओं से यात्रियों को सफर के दौरान किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
आर्थिक विकास और क्षेत्रीय समृद्धि
दोस्तों, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण केवल एक सड़क मार्ग नहीं है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि अब लोगों के लिए देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में व्यापार करना, निवेश करना, और पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देना बहुत आसान हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से पर्यटन क्षेत्र को भी काफी बढ़ावा मिलेगा। देहरादून और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पर्यटन की बहुत संभावनाएं हैं। जब दिल्ली से देहरादून तक का रास्ता मात्र ढाई घंटे में तय किया जा सकेगा, तो पर्यटक आसानी से इन पहाड़ी क्षेत्रों में छुट्टियां मनाने के लिए जा सकेंगे। इसके अलावा, व्यापारिक दृष्टिकोण से भी यह एक्सप्रेसवे महत्वपूर्ण साबित होगा, क्योंकि इससे व्यापार के लिए समय और लागत में कमी आएगी।
फायदा क्या होगा
किसान भाइयों, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास, पर्यावरण संरक्षण और यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा अनुभव प्रदान करेगा। इसके बनने से दिल्ली और देहरादून के बीच का सफर काफी आसान और तेज़ हो जाएगा, जिससे लाखों लोग इसका फायदा उठा सकेंगे। यह एक्सप्रेसवे न केवल दिल्ली और उत्तराखंड के लोगों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना साबित होगा। दिल्ली देश की राजधानी होने के कारण इस एक्सप्रेसवे के जरिए उत्तराखंड के औद्योगिक क्षेत्र को और अधिक बढ़ावा मिलेगा और उद्यमियों के लिए उद्योग करना और भी आसान हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के जरिए उद्यमियों को उद्योग के लिए ट्रांसपोर्ट की सुविधा अत्यंत ही कम लागत में और सुविधा पूर्वक प्राप्त होगी।
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।