Movie prime

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे को लेकर आई नई अपडेट | 2 साल की हो सकती है देरी

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे को लेकर आई नई अपडेट | 2 साल की हो सकती है देरी
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

दोस्तों, भारत में परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से सरकार ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसी एक महत्वपूर्ण परियोजना को मंजूरी दी थी। यह एक्सप्रेसवे भारत के सबसे बड़े राजमार्ग प्रोजेक्ट्स में से एक है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 1,382 किलोमीटर होगी। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा समय को मौजूदा 24 घंटे से घटाकर 12 घंटे करना है।

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को इस 1 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली महत्वाकांक्षी परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और मंत्रालय के अधिकारियों को निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। यह एक्सप्रेसवे छह राज्यों - दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा। इसे भारत की सबसे लंबी एक्सप्रेसवे परियोजना माना जा रहा है, जो देश के बुनियादी ढांचे को एक नई दिशा देने में मदद करेगा। इस परियोजना को पहले मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर अक्टूबर 2025 कर दिया गया। हालांकि, हाल ही में जारी प्रगति रिपोर्ट और केंद्रीय मंत्री हरश मल्होत्रा के बयान के अनुसार, अब इसके 2026 से 2027 तक खिंचने की संभावना जताई जा रही है।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे निर्माण में देरी के कारण

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना की पूर्णता में लगभग दो साल की और देरी हो सकती है। इस पूरे एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट में गुजरात के तीन सेक्शनों में सबसे ज्यादा देरी हो रही है। इन तीन हिस्सों की कुल लंबाई लगभग 87 किलोमीटर है। इनमें से एक 35 किलोमीटर के खंड में अभी तक कोई भौतिक प्रगति नहीं हुई है, जबकि शेष दो खंडों में केवल 7% और 35% काम ही पूरा हो पाया है। विशेषज्ञों के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) या एक्सप्रेसवे की किसी भी नई परियोजना को पूरा होने में औसतन दो साल का समय लगता ही है। 

इस 1,382 किलोमीटर लंबी एक्सप्रेसवे परियोजना को विभिन्न छोटे पैकेजों में विभाजित किया गया था, ताकि निर्माण कार्य को एक साथ किया जा सके। शुरू में मार्च 2024 को परियोजना की डेडलाइन तय की गई थी, जिसे बाद में अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दिया गया। हालांकि, हाल ही में दिल्ली चुनाव से पहले सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा था कि पूरी परियोजना 2026 या 2027 तक ही पूरी हो पाएगी। उन्होंने इसके लिए भूमि अधिग्रहण से जुड़ी चुनौतियों और अन्य तकनीकी व लॉजिस्टिक समस्याओं को जिम्मेदार ठहराया था।

इस एक्सप्रेसवे को तेजी से पूरा करने के लिए इसे छोटे-छोटे पैकेजों में बांटा गया। इसका उद्देश्य था कि अलग-अलग हिस्सों में एक साथ काम हो और समय की बचत हो। इनको तीनों पैकेजों मे डिवाइड करके एक ही ठेकेदार को जिम्मा दिया गया, लेकिन वह सभी जगह एक साथ काम नहीं कर पाया। इसलिए अलग-अलग कंपनियों को टेंडर दिए गए और निर्माण एक साथ कई हिस्सों में शुरू हुआ। कुछ कंपनियों ने अपनी क्षमता से ज्यादा प्रोजेक्ट ले लिए, जिससे डेडलाइन पर काम पूरा नहीं हो सका।

 एक्सप्रेसवे पर कैसा चल रहा कार्य 

सूत्रों की मानें तो हरियाणा में निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और राजस्थान में पड़ने वाले सभी खंड मार्च-अप्रैल 2026 तक यातायात के लिए तैयार हो जाएंगे। इसके साथ ही, मार्च 2025 तक दिल्ली से हरियाणा होते हुए राजस्थान( वडोदरा) तक बिना किसी रुकावट के एक्सप्रेसवे से यात्रा आसानी से की जा सकती है। महाराष्ट्र में अधिकांश खंड इसी वर्ष के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। हालांकि, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (JNPT) से जुड़ने वाले 21 किलोमीटर लंबे लिंक रोड का निर्माण अभी बाकी है। पहले इस खंड का निर्माण महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) को करना था, लेकिन अब इस काम की जिम्मेदारी एनएचएआई को दी गई है। इस खंड की अनुमानित लागत का आकलन जल्द ही पूरा किया जाएगा। मध्य प्रदेश मे भी काम तेजी से आगे बढ़ा है और 90% से अधिक प्रगति हो चुकी है। गुजरात मे जैसा कि पहले बताया गया, यहां तीन प्रमुख हिस्सों में देरी है।

👉 चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट

👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव

👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।