दिल्ली NCR में बनेगा नया शहर | इन 15 गांवों की ज़मीन बिकेगी सोने के रेट
दोस्तों, हाल ही में उत्तर प्रदेश में एक बड़ी योजना की घोषणा की गई है, जिसका सीधा असर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के विकास पर पड़ेगा। यह योजना नोएडा के आसपास एक नया शहर बसाने की है, जिसे 'न्यू नोएडा' नाम दिया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य इलाके के 80 गांवों में विकास की गति को तेज़ करना है, जिससे यहाँ रहने वाले लोग न केवल बेहतर जीवनशैली का अनुभव करेंगे, बल्कि उनके आर्थिक हालात भी सुधरेंगे। इस नई योजना के पहले चरण में 15 गांवों की ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जिससे हजारों ग्रामीण किसान अपने खेतों के बदले करोड़पति बन सकते हैं। किसानों को विश्वास में लेने के लिए एक पूरी प्रक्रिया बनाई गई है, जिसमें उनकी सहमति से ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इस परियोजना के तहत नए शहर के निर्माण के साथ-साथ औद्योगिक, आवासीय और ग्रीन एरिया के विकास की योजना बनाई गई है, ताकि यह शहर न केवल आधुनिक हो, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हो। तो चलिए जानते हैं शहर के क्या-क्या खासियतें हैं और इससे होने वाले फायदों के बारे में इस रिपोर्ट के माध्यम से।
ज़मीन अधिग्रहण प्रक्रिया
दोस्तों, दिल्ली एनसीआर में नोएडा के नए सेक्टर और न्यू नोएडा के लिए ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया हाल ही में शुरू हो चुकी है। नोएडा प्राधिकरण ने इसके लिए एक सलाहकार कंपनी 'टीला' को नियुक्त किया है, जो किसानों से ज़मीन खरीदने का काम करेगी। यह प्रक्रिया किसानों की सहमति पर आधारित होगी, और कंपनी के अधिकारी इस मामले में किसानों से सीधी बातचीत करेंगे। इस बातचीत का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ज़मीन का अधिग्रहण पूरी तरह से पारदर्शी हो और किसानों को कोई भी परेशानी न हो। इस योजना को सफलतापूर्वक पूरा बनाने के लिए सबसे पहले सेक्टर-161 में ज़मीन अधिग्रहण की योजना बनाई गई है, और इसके बाद न्यू नोएडा के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ज़मीन के अधिग्रहण के लिए ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (EPE) के पास स्थित गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी। इनमें जोखाबाद और सांवली जैसे गांव शामिल हैं, जहां अस्थाई कार्यालय बनाए जाएंगे ताकि किसानों और अधिकारियों के बीच आपसी सहमति बनाई जा सके।
80 गांवों की ज़मीन पर बसने की योजना
साथी, न्यू नोएडा परियोजना के तहत 80 गांवों की ज़मीन पर नया शहर बसाने की योजना है। पहले चरण में 15 गांवों की ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें करीब 3,165 हेक्टेयर ज़मीन शामिल है। इस परियोजना का मास्टर प्लान चार चरणों में पूरा होगा, और इसे 2041 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। आगे के चरणों में 2027 से 2032 तक लगभग 3,798 हेक्टेयर ज़मीन, 2032 से 2037 तक 5,908 हेक्टेयर और 2037 से 2041 तक 8,230 हेक्टेयर ज़मीन का विकास किया जाएगा। इस तरह, यह परियोजना लंबी अवधि में पूरा होगी और धीरे-धीरे ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
न्यू नोएडा मास्टर प्लान
साथियों, न्यू नोएडा मास्टर प्लान 2041 के तहत यह नया शहर बनाना एक बहुत बड़ी योजना है, जिसमें विकास के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखा गया है। इस योजना के अनुसार, कुल 40% ज़मीन औद्योगिक विकास के लिए आरक्षित की जाएगी, ताकि यहाँ की औद्योगिक गतिविधियाँ बढ़ सकें। इसके अलावा, 13% ज़मीन आवासीय विकास के लिए और 18% ज़मीन ग्रीन एरिया और मनोरंजन गतिविधियों के लिए रखी जाएगी। इस योजना के तहत इसमें विशेष ध्यान दिया जाएगा कि यह शहर न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हो, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हो। गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 80 गांवों को मिलाकर यह नया शहर तैयार किया जाएगा, और इसकी अनुमानित जनसंख्या लगभग 6 लाख होने की संभावना है।
किसानों से सहमति पर जोर
दोस्तों, न्यू नोएडा परियोजना की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार द्वारा इस योजना को सफल बनाने के लिए किसानों से सहमति किस तरह से प्राप्त की जाती है। यही कारण है कि इस योजना को किसानों की सहमति से पूरी करने के लिए प्राधिकरण और सलाहकार कंपनी 'टीला' के अधिकारी लगातार किसानों से बातचीत कर रहे हैं, ताकि वे अपनी ज़मीन के बदले उचित मुआवजा प्राप्त कर सकें। इस प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी रखा जाएगा, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों के अधिकारों का उल्लंघन न हो। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा एक कमेटी गठित की जाएगी और इस कमेटी के द्वारा किसानों से सहमति प्राप्त करने के लिए हर गांव में औसतन 200 किसान परिवारों से बातचीत की जाएगी। यह प्रक्रिया आपसी सहमति और विश्वास के आधार पर होगी, ताकि कोई भी किसान बिना अपनी इच्छाशक्ति के ज़मीन नहीं देगा। इस तरह से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी किसान इस प्रक्रिया से असंतुष्ट न हो और सभी को उनके अधिकारों का पूरा-पूरा लाभ मिले।
समग्र विकास की दिशा
दोस्तों, न्यू नोएडा परियोजना से क्षेत्र में न केवल औद्योगिक और आवासीय विकास को गति मिलेगी, बल्कि यह शहर समग्र रूप से एक विकसित और आत्मनिर्भर शहर के रूप में उभरेगा। यहाँ के लोग बेहतर जीवन सुविधाओं का लाभ उठाएंगे और यहाँ की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। इसके अलावा, ग्रीन एरिया और मनोरंजन गतिविधियों पर भी ध्यान दिया जाएगा, जिससे यह शहर रहने के लिए न केवल सुविधाजनक, बल्कि पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित रहेगा। बल्कि यह कहना गलत नहीं होगा कि यह परियोजना न केवल नोएडा बल्कि पूरे दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जो आने वाले वर्षों में समृद्धि और विकास की नई राह खोलेगी।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।