सरकार धान की खेती के लिए देगी 4000 रुपये प्रति एकड़ | जाने सरकार की क्या है शर्त है
हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों को एक बड़ी राहत देते हुए धान की खेती करने वाले किसानों को 4000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। हालांकि, यह सहायता सभी किसानों को नहीं मिलेगी, बल्कि केवल उन किसानों को ही यह लाभ मिलेगा जो अपनी खेती की परंपरागत विधियों में बदलाव लाने के लिए तैयार हैं। सरकार का मानना है कि धान की सीधी बिजाई (DSR) तकनीक से खेती करने पर पानी की बचत होती है और पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचता है। इसलिए सरकार उन किसानों को प्रोत्साहित करना चाहती है जो इस तकनीक को अपनाते हैं। जो किसान धान की सीधी बिजाई की तकनीक का उपयोग करके खेती करते हैं, उन्हें इस योजना का लाभ उठाने के लिए खुद को रजिस्टर करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद सरकार किसानों द्वारा दी गई जानकारी का सत्यापन करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों ने वास्तव में धान की सीधी बिजाई की तकनीक का उपयोग किया है। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, पात्र किसानों को 4000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित कर दी जाएगी। इस योजना के माध्यम से सरकार किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है और साथ ही पानी के संरक्षण को भी बढ़ावा देना चाहती है।
हरियाणा सरकार ने धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। राज्य के कृषि विभाग ने बताया है कि जिन किसानों ने धान की सीधी बिजाई की है, वे 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। यह पोर्टल 11 अगस्त से 18 अगस्त 2024 तक खुला रहेगा। जो किसान पहले रजिस्ट्रेशन करवाने से चूक गए थे, उनके पास अब एक और मौका है। वे इस पोर्टल पर जाकर अपनी जानकारी दर्ज कर सकते हैं। किसानों को पोर्टल पर यह बताना होगा कि उन्होंने कितने क्षेत्रफल में धान की फसल की सीधी बिजाई की है। यह रजिस्ट्रेशन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार ने धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों को 4000 रुपये प्रति एकड़ की आर्थिक सहायता देने का वादा किया है। इस राशि का लाभ उठाने के लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है।
किसानों के लिए सुनहरा मौका 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल दोबारा खोला
हरियाणा सरकार ने धान की सीधी बिजाई (DSR) करने वाले किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। कृषि विभाग के एक प्रवक्ता के अनुसार, जिन किसानों ने धान की सीधी बिजाई की थी लेकिन किसी कारणवश 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए थे, उनके लिए पोर्टल को दोबारा खोल दिया गया है। डीएसआर तकनीक खेती के लिए एक बेहतर विकल्प है और सरकार इस तकनीक को अपनाने वाले किसानों को प्रोत्साहित करना चाहती है। इसलिए, जिन किसानों ने इस तकनीक से धान की खेती की है, उनके लिए यह एक सुनहरा मौका है कि वे पोर्टल पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाएं और सरकार द्वारा दी जा रही आर्थिक सहायता का लाभ उठाएं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह डीएसआर तकनीक से धान की खेती करने के बदले आर्थिक लाभ पाने का अंतिम मौका है। इसलिए, सभी पात्र किसानों से अपील है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और जल्द से जल्द पोर्टल पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें।
धान की सीधी बुवाई (DSR) से पानी की होती है बचत
हरियाणा सरकार ने किसानों को धान की खेती में पानी की बचत करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। सरकार का दावा है कि धान की सीधी बुवाई (DSR) की विधि से लगभग 20% पानी की बचत की जा सकती है। यह विधि पारंपरिक रोपाई की विधि के मुकाबले काफी कम पानी में धान की खेती करने में मदद करती है। राज्य में भूजल स्तर लगातार गिर रहा है, जिसके मुख्य कारणों में से एक धान की खेती में पानी का अत्यधिक उपयोग है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने 'मेरा पानी मेरी विरासत' नामक एक और योजना शुरू की है। इस योजना के तहत उन किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता दी जाती है जो धान की खेती छोड़कर कम पानी वाली फसलें लगाते हैं। इन दोनों योजनाओं का मुख्य उद्देश्य राज्य में भूजल स्तर को बनाए रखना और किसानों को पानी की बचत करने के लिए प्रोत्साहित करना है। धान की सीधी बुवाई की विधि को अपनाकर किसान न केवल पानी की बचत कर सकते हैं बल्कि अपनी उत्पादकता में भी वृद्धि कर सकते हैं।
हरियाणा में भूजल संकट के चलते की योजना शुरू
हरियाणा राज्य में भूजल का स्तर लगातार गिर रहा है और यह स्थिति चिंताजनक है। इस गंभीर समस्या का मुख्य कारण कृषि क्षेत्र में पानी का अत्यधिक दोहन है। राज्य के कुल 7287 गांवों में से 3041 गांवों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है और 1948 गांव तो गंभीर जल संकट से जूझ रहे हैं। इस बढ़ते जल संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार ने कई पहल की हैं। इन पहलों का मुख्य उद्देश्य किसानों को कम पानी वाली फसलों की खेती करने और पानी बचाने के लिए प्रोत्साहित करना है। सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को आर्थिक सहायता और तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है ताकि वे पारंपरिक खेती के तरीकों से हटकर नई और अधिक कुशल तरीकों को अपना सकें। यह स्पष्ट है कि हरियाणा में भूजल संकट एक गंभीर चुनौती है। इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार और किसानों को मिलकर काम करना होगा। किसानों को पानी बचाने के महत्व को समझना होगा और सरकार को किसानों को हर संभव मदद प्रदान करनी होगी।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।