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तुअर किसानों के लिए खुशखबरी | जल्द MSP पर खऱीद होगी शुरू | जाने क्या मिलेगा रेट

तुवर दाल
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किसान साथियों मध्य प्रदेश में 15 मार्च से गेहूं खरीद प्रक्रिया तेजी से चल रही है, जिसमें किसानों को पोर्टल पर पंजीकरण और स्लॉट बुकिंग की सुविधा दी जा रही है। इसी बीच, तुअर की खेती करने वाले किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे तुअर उत्पादक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। राज्य सरकार ने खरीफ वर्ष 2024 में तुअर उत्पादक 43 जिलों के पंजीकृत किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹7550 प्रति क्विंटल पर तुअर खरीदने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत, मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (MP MARKFED) द्वारा किसानों से तुअर की खरीद की जाएगी। यह निर्णय किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने और दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। तुअर की खेती करने वाले किसानों को पहले अक्सर बाजार में उचित मूल्य न मिलने की समस्या का सामना करना पड़ता था, लेकिन सरकार के इस कदम से उन्हें निश्चित रूप से राहत मिलेगी।

दलहन उत्पादन और तुअर की मांग

साथियों मध्य प्रदेश में दलहन की खेती बड़े पैमाने पर होती है। वर्ष 2024 में राज्य में कुल 14,52,313 हेक्टेयर भूमि पर दलहन की खेती की गई, जिससे लगभग 9,38,936 मीट्रिक टन दलहन का उत्पादन हुआ। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि राज्य में दलहन की खेती का योगदान कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। बाजार में तुअर यानी अरहर दाल की मांग हमेशा बनी रहती है। भारतीय घरों में तुअर दाल एक प्रमुख खाद्य पदार्थ है, जो इसकी अधिक खपत का कारण बनता है। तुअर की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार किसानों को बेहतर कीमत और उचित बाजार उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। केंद्र सरकार ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं और तुअर, उड़द तथा मसूर के पूरे उत्पादन की खरीद सुनिश्चित करने का वादा किया है। इससे किसानों को अपनी फसल बेचने की चिंता से मुक्ति मिलेगी और वे खेती में अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।

सरकारी योजना और लक्ष्य ?

राज्य सरकार ने 2024-25 के लिए तुअर खरीद का एक बड़ा लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य के तहत सरकार ने 1,27,000 मीट्रिक टन तुअर दाल की खरीद का लक्ष्य रखा है, जिसे मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ भोपाल के माध्यम से पूरा किया जाएगा। यह खरीद मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत की जाएगी, जिससे दलहन किसानों को अधिक लाभ मिलेगा। राज्य सरकार द्वारा इस योजना के कार्यान्वयन के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। इसके लिए राज्य के विभिन्न जिलों में खरीद केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां किसान अपनी उपज बेच सकेंगे।

पोर्टल और प्रक्रिया

दोस्तों तुअर की खरीद नैफेड के ई-समृद्धि पोर्टल और एनसीसीएफ के संयुक्त पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। जिन किसानों ने पहले से इन पोर्टलों पर पंजीकरण किया हुआ है, वे अपनी फसल बेच सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और ऑनलाइन होगी, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी और किसानों को उचित मूल्य मिलेगा। केंद्र सरकार ने भी इस खरीद प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए नैफेड और एनसीसीएफ जैसी केंद्रीय नोडल एजेंसियों को अधिकृत किया है। इसके तहत सरकार किसानों से उनकी उपज का 100% खरीदेगी, जिससे किसानों को बाज़ार में कीमत गिरने की चिंता नहीं होगी। यह कदम कृषि क्षेत्र में स्थिरता लाने और किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।

तुअर की खेती और उपयुक्त जलवायु

तुअर दाल का उत्पादन मुख्य रूप से शुष्क और नमी वाले क्षेत्रों में किया जाता है। इसकी खेती के लिए उपयुक्त तापमान 18 से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है, जिससे यह भारत के कई हिस्सों में आसानी से उगाई जा सकती है। तुअर की बुवाई के लिए जून-जुलाई का महीना सबसे अनुकूल माना जाता है। बेहतर उपज प्राप्त करने के लिए तुअर की खेती मटियार दोमट मिट्टी या रेतीली दोमट मिट्टी में की जानी चाहिए। इस फसल के लिए अच्छी सिंचाई प्रणाली आवश्यक होती है, लेकिन यह फसल सूखा सहिष्णु भी होती है। सरकार द्वारा तुअर उत्पादक किसानों को तकनीकी सहायता और उन्नत बीज प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं दलहन के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने, किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और दालों के आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए सरकार नई योजनाएं लागू कर रही है। इस वर्ष की मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत तुअर, उड़द और मसूर दाल की खरीद को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे किसानों को लाभ पहुंचे।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।