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मात्र 7% ब्याज पर बिना गारन्टी दिए किसानो को मिल रहा है लोन | जाने पूरी प्रक्रिया

मात्र 7% ब्याज पर बिना गारन्टी दिए किसानो को मिल रहा है लोन | जाने पूरी प्रक्रिया
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भारत में आमतौर पर किसी भी फ़सल के भाव बढ़ने का फायदा किसान को ना मिल कर बिचौलियों को मिलता है। इसके सबसे बड़ा कारण फ़सल का भंडारण करने की प्रॉपर सुविधा का ना होना है। लेकिन अब एक ऐसी योजना आ गई है जिसमें किसान ना केवल अपनी फसल का भण्डारण सही तरीके से कर पाएंगे बल्कि उन्हें इस पर लोन भी मिलेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ई-किसान उपज निधि' योजना के तहत किसानों को अपनी फसल सुरक्षित रखने और वित्तीय सहायता प्राप्त करने में मदद मिलती है। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। इस योजना का मुख्य लाभ यह है कि किसान वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) के पास रजिस्टर्ड गोदामों में अपनी फसल रखकर बिना किसी अतिरिक्त गिरवी रखे लोन प्राप्त कर सकते हैं। लोन 7 फीसदी ब्याज पर उपलब्ध है, जो कि बाजार दरों की तुलना में काफी कम है।

क्या है WDRA (वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी)

WDRA के तहत रजिस्टर्ड गोदाम किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित होते हैं, जो  उनकी फसल की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं WDRA (वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी) के तहत रजिस्टर्ड गोदामों की अच्छी तरह से निगरानी की जाती है और उनकी स्थिति को सुनिश्चित किया जाता है कि वे किसानों की उपज को सुरक्षित रख सकें। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीद (eNWR) एक डिजिटल वेयरहाउसिंग रसीद है जो पंजीकृत वेयरहाउस द्वारा जारी की जाती है और एक वैधानिक निकाय - वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) ऑफ़ इंडिया द्वारा नियंत्रित और शासित होती है इसका गठन 26 अक्टूबर 2010 को हुआ था
इन गोदामों में निम्नलिखित विशेषताएं होती है जैसे गोदामों में आधुनिक भंडारण सुविधाएं उपलब्ध होती हैं, जिससे फसल को उचित तापमान और नमी में रखा जा सके। इससे फसल की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिलती है। जैसे कि कीटनाशक और फफूंदनाशी का उपयोग, उचित वेंटिलेशन, और नमी नियंत्रण। साथ ही गोदामों  में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते हैं, जिससे चोरी या किसी अन्य प्रकार की क्षति का खतरा कम होता है। यह सुनिश्चित करता है कि किसानों की उपज सुरक्षित रहे।

इस योजना का फायदा कैसे उठाएं:

किसान अपनी फसल WDRA के पास रजिस्टर्ड गोदामों में जमा करें। गोदामों की सूची WDRA की वेबसाइट पर उपलब्ध होती है। फसल जमा करने के बाद, गोदाम से वेयरहाउस रसीद प्राप्त करें। यह रसीद एक कानूनी दस्तावेज होता है जो आपकी फसल की सुरक्षित जमा होने की पुष्टि करता है।  वेयरहाउस रसीद लेकर, किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान से संपर्क करें जो इस योजना के तहत लोन प्रदान कर रहे हों। रसीद दिखाने पर, बैंक 7 फीसदी ब्याज दर पर लोन प्रदान करेगा। प्राप्त लोन का उपयोग किसान अपनी विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कर सकते हैं, जैसे बीज, खाद, कीटनाशक, सिंचाई, और अन्य कृषि संबंधी खर्चों के लिए।  जब फसल का बाजार भाव अच्छा हो, तब किसान अपनी फसल बेच सकते हैं और लोन का भुगतान कर सकते हैं। इससे उन्हें उचित मूल्य पर फसल बेचने का अवसर मिलता है और लोन की समय पर अदायगी भी हो जाती है।

रजिस्टर्ड गोदामों में फसल रखने के लाभ

रजिस्टर्ड गोदामों में फसल रखने पर किसानों को वेयरहाउस रसीद मिलती है, जिसे वे बैंक या वित्तीय संस्थानों में प्रस्तुत कर आसानी से लोन प्राप्त कर सकते हैं। उन्नत इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा उपायों के कारण फसल के खराब होने का खतरा काफी कम हो जाता है। फसल सुरक्षित रूप से संग्रहित होने के कारण किसान उचित समय पर, जब बाजार में अच्छे भाव मिल रहे हों, तब अपनी फसल बेच सकते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है।गोदाम में फसल रखने पर आसानी से लोन मिलने से किसानों को अपनी अन्य आवश्यकताओं को भी पूरा करने में मदद मिलती है।

'ई-किसान उपज निधि' और ई-एनएएम के फायदे

'ई-किसान उपज निधि' और ई-एनएएम (e-NAM) के साथ, किसान एक इंटरकनेक्टेड मार्केट की प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में सक्षम होंगे। इससे वे अपनी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर या उससे ज्यादा दाम पर सरकार को बेच सकते हैं।
पिछले दशक में एमएसपी के जरिए सरकारी खरीद 2.5 गुना बढ़ी है। इसका मतलब है कि अधिक किसान अपनी उपज को सरकारी खरीद के माध्यम से अच्छे दाम पर बेच पा रहे हैं
ई-एनएएम एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो किसानों, व्यापारियों और अन्य कृषि संबंधित स्टेकहोल्डर्स को जोड़ता है। इससे किसानों को अपने उत्पाद की जानकारी और बेहतर मूल्य पर बेचने का अवसर मिलता है।
ई-एनएएम और 'ई-किसान उपज निधि' दोनों योजनाएं किसानों को अपनी उपज के भंडारण और विपणन की सुविधा प्रदान करती हैं। इससे वे अपनी उपज को सुरक्षित रख सकते हैं और अच्छे मूल्य पर बेच सकते हैं।
ये योजनाएं किसानों के वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देती हैं, जिससे उन्हें सस्ती और सुलभ वित्तीय सेवाएं मिलती हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और वे अपनी कृषि गतिविधियों को बेहतर तरीके से संचालित कर सकते हैं।
इससे किसानों की भंडारण की समस्या का समाधान होता है और उन्हें फसल कटाई के तुरंत बाद धन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता मिलती है।
किसान वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) के पंजीकृत गोदामों में अपनी उपज जमा करके आसानी से लोन प्राप्त कर सकते हैं। यह लोन प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाता है।
किसान बिना कुछ गिरवी रखे 7% ब्याज दर पर लोन प्राप्त कर सकते हैं। यह ब्याज दर बाजार की अन्य वित्तीय विकल्पों की तुलना में काफी कम है और किसानों के लिए सस्ती वित्तीय सहायता सुनिश्चित करती है।
इस योजना से भंडारण रसद आसान हो जाती है और किसानों की उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित होता है। वे उचित समय पर, जब बाजार में अच्छे भाव मिल रहे हों, तब अपनी फसल बेच सकते हैं।
किसानों को फसल कटाई के बाद बेहतर भंडारण के अवसर मिलते हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिलती है और फसल के खराब होने का खतरा कम होता है।

लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया

किसानों के लिए 'ई-किसान उपज निधि' योजना के तहत लोन प्राप्त करना अब और भी आसान हो गया है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
किसान अपनी फसल को वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) के रजिस्टर्ड गोदामों में जमा करें।
गोदाम में फसल जमा करने के बाद, किसान को वेयरहाउस रसीद प्राप्त होगी। यह रसीद एक कानूनी दस्तावेज है जो फसल की सुरक्षित जमा होने की पुष्टि करता है।
पहले किसानों को अपनी उपज का भंडारण करने के लिए 3% सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि का भुगतान करना पड़ता था। अब, इसे घटाकर केवल 1% कर दिया गया है,  
वेयरहाउस रसीद के साथ, किसान किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान से संपर्क कर सकते हैं जो इस योजना के तहत लोन प्रदान कर रहे हों। रसीद प्रस्तुत करने पर, बैंक 7% ब्याज दर पर लोन प्रदान करेगा।
प्राप्त लोन का उपयोग किसान अपनी विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कर सकते हैं, जैसे बीज, खाद, कीटनाशक, सिंचाई, और अन्य कृषि संबंधी खर्चों के लिए।

योजना के प्रमुख लाभ

सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि को 3% से घटाकर 1% कर दिया गया है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति पर कम बोझ पड़ता है। बिना किसी अतिरिक्त गिरवी के 7% ब्याज दर पर लोन मिलना, जो कि बाजार दरों की तुलना में काफी कम है। WDRA के रजिस्टर्ड गोदामों में उन्नत भंडारण सुविधाएं और सुरक्षा प्रबंध होते हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता बनी रहती है और खराब होने का खतरा कम होता है। वेयरहाउस रसीद के माध्यम से आसानी से और त्वरित लोन प्राप्त करना संभव होता है।

योजना के लाभ व प्रभाव

फसल सुरक्षित तरीके से गोदामों में रखी जाती है, जिससे खराब होने या चोरी होने का खतरा कम हो जाता है।  बिना किसी अतिरिक्त गिरवी रखे कम ब्याज दर पर लोन मिलना।  किसान फसल को तब बेच सकते हैं जब बाजार में उचित मूल्य मिल रहा हो। इस योजना से किसानों को वित्तीय सुरक्षा मिलती है, जिससे वे अपनी कृषि गतिविधियों को बिना किसी आर्थिक बाधा के बेहतर तरीके से संचालित कर सकते हैं। इसके साथ ही, भंडारण की बेहतर सुविधाओं के माध्यम से किसानों को अपनी उपज को सुरक्षित रखने और उचित मूल्य पर बेचने का अवसर मिलता है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होती है और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।

योजना से संबंधित जानकारी:

योजनाओ की विस्तृत जानकारी और लाभ लेने की प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी के लिए किसान WDRA की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं या अपने नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।