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साल 2025 अल नीनो बनेगा या ला नीना | जाने बारिश पर क्या हो सकता है असर

इस साल अल नीनो बनेगा या ला नीना | जाने बारिश पर क्या हो सकता है असर
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ला नीना और अल नीनो क्या होता है

दोस्तों ला नीना और एल नीनो प्रशांत महासागर में होने वाली मौसमी घटनाएं हैं, जो वैश्विक जलवायु को प्रभावित करती हैं। ला नीना में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से कम हो जाता है, जिससे भारतीय मानसून में अच्छी बारिश होती है ला नीना की स्थिति में मानसून के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा होती है और यह सूखे की स्थिति को रोकने में सहायक होती है। दूसरी ओर, अलनीनो सूखे और विलो-नॉर्मल स्थितियों का कारण बन सकता है। वहीं, अल नीनो में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है, जो भारतीय मानसून पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, सूखा और कम बारिश की स्थिति पैदा करता है। ला नीना के दौरान व्यापारिक हवाएं तेज होती हैं, जबकि एल नीनो में ये कमजोर हो जाती हैं। इन घटनाओं का प्रभाव कृषि, जल संसाधनों और मौसम की चरम स्थितियों पर पड़ता है, इसलिए इनके पूर्वानुमान और समझ का उपयोग मौसम और फसल प्रबंधन में किया जाता है

दोस्तों 2024 के मानसून के दूसरे भाग में ला नीना बनने की संभावना थी। हालांकि,यह नहीं बना और वर्षा न्यूट्रल परिस्थितियों में भी सामान्य से बेहतर रही। वर्तमान में तापमान -5 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच चुका है, जो ला नीना बनने के लिए आवश्यक सीमा को दर्शाता है। अमेरिका के नोवा क्लाइमेट प्रेडिक्शन सेंटर और ऑस्ट्रेलिया के ब्यूरो ऑफ मेट्रोलॉजी ने इसे अलग-अलग दृष्टिकोण से आंका है। संभावना है कि यह स्थिति कुछ महीनों तक बनी रहेगी और फिर से न्यूट्रल कंडीशन में लौट आएगी। इसका असर आगामी वर्ष के मानसून पर पड़ सकता है।

ला नीना और सर्दियों का संबंध

कई लोगों के बीच यह भ्रम है कि ला नीना के कारण अत्यधिक ठंड और अधिक सर्दियों की बारिश होती है। वास्तविकता में, इसका सर्दियों के मौसम से सीधा संबंध नहीं है। इस वर्ष भी, सामान्य से कम ठंड और कम सर्दियों की बारिश देखी गई है। ला नीना का मुख्य प्रभाव मानसून की बारिश पर पड़ता है, न कि सर्दियों के मौसम पर।

पश्चिमी विक्षोभ और मौसमी गतिविधियाँ

पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण उत्तर भारत में हाल ही में बारिश हुई थी। 19 से 22 जनवरी के बीच हिमालयी क्षेत्रों में भारी हिमपात की संभावना है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में 21 और 22 जनवरी से बारिश शुरू होगी।

राज्यवार मौसम का हाल

  • जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड: 20 से 23 जनवरी के बीच भारी हिमपात होगा। 22 और 23 जनवरी को हिमपात की तीव्रता बढ़ जाएगी।

  • पंजाब और हरियाणा: 21 जनवरी को हल्की बारिश की संभावना है, जो 22 और 23 जनवरी को बढ़कर पूरे क्षेत्र में फैल जाएगी।

  • उत्तर प्रदेश: पश्चिमी और मध्य भागों में 20 से 23 जनवरी के बीच बारिश होगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में मौसम साफ रहेगा।

  • राजस्थान: 21 और 22 जनवरी को उत्तरी और पूर्वी भागों में बारिश होगी। 23 जनवरी तक मौसम साफ हो जाएगा।

  • मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़: 22 जनवरी को हल्की बारिश ग्वालियर संभाग में हो सकती है। अन्य क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहेगा।

  • गुजरात और महाराष्ट्र: दोनों राज्यों में पूरे सप्ताह मौसम साफ रहेगा और तापमान में मामूली वृद्धि होगी।

  • दक्षिण भारत: तमिलनाडु, कर्नाटक, और केरल के दक्षिणी हिस्सों में 19 से 22 जनवरी के बीच बारिश बढ़ सकती है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मौसम शुष्क रहेगा।

  • पूर्वोत्तर भारत: यहाँ कोई विशेष मौसम गतिविधि नहीं होगी।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।