मौसम विभाग की बारिश और ठण्ड को लेकर आयी नयी अपडेट | जाने कैसा रहेगा अगले 3 दिन का मौसम
पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि ईरान के पूर्वी हिस्सों में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जिसका असर भारत के उत्तरी इलाकों में देखा जा रहा है। इसके कारण जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भारी बर्फबारी और बारिश हो रही है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी अगले कुछ दिनों तक तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। पंजाब और हरियाणा में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है, जिससे ठंड और बढ़ सकती है।
बीते 24 घंटों में मैदानी क्षेत्रों के कई शहरों में दिन का तापमान सामान्य से नीचे रिकॉर्ड किया गया। अलीगढ़ और कानपुर में तापमान 15.8°C रहा, जबकि फुरसतगंज और गंगानगर में 15.4°C दर्ज किया गया। मेरठ और शाहजहांपुर का तापमान क्रमशः 14.8°C और 14.7°C रहा। करनाल में सबसे कम अधिकतम तापमान 11.5°C दर्ज हुआ। ये आंकड़े यह दर्शाते हैं कि ठंड ने अपने चरम पर पहुंचकर जनजीवन को प्रभावित किया है।
दिल्ली एनसीआर में भीषण ठंड और घने कोहरे का सिलसिला जारी है। पिछले 24 घंटे में दिल्ली में न्यूनतम तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। अधिकतम तापमान 13 से 16 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 6 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। कोहरे के कारण जनजीवन बाधित है, और मौसम विभाग ने 4 से 6 जनवरी तक घने कोहरे और ठंडी हवाओं के साथ बारिश की संभावना है।
IMD ने उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, और राजस्थान में शीतलहर की स्थिति बनी रहेगी। पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा, असम, और मेघालय में देर रात और सुबह के समय धुंध छाई रह सकती है
उत्तर भारत में ठंड और कोहरे का प्रकोप
उत्तर भारत इस समय भीषण ठंड और घने कोहरे की चपेट में है। सड़कों पर कोहरे के कारण वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई है, और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में ठंड के और भी तेज होने और कई इलाकों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है है। इसके साथ ही दिल्ली एनसीआर सहित कई राज्यों में कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। पिछले 24 घंटे के दौरान उत्तर भारत के कई हिस्सों में विजिबिलिटी बेहद कम रही। दिल्ली के पालम और सफदरजंग, यूपी के आगरा और गोरखपुर, चंडीगढ़, जम्मू, पंजाब के अमृतसर और पठानकोट जैसे इलाकों में विजिबिलिटी लगभग शून्य रही। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में दृश्यता 50 मीटर तक दर्ज की गई। घने कोहरे ने यातायात पर बड़ा असर डाला, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ गई।
उत्तर भारत में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट देखी गई। मध्य प्रदेश के नौगांव में सबसे कम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कई इलाकों में तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया। उत्तर-पश्चिम भारत में तापमान 6 से 11 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। इसके अलावा, तेलंगाना और कर्नाटक में न्यूनतम तापमान में 1-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई, जबकि गुजरात और पश्चिम बंगाल में तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई।
5 जनवरी 2025 को मौसम
पर्वतीय क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ (WD) के प्रभाव से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, गिलगित-बाल्टिस्तान, और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में वर्षा और बर्फबारी होने की संभावना है। उत्तरी हरियाणा, चंडीगढ़, और आसपास के क्षेत्रों में हल्की बारिश संभव है। हालांकि, इसकी तीव्रता कम रहेगी। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी पर्वतीय क्षेत्रों और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों को प्रभावित करेगी।
6-9 जनवरी 2025
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों, जैसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, और उत्तर प्रदेश के उत्तरी भागों में ठंडी और शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलेंगी। इन क्षेत्रों में तापमान में गिरावट और घने कोहरे की संभावना रहेगी। पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी जारी रहेगी।
दक्षिण भारत और मध्य भारत के तटीय क्षेत्रों में, विशेषकर तमिलनाडु और केरल, में हल्की बारिश की संभावना है। इन क्षेत्रों में निचले दबाव के क्षेत्र बनने से नमी बढ़ेगी।
10-12 जनवरी 2025
10 जनवरी से एक नया पश्चिमी विक्षोभ हिमालयी क्षेत्रों में सक्रिय होगा, जिससे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी बढ़ेगी। मैदानी क्षेत्रों में पंजाब, हरियाणा, और दिल्ली में हल्की बारिश की संभावना बन सकती है। मध्य भारत में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, और गुजरात के कुछ भागों में भी हल्की बारिश हो सकती है
एल नीनो और ला नीना का प्रभाव और वर्तमान स्थिति
प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान औसत से नीचे होने के कारण "ला नीना" की स्थिति जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 तक प्रभावी रहने की संभावना है। नवंबर-दिसंबर 2024 के दौरान तापमान औसतन 0.8°C से 1°C तक नीचे रिकॉर्ड किया गया, जो ला नीना के सक्रिय होने का संकेत है। इसके परिणामस्वरूप, उत्तरी गोलार्ध में ठंड का प्रकोप बढ़ सकता है, और सर्दी अधिक तीव्र और लंबी हो सकती है। भारत में, ठंड के साथ-साथ बारिश की संभावना भी बनी रहती है, विशेषकर अगर पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी का संचार बना रहे।
यह स्थिति रबी फसलों, जैसे गेहूं और सरसों, के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन किसान मौसम की दैनिक अपडेट्स पर नजर रखें और ठंड व बारिश से जुड़ी कृषि प्रबंधन योजनाओं पर ध्यान दें। वर्तमान में, प्रशांत महासागर के नीनो 3.4 क्षेत्र में तापमान औसत से 1°C नीचे दर्ज किया गया है, जो ला नीना की स्थिति को पुष्ट करता है। फरवरी और मार्च के बाद इसका प्रभाव कम होने की संभावना है, लेकिन इस अवधि के दौरान मौसम में ठंड और नमी का असर प्रमुख रहेगा।
सौजन्य : मौसम विभाग👉 चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।