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प्याज में 25 से 40 दिन की अवस्था में करें इन 4 उर्वरकों का उपयोग, उत्पादन देखकर चौंक जाएंगे।

प्याज में 25 से 40 दिन की अवस्था में करें इन 4 उर्वरकों का उपयोग, उत्पादन देखकर चौंक जाएंगे।
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प्याज में 25 से 40 दिन की अवस्था में करें इन 4 उर्वरकों का उपयोग, उत्पादन देखकर चौंक जाएंगे।

राम राम किसान भाइयों। किसान भाइयों, आज हम बात करेंगे प्याज की खेती के बारे में। और खासकर उस समय के बारे में जब हमारी प्याज की फसल लगभग 25 से 40 दिन की हो जाती है। यानी जब आपकी प्याज की फसल इस अवस्था में हो, तो आपको जानना चाहिए कि इस समय कौन सी खादें डालनी चाहिए और इन खादों की सही मात्रा क्या होनी चाहिए। प्याज की खेती में सही खाद और सही मात्रा का उपयोग फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बहुत प्रभावित करता है। यदि हम सही समय पर सही खाद का उपयोग करते हैं, तो प्याज का कंद बड़ा और सुंदर बनेगा, और फसल में किसी भी प्रकार के रोग या कीट का असर नहीं होगा। इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि प्याज की फसल में 25 से 40 दिन की अवस्था में कौन सी चार खादों का उपयोग करना चाहिए और इनका प्रभाव कैसे होता है। इन चार खादों का सही समय पर और सही मात्रा में उपयोग करके आप अपनी प्याज की फसल से अच्छा और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। इन खादों का संयोजन प्याज के कंद को बड़ा और सुंदर बनाता है, और फसल को रोगों और कीटों से सुरक्षित रखता है। किसान भाइयों, ध्यान रखें कि खाद का अधिक उपयोग नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए हमेशा सही मात्रा में ही खाद का उपयोग करें। इन आसान तरीकों को अपनाकर आप अपनी प्याज की फसल में बेहतरीन परिणाम प्राप्त कर सकते हैं और अपनी मेहनत का पूरा फल पा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं, इस समय कौन सी खादें सबसे उपयुक्त रहेंगी ताकि प्याज की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सके। जानने के लिए आई शुरू करते हैं यह रिपोर्ट।

ह्यूमिक एसिड का उपयोग

किसान साथियों, प्याज की फसल के बेहतरीन उत्पादन के लिए हम सबसे पहले बात करते हैं ह्यूमिक एसिड की। ह्यूमिक एसिड एक प्रकार का जैविक पदार्थ है, जिसे आमतौर पर 98% प्यूरीटी वाला खरीदा जाता है। इस खाद का उपयोग प्याज की फसल में बहुत महत्वपूर्ण होता है, खासकर तब जब फसल लगभग 25 से 40 दिन की अवस्था में हो। ह्यूमिक एसिड का मुख्य काम है जड़ों की वृद्धि को बढ़ाना। यह फसल की जड़ों को मजबूत बनाता है और उन्हें गहरी जड़ें बनने में मदद करता है। जब प्याज की जड़ें अच्छी तरह से विकसित होती हैं, तो उसका कंद भी बड़ा और मजबूत बनता है। ह्यूमिक एसिड से प्याज की जड़ों को सभी आवश्यक पोषक तत्व आसानी से मिलते हैं, जिससे फसल का स्वस्थ विकास होता है। इसके अलावा, जब प्याज की जड़ें मजबूत होती हैं, तो फसल को अधिक पानी और पोषक तत्वों की जरूरत कम होती है, जिससे कम पानी में भी फसल की वृद्धि सही रहती है। इस खाद का उपयोग लगभग 2 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से किया जाना चाहिए।

 यूरिया का उपयोग

किसान साथियों, जैसा कि आपको पता है किसी भी फसल की बढ़िया वृद्धि के लिए यूरिया का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसी प्रकार प्याज की फसल में यूरिया का उपयोग नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए किया जाता है। नाइट्रोजन प्याज की पौधों की हरी पत्तियों और ऊपरी विकास के लिए जरूरी होता है। जब आपकी प्याज की फसल लगभग 30 से 40 दिन की होती है, तो यूरिया की सही मात्रा डालना बेहद महत्वपूर्ण होता है। यदि आप यूरिया का सही तरीके से उपयोग करते हैं, तो फसल में हरी पत्तियां बढ़ेंगी और पौधे स्वस्थ बने रहेंगे। 28 से 30 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ की मात्रा प्याज की फसल के लिए उपयुक्त रहती है। ध्यान रखें कि यूरिया की अधिक मात्रा डालने से फसल की जड़ों में नुकसान हो सकता है और कंद की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है। यूरिया को छोटे-छोटे अंतरालों में डालें ताकि यह सही तरीके से फसल को लाभ पहुंचा सके।

बायो व्हटा का उपयोग

किसान भाइयों, अब बात करते हैं बायो व्हटा की। बायो व्हटा एक जैविक खाद है जो विशेष रूप से प्याज की फसल के लिए तैयार की जाती है। इसमें ऐसे सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं जो प्याज के विकास को बढ़ावा देते हैं। यह खाद प्याज की जड़ों को अधिक पोषण देती है और फसल के रोगों से बचाव में भी मदद करती है। बायो व्हटा को आमतौर पर 4 किलोग्राम प्रति एकड़ की मात्रा में डाला जाता है। यह खाद प्याज की फसल में सूक्ष्म जीवाणुओं की सक्रियता बढ़ाती है, जो मिट्टी में पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करते हैं। इससे प्याज के कंद का आकार बड़ा और गुणवत्ता बेहतर होती है। इसके साथ ही, बायो व्हटा से कीटों और रोगों से भी बचाव होता है, क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से प्रतिरक्षा को बढ़ाता है।

 कीटनाशक का उपयोग (Fipronil)

किसान भाइयों, प्याज की फसल के बढ़िया उत्पादन और गुणवत्ता के लिए जितने आवश्यक पोषक तत्व होते हैं उतनी ही आवश्यकता फसल को कीटों के प्रकोप से बचने की भी होती है। प्याज की फसल में कीटों और रोगों का अटैक एक आम समस्या हो सकती है। खासकर जब फसल 25 से 40 दिन की होती है, तो कीटों का प्रकोप अधिक हो सकता है। इसलिए इस समय पर फिप्रोनिल (Fipronil) जैसे कीटनाशक का उपयोग बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। फिप्रोनिल एक दानेदार कीटनाशक है, जो फसल में लगने वाले कीटों और कीटजनित रोगों को नियंत्रित करने में मदद करता है। आप इसे 3 से 4 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से डाल सकते हैं। यह न केवल कीटों से बचाव करता है, बल्कि प्याज की फसल को सड़न और रोगों से भी सुरक्षित रखता है। फिप्रोनिल का उपयोग जड़ों के पास और पौधे के आसपास करना चाहिए ताकि यह पूरी फसल में असर दिखा सके। यह कीटनाशक मिट्टी में घुलकर जड़ों को भी सुरक्षित रखता है और फसल में किसी प्रकार की बीमारियों को फैलने से रोकता है।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।