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धान रोपाई से पहले रखें इन बातों का ध्यान। बाद में नहीं पड़ेगा पछताना

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किसान भाइयों, धान की खेती हमारे देश की सबसे महत्वपूर्ण फसलों में से एक है। यह न सिर्फ हमारे खाद्य सुरक्षा का आधार है, बल्कि लाखों किसानों की आजीविका भी इसी पर निर्भर करती है। लेकिन धान की अच्छी पैदावार लेने के लिए सही समय पर सही तरीके से रोपाई करना और उचित मात्रा में खाद व कीटनाशकों का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। अगर इन बातों को ध्यान में न रखा जाए, तो फसल का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। इसलिए आज हम बात करेंगे धान की रोपाई से जुड़ी बेहद जरूरी जानकारी पर, जिससे आपके खेतों की पैदावार में जबरदस्त बढ़ोतरी हो सकती है। इस रिपोर्ट में हम विस्तार से जानेंगे कि धान की रोपाई के समय कौन-कौन से खाद, कीटनाशक (pesticide) और फफूंदनाशक (fungicide) का उपयोग करना चाहिए, वो भी कितनी मात्रा में और किस क्रम से ताकि आपकी फसल की बढ़वार (growth) मजबूत हो, जड़ों का विकास अच्छा हो और कल्ले (tillers) ज़्यादा निकलें। क्योंकि इसके सही तरीके से उत्पादन के लिए सिर्फ खेत तैयार करना या पानी देना ही काफी नहीं होता। सही उम्र की नर्सरी, उचित मात्रा में खाद, और सटीक समय पर कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्व देना उतना ही जरूरी है। कई बार किसान साथी यही सोचकर गलतियां कर बैठते हैं कि जितना ज्यादा खाद डालेंगे, उतनी ज्यादा फसल मिलेगी। लेकिन ऐसा नहीं है, संतुलन और समय सबसे जरूरी चीज़ है। तो चलिए इन सब के बारे में विस्तार से जानते हैं इस रिपोर्ट में।

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धान की नर्सरी

धान की रोपाई करने से पहले सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नर्सरी कितने दिन की होनी चाहिए। अगर पौधे बहुत छोटे होंगे, तो वे अच्छी तरह से विकास नहीं कर पाएंगे, और अगर पौधे बहुत पुराने हो जाएंगे, तो उनकी टिल्लिंग (कल्ले फूटना) कम होगी। इसलिए रोपाई से पहले धान की नर्सरी 21 से 25 दिन की होनी चाहिए। क्योंकि अगर आप 20 दिन से कम उम्र की पौध लगाते हैं, तो पौधे बहुत नाजुक होते हैं और जड़ें पूरी तरह से विकसित नहीं हो पातीं। इससे पौधे की ग्रोथ धीमी हो जाती है। और अगर पौध 30 दिन से ज्यादा पुरानी हो जाती है, तो वह ज्यादा टिल्लिंग नहीं कर पाती, जिससे उत्पादन प्रभावित होता है। इसलिए धान की रोपाई के लिए 21-25 दिन की नर्सरी सबसे बेस्ट होती है।

खाद कब डालें

साथियों, धान की रोपाई में एक बड़ा सवाल यह उठता है कि खाद को रोपाई से पहले डालना चाहिए या बाद में। तो आपको बता दें कि आप इनमें से दोनों ही तरीके अपना सकते हैं लेकिन इसमें आपको कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। यदि आप धान रोपाई से पहले खाद डाल रहे हैं तो खेत की अच्छी तरह से जुताई करके खाद को मिट्टी में मिला दें - इससे पौधों को शुरुआत से ही पोषण मिलता है। यह तरीका ज्यादा प्रभावी माना जाता है क्योंकि खाद पूरे खेत में समान रूप से फैल जाती है। लेकिन अगर आप रोपाई के बाद खाद डालना चाहते हैं, तो रोपाई के 2-3 दिन बाद ही खाद डालें। क्योंकि इस दौरान पौधे थोड़े स्थिर हो जाते हैं और खाद का असर बेहतर होता है। लेकिन अगर संभव हो, तो रोपाई से पहले ही खाद डाल दें, इससे बेहतर रिजल्ट मिलता है।

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कौन सी खाद डालें

धान की अच्छी पैदावार के लिए सही खाद का चुनाव और सही मात्रा में उपयोग करना बेहद जरूरी है। यहाँ हम तीन मुख्य खादों के बारे में बात करेंगे, जिन्हें आप रोपाई के समय खेत में डाल सकते हैं। इसमें सबसे पहले आप DAP (डाई अमोनियम फॉस्फेट) की 50 किलो की मात्रा प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में डालें क्योंकि DAP में फॉस्फोरस होता है, जो जड़ों के विकास के लिए जरूरी है। धान की फसल में जड़ें जितनी मजबूत होंगी, पौधा उतना ही अच्छा विकास करेगा और ज्यादा टिल्लिंग (कल्ले) देगा। दूसरी उर्वरक में आप खेत में सल्फर (गंधक) की 5 किलोग्राम मात्रा प्रति एकड़ के हिसाब से डालें क्योंकि सल्फर मिट्टी को मुलायम बनाता है और फंगस से बचाव करता है। इससे पौधे की शुरुआती ग्रोथ अच्छी होती है। धान रोपाई के समय तीसरी जो दवाई आपके खेत में डालनी है वह है कीटनाशक (इको की कार्टेक हाइड्रोक्लोराइड 4G)। इसका उपयोग करने से रोपाई के समय कीटनाशक डालने से शुरुआत में ही कीड़ों और बीमारियों से बचाव होता है।

जिंक (जस्ता) कब डालें

धान की फसल में जिंक की कमी एक आम समस्या है, जिससे पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं और उत्पादन कम होता है। लेकिन जिंक को सही समय पर डालना जरूरी है। आप अपने खेत में धान की रोपाई के 15-20 दिन बाद जिंक की 5-6 किलोग्राम (33% वाली जिंक सल्फेट) मात्रा प्रति एकड़ डाल सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि इसे रोपाई के समय ना डालें क्योंकि DAP और जिंक एक साथ नहीं डालना चाहिए, इससे पौधे को पूरा फायदा नहीं मिलता।

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रोपाई में कौन-सा फंगीसाइड डालें

धान की फसल में फंगस (कवक) का खतरा बना रहता है, खासकर नर्सरी और रोपाई के बाद। इससे बचाव के लिए फंगीसाइड का उपयोग करना चाहिए। इसके लिए आप ट्राइकोडर्मा का उपयोग करें। यह एक जैविक फंगीसाइड है, जो जड़ सड़न और अन्य फंगल इन्फेक्शन से बचाता है। यदि खेत में फंगस का प्रकोप अधिक है तो आप कार्बेन्डाजिम या मैंकोजेब का भी छिड़काव कर सकते हैं।

रोपाई के बाद देखभाल

धान की रोपाई के बाद फसल की देखभाल करना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए रोपाई के बाद खेत में 2-3 इंच पानी हमेशा भरा रखें। खरपतवार नियंत्रण के लिए रोपाई के 20-25 दिन बाद निराई-गुड़ाई जरूर करें। इसके अलावा पौधों में अधिक फुटाव के लिए रोपाई के 25-30 दिन बाद 50 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से जरूर डालें।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।


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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।