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DAP खाद की पॉवर को तीन गुना तक बढ़ाए | इस रिपोर्ट में जाने पूरी डिटेल्स

DAP खाद की पॉवर को तीन गुना तक बढ़ाए | इस रिपोर्ट में जाने पूरी डिटेल्स
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दोस्तों आज की रासायनिक खेती के युग में किसान भाई डीएपी के बिना अपनी फसल के बारे में सोच भी नहीं सकते। डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) एक महत्वपूर्ण खाद है जिसे किसान अपनी फसल की उपज बढ़ाने के लिए उपयोग करते हैं। हालांकि, कई बार यह देखा गया है कि जो डीएपी किसान अपने खेतों में डालते हैं, उसका बड़ा हिस्सा फसल के लिए उपलब्ध नहीं होता, और यह मिट्टी में फिक्स होकर बेकार चला जाता है। इस समस्या का हल ढूंढते हुए, हम एक ऐसा तरीका बता रहे हैं जिससे आप अपनी डीएपी की शक्ति को चार गुना तक बढ़ा सकते हैं, जिससे खेती में लागत भी कम होगी और उत्पादन भी अधिक मिलेगा। डीएपी खाद का प्रभावी उपयोग करने के लिए यह तकनीक बेहद उपयोगी है। इसे अपने से फसल की जड़ों का विकास से तेजी से होगा और फसल अधिक स्वस्थ और ताकतवर होगी। इस प्रक्रिया से नक्य वाले फसल का उत्पादन बढ़ेगा बल्कि खेती में आने वाली लागत भी काम हो जाएगी। किसान इस तकनीक को छोटे स्तर पर प्रयोग कर सकते हैं और फिर इसे अपने पूरे खेत में लागू कर सकते हैं, तो आईए जानते हैं वह कौन सी तकनीक है जिससे आप डीएपी की ताकत को चार गुना बढ़कर अपनी फसल से अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं, जानने के लिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।

डीएपी के साथ समस्या
साथियों किसान जो डीएपी अपने खेतों में डालते हैं, उसका लगभग 70-80% हिस्सा मिट्टी में फिक्स हो जाता है। इसके कई कारण है , जैसे खेतों में ऑर्गेनिक मैटर की कमी,मिट्टी का पीएच (pH) स्तर अधिक होना, सल्फेट खादों का डीएपी के साथ रिएक्शन कर जाना, जिससे यह पौधों के लिए उपलब्ध नहीं रह जाता।

डीएपी की पावर बढ़ाने का तरीका
किसान साथियों अगर आप भी डीएपी की ताकत को अधिक करके अपनी फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको गोबर की देसी खाद जो कम से कम दो-तीन साल पुरानी हो, उसकी 80 किलोग्राम मात्रा और डीएपी की 25 किलोग्राम मात्रा और यूरिया की 10 से 15 किलोग्राम मात्रा लेनी है। यह है सामग्री हम आपको एक-एकड़ के हिसाब से बता रहे हैं।

मिश्रण तैयार करने की विधि
किसान भाइयों देसी खाद और डीएपी का मिश्रण तैयार करने के लिए आपको सबसे पहले 80 किलो देसी खाद या वर्मी कंपोस्ट लीजिए। यह खाद अच्छी तरह से पुराना और नमी से भरपूर होना चाहिए। इसके बाद आधा बैग डीएपी लीजिए और इसे देसी खाद में अच्छी तरह से मिलाएं। ध्यान रखें कि खाद में नमी होनी चाहिए ताकि दोनों का मिश्रण अच्छी तरह से तैयार हो सके।
मिश्रण को अच्छे से मिलाने के बाद इसे एक पॉलीथीन शीट से ढक दें और लगभग 7-8 दिनों के लिए रख दें। बीच-बीच में मिश्रण को चेक करते रहें, और अगर मिश्रण गर्म हो रहा हो, तो इसे फिर से पलट कर मिलाएं। जब 7-8 दिनों बाद मिश्रण ठंडा हो जाए, तो इसमें 10-15 किलो यूरिया मिलाएं। और किसी भी फसल में बिजाई से पहले इसका पूरे खेत में छिड़काव करें। यूरिया मिलाने से फसल की जड़ों का विकास तेजी से होगा, और यह मिश्रण डीएपी की ताकत को और भी अधिक बढ़ा देगा।

परिणाम:
किसान भाइयों अगर आप इस प्रयोग को अपनाते हैं तो इस प्रक्रिया से डीएपी का पीएच स्तर कम हो जाएगा, जिससे पौधों को अधिक पोषक तत्व मिल पाएंगे।
इससे मिट्टी का पीएच भी संतुलित होगा, और डीएपी के फिक्स होने की समस्या कम होगी। इसके प्रयोग से माइक्रोऑर्गेनिज्म की संख्या बढ़ेगी, जो फॉस्फोरस को पौधों के लिए उपलब्ध बनाएंगे। इस प्रयोग के माध्यम से आप नए सिर्फ अपनी फसल की उत्पादन को बढ़ा सकते हैं बल्कि अपने खेत की मिट्टी की उर्वरता शक्ति को भी बढ़ा सकते हैं। यह प्रयोग जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी काफी फायदेमंद हो सकता है, जिससे आपकी फसल की क्वालिटी को भी बेहतर किया जा सकता है। इस विधि के द्वारा आप अपनी फसल की पैदावार को 20 से 25% तक बढ़ा सकते हैं।

नोट:- ऊपर रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी सार्वजनिक स्रोतों और इंटरनेट के माध्यम से इकट्ठा की गई है, कृषि संबंधित है किसी भी जानकारी के लिए आप कृषि वैज्ञानिकों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।