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गेहूं को मंडूसी, गुल्ली डंडा या बलूरी जैसे खरपतवार से बचाना है तो 72 घण्टे के अंदर करें यह काम

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किसान उत्तर भारत में इस समय गेहूं की बुवाई का सीजन जोरों से चल रहा है । प्रत्येक वर्ष गेहूं में अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लक्ष्य को किसान एक चैलेंज की तरह लेते हैं। और इस चैलेंज को पूरा करने के लिए वे दिन रात एक कर देते हैं । दोस्तों गेहूं का बढ़ैया उत्पादन लेने के लिए समय पर सही खेती और देखभाल बेहद जरूरी होती है। गेहूं की खेती में एक सबसे बड़ा चैलेंज जो किसानों के सामने आता है, वह है खरपतवार का प्रकोप। खरपतवार न केवल पौधों के लिए पोषण की कमी का कारण बनते हैं, बल्कि ये उनकी वृद्धि को भी रोकते हैं, जिससे पैदावार में कमी आती है। यदि खरपतवार पर समय रहते नियंत्रण न किया जाए, तो यह गेहूं की फसल को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। खासकर गेहूं की खेती में एक खरपतवार जो किसानों के लिए एक बड़ा सिरदर्द बना हुआ है, वह है गुल्ली डंडा या मंडूस। हरियाणा में इसे बलूरी के नाम से भी जाना जाता है । यह खरपतवार गेहूं के खेतों में बहुत तेजी से फैलता है और इसकी जड़ें बहुत मजबूत होती हैं, जिससे इसे नियंत्रित करना कठिन हो जाता है। पिछले कुछ वर्षों में किसानों ने कई बार इस खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए स्प्रे किया, लेकिन अक्सर ये प्रयास सफल नहीं हो पाते थे। इससे किसानों को बहुत परेशानी होती थी, क्योंकि यह खरपतवार गेहूं की पैदावार को गंभीर नुकसान पहुंचाता है और किसानों के लिए यह एक बड़ी समस्या बनकर उभरता है। इस समस्या को हल करने के लिए, कृषि विशेषज्ञों और कंपनियों ने ऐसे खरपतवार नाशक (herbicide) विकसित किए हैं, जो न केवल गुल्ली डंडा जैसे जिद्दी खरपतवार को नियंत्रित करते हैं, बल्कि गेहूं की फसल को भी नुकसान नहीं पहुंचाते। इन विशेष दवाओं का इस्तेमाल बिजाई के समय करना फायदेमंद रहता है, क्योंकि इससे खरपतवार उगने से पहले ही उनका नाश कर दिया जाता है। इस रिपोर्ट में हम अवकीरा नामक एक प्रभावी प्री-इमर्जेंट हर्बिसाइड के बारे में चर्चा करेंगे, जो विशेष रूप से गुल्ली डंडा यानी मंडूस को नियंत्रित करने में कारगर है। यह दवा गेहूं की बिजाई के बाद तीन दिनों के भीतर स्प्रे की जाती है और इससे खेत में खरपतवार की समस्या को प्रभावी तरीके से हल किया जा सकता है। अबकीरा के बारे में सही जानकारी यानी छिड़कावों का समय, छिड़काव की विधि और इसके गुणा फायदे के बारे में विस्तार से जानने के लिए चलिए पढ़ते हैं आज की रिपोर्ट। नोट :- बोली होते ही मंडियों के लाइव रेट व्हाट्सप्प पर पाने के लिए आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | अगर आप को चाहिए तो 9518288171 पर व्हाट्सअप मैसेज करे | भाव सुबह 7 बजे से आने शुरू हो जायेंगे और इस सर्विस में और भी फसलों के भाव देखने को मिलेंगे | जिन्हे लेनी है वही मैसेज करे

अवकीरा हर्बिसाइड

किसान साथियों, अवकीरा एक जापानी तकनीक पर आधारित प्री-इमर्जेंट हर्बिसाइड है, जिसका उद्देश्य खरपतवार के बीजों को उगने से पहले ही उन्हें रोकना है। यह दवा गेहूं की बिजाई के समय पर स्प्रे करने से पहले खरपतवार के बीजों को प्रभावी रूप से नष्ट कर देती है। इसके साथ ही, यह बाद में खरपतवार के उगने से भी बचाता है और खेत में किसी प्रकार की हानि नहीं होने देता। अवकीरा में पायरोक्लोर नामक प्रमुख रसायन होता है, जो इसके प्रभाव को और भी मजबूत बनाता है। साथ ही, इसमें पेंडा मैथली नामक एक अन्य रसायन भी होता है, जो चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को नियंत्रित करता है, जैसे कि बथुआ, जंगली पालक, आदि। अवकीरा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे केवल एक बार स्प्रे करके आप पूरे खेत में खरपतवार पर नियंत्रण पा सकते हैं। यह विशेष रूप से उन किसानों के लिए उपयोगी है, जो गुल्ली डंडा जैसे जिद्दी खरपतवारों से परेशान हैं। इस हर्बिसाइड को स्प्रे करते वक्त आपको किसी भी प्रकार के बार-बार स्प्रे की आवश्यकता नहीं पड़ती, और यह एक ही बार में पूरा नियंत्रण करता है।

स्प्रे का सही समय और तरीका

दोस्तों, अवकीरा का प्रभावी परिणाम प्राप्त करने के लिए स्प्रे का सही समय और विधि बेहद महत्वपूर्ण है। गेहूं की बिजाई के बाद 72 घंटे (तीन दिन) के अंदर आपको इस हर्बिसाइड का स्प्रे करना होता है। इसका मतलब है कि बिजाई के बाद अगले तीन दिनों में आपको इस दवा को खेत में स्प्रे करना जरूरी है। इससे खरपतवार के बीज उगने से पहले ही नष्ट हो जाते हैं। यदि आप इसे इस समय से पहले या बाद में इस्तेमाल करते हैं, तो इसका असर कम हो सकता है और खरपतवार पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं हो पाएगा। जब आप एक एकड़ खेत के लिए अवकीरा का स्प्रे करें, तो आपको इसका 60 ग्राम प्रति एकड़ की दर से इस्तेमाल करना होता है। इसके साथ बैंकर नामक दवा भी आती है, जिसे 2 लीटर की मात्रा में डालना होता है। इन दोनों दवाओं को मिलाकर 200 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करें। आप बैंकर का उपयोग करने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य ले लें। ध्यान रखें कि पानी की मात्रा सही हो, क्योंकि यदि पानी की मात्रा कम या ज्यादा होगी, तो इसका प्रभाव कम हो सकता है। इसलिए 200 लीटर पानी में इन दवाओं को अच्छी तरह से मिलाकर एक स्प्रे पंप में डालें। अगर आपके पास 15 लीटर का स्प्रे पंप है, तो आपको 13 पंप के हिसाब से घोल तैयार करना होगा। 11 लीटर पानी में दवा मिलाकर आप इसे 13 पंप में बांट सकते हैं।

अवकीरा का प्रभाव

किसान भाइयों, अवकीरा का प्रभाव केवल खरपतवार को उगने से रोकने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन खरपतवारों को भी नष्ट करता है जो पहले से खेत में उग चुके होते हैं। यह दवा खासतौर पर उन क्षेत्रों के लिए लाभकारी है जहां खरपतवारों की समस्या अधिक होती है। यह जापानी तकनीक से बना हर्बिसाइड विशेष रूप से गुल्ली डंडा और अन्य जिद्दी खरपतवारों के लिए उपयुक्त है।

अन्य खरपतवारनाशी

किसान साथियों, कृषि विकास अधिकारी डॉ. राधेश्याम गुप्ता ने बताया कि गुल्ली डंडा व जंगली जई की रोकथाम के लिए अबकीरा के अलावा किसान प्रति एकड़ कलोडिनो फोफ 15 प्रतिशत ईसी या सल्फोसलफयूरान 75 प्रतिशत ईसी या फिनोकसाप्रोप 10 प्रतिशत या पिनोकसाडैन 5 प्रतिशत ईसी का दो सौ लीटर पानी में घोल बनाकर 15 टंकी प्रति एकड़ में स्प्रे कर सकते हैं। चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार कंडाई, हिरणखुरी, पालक व जंगली मटर सहित अन्य पर नियंत्रण के लिए टूफोरडी सोडियम साल्ट 80 प्रतिशत या टूफोरडी एस्टर व अलग्रीप का छिड़काव करें। यह खरपतवारनाशी गेहूं की फसल से खरपतवारों को खत्म करके फसल के उत्पादन और गुणवत्ता में बढ़ोतरी करने में सहायता करते हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार खरपतवार नियंत्रण के लिए फसल में हर वर्ष दवा बदलकर छिड़काव करें।

नोट:- रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट के सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।