एक एकड़ से लाखों का मुनाफा लेना है तो नवंबर महीने में करें इन सब्जियों की खेती
किसान गेहूं, बाजरा, सरसों और धान जैसी फसलों की खेती तो बड़े चाव से करते हैं लेकिन सब्जियों की खेती करना उन्हें थोड़ा मुश्किल लगता है। लेकिन दोस्तो कुछ ऐसी सब्जियाँ जिनकी खेती ना सिर्फ आसानी से की जा सकती है ब्लकि सही समय से इनकी बुवाई की जाए तो आप लाखो रुपये का फायदा एक ही एकड़ से ले सकते हैं आज की रिपोर्ट में हम आपको कुछ ऐसी सब्जियों की खेती के बारे में ही बताने वाले हैं।
इनमें से पहली फसल है हरी मटर। हरी मटर को किसी भी परिस्थिति में उगाया जा सकता है, चाहे फ्लैट सरफेस हो या बैड पर, मल्चिंग के साथ या बिना मल्चिंग के। यह फसल देश के किसी भी हिस्से में आसानी से उगाई जा सकती है और मंडी में बेची जा सकती है। खासकर, नवंबर के महीने में इसकी बुवाई का समय बहुत ही उपयुक्त है।
हरी मटर की बुवाई और उत्पादन
अगर आप हरी मटर को जुलाई, अगस्त, या सितंबर में लगाते हैं, तो अब यह बाजार में आनी शुरू हो जाती है। अभी के बाजार भाव 50 से ₹120 प्रति किलो के बीच हैं, और ये रेट आपके उत्पादन के हिसाब से बदलते रहते हैं। जो किसान अगेती मटर लगाते हैं, उन्हें अच्छा रेट मिलता है, हालांकि उनका उत्पादन थोड़ा कम हो सकता है। खासकर, इस साल की गर्मी की वजह से कई किसानों को अपनी मटर की फसल में समस्याओं का सामना करना पड़ा है। पौधों में बीमारी लगने या ग्रोथ रुकने के कारण फलियां छोटी होती हैं।
लेकिन अगर आप नवंबर में हरी मटर लगाते हैं, तो यह आपको ज्यादा फायदा दे सकती है। नवंबर में लगाए गए मटर की फसल का उत्पादन बढ़िया होता है और रेट भी अच्छे मिलते हैं। पिछले साल का ट्रेंड देखें तो नवंबर में लगी हरी मटर का रेट 30-35 किलो से कम नहीं गया था। इस समय में लगे हुए मटर का उत्पादन तगड़ा होता है, और आपको मंडी में अच्छे दाम मिल सकते हैं।
नवंबर में हरी मटर लगाने का फायदा
यदि आपके खेत इस समय खाली हैं या किसी और फसल के खत्म होने के बाद खाली हो जाएंगे, तो हरी मटर को प्राथमिकता दें। यह फसल जल्दी उगती है और इसमें ज्यादा समस्याएं नहीं आतीं, जैसे बीमारियां और कीटों का असर बहुत कम होता है। इस समय की हरी मटर की फसल बहुत ही अच्छी रहती है और बाजार में अच्छे दाम मिलते हैं।
हरी मिर्च की फसल
हरी मिर्ची की फसल किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है, खासकर अगर इसे नवंबर के महीने में लगाया जाए। विशेषकर अगर आप 25 नवंबर से पहले इसे अपने खेतों में लगा लेते हैं, तो इस फसल से आपको काफी अच्छे रेट मिल सकते हैं। जब नया साल 2025 शुरू होगा, तो आपके द्वारा उगाई गई हरी मिर्ची सबसे पहले मंडी में जाएगी, जिससे आपको अन्य किसानों से पहले बाजार में पहुँचने का लाभ मिलेगा।
क्वालिटी और वैरायटी का चुनाव
हरी मिर्ची का उत्पादन करते समय एक महत्वपूर्ण पहलू है क्वालिटी और वैरायटी का सही चुनाव। किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अच्छे क्वालिटी के बीज या नर्सरी से पौधे प्राप्त करें। यदि आप खुद की नर्सरी बना रहे हैं, तो ध्यान रखें कि आपके द्वारा उगाई गई मिर्ची की किस्म उस बाजार की मांग के अनुरूप हो। उदाहरण के तौर पर, यदि आपकी मंडी में तीखी मिर्ची की ज्यादा मांग है, तो आपको तीखी किस्म के पौधे लगाना चाहिए। अगर मीडियम तीव्रता वाली मिर्ची बिकती है, तो वही किस्म लगानी चाहिए।
नर्सरी तैयार करना और खेत में लगाना
दोस्तों यदि आपके पास नर्सरी तैयार नहीं है, तो जल्दी से इसे तैयार करने की कोशिश करें। आमतौर पर 25 से 35 दिनों के भीतर हरी मिर्ची की नर्सरी तैयार हो जाती है। नर्सरी तैयार होने के बाद, आपको उसे जल्द से जल्द खेत में लगाना होगा। इसके बाद, सही देखभाल के साथ आप इस फसल से अच्छे नतीजे प्राप्त कर सकते हैं।
टमाटर की फसल
दोस्तों अगर आप टमाटर की फसल लगाने का सोच रहे हैं, तो यह एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है, खासकर अगर आप इसे नवंबर में लगाते हैं। पिछले कुछ महीनों से टमाटर ने शानदार दाम दिए हैं और इस बार भी इसके दाम अच्छे बने हुए हैं। टमाटर की फसल का एक बड़ा फायदा यह है कि इसके दाम के बारे में भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन इसका उत्पादन हमेशा शानदार होता है, खासकर जब इसे सही समय पर उगाया जाता है।
जो टमाटर नवंबर में लगाया जाता है, वह आमतौर पर पूरे साल का सबसे अच्छा उत्पादन देता है। इस समय के लगाए गए टमाटर में अधिकतर बीमारियां जैसे ब्लाइट और वाइट फ्लाई जैसी समस्याएं नहीं होतीं। जैसे-जैसे सर्दियां आती हैं, वाइट फ्लाई की समस्या खत्म हो जाती है, जिससे टमाटर की फसल पर कोई खास असर नहीं पड़ता। इसके साथ ही, इस समय की टमाटर फसल में वायरस से ग्रस्त पत्तों और सूखने की समस्याएं भी कम होती हैं।
जब यह टमाटर की फसल तैयार हो कर मंडी में जाएगी, तो किसानों को एक तरफ जहां तगड़ा उत्पादन मिलेगा, वहीं दूसरी तरफ अच्छे दाम भी मिलेंगे। इस समय की फसल से उत्पादन बहुत ज्यादा होता है, और इसकी गुणवत्ता भी बेहतर होती है, जिससे मंडी में अच्छी बिक्री होती है। इसलिए, अगर आप टमाटर की खेती करने का सोच रहे हैं, तो नवंबर के महीने में इसे लगाना एक बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है। इस समय में लगाए गए टमाटर से न सिर्फ आपको अच्छा उत्पादन मिलेगा, बल्कि मंडी में अच्छे दाम भी मिलेंगे।
चप्पन टिंडे की फसल
चप्पन टिंडे की खेती एक बेहतरीन विकल्प है, खासकर उन किसानों के लिए जो नए हैं या परंपरागत खेती से हटकर सब्जी की खेती की तरफ आना चाहते हैं। नवंबर में इस फसल की बुवाई करना एक शानदार निर्णय हो सकता है, क्योंकि इस समय इसमें न केवल उत्पादन बहुत अच्छा होता है, बल्कि बाजार में इसकी मांग भी तेज रहती है।
सितंबर और अगस्त महीने में चप्पन टिंडे बाजार में आना शुरू हो चुका है। हालांकि, इनका थोक रेट 25 किलो के हिसाब से ₹30 किलो के आसपास है, लेकिन समय के साथ इसमें उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। पहले से जो किसान चप्पन टिंडे की फसल उगा रहे हैं, उनके लिए उत्पादन की स्थिति थोड़ी मुश्किल हो सकती है। इस समय, उनके उत्पादन में लागत ज्यादा आ रही है, जिससे मुनाफा कम हो सकता है।
नवंबर मे चप्पन टिंडे बुवाई के फायदे
नवंबर में चप्पन टिंडे की बुवाई करने से कई फायदे मिलते हैं। इस समय के लगाए हुए चप्पन टिंडे में न तो वाइट फ्लाई जैसी समस्याएं होती हैं, और न ही वायरस से ग्रस्त पत्तों का खतरा रहता है। यह फसल अपनी बढ़त अच्छे से करती है और इसकी बेल निरंतर चलती रहती है। इसके अलावा, इस समय लगाए गए चप्पन टिंडे का उत्पादन पिछले समय के मुकाबले चार गुना ज्यादा होता है। इससे किसानों को बेहतर मुनाफा हो सकता है।
चप्पन टिंडे की फसल में मजदूरी की लागत भी बहुत कम आती है। अगर आपके पास घर में कुछ लोग हैं तो आपको मजदूरों की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी। चप्पन टिंडे की तुड़ाई आसानी से की जा सकती है, और यह फसल लगातार बढ़ती रहती है, जिससे काम में कोई रुकावट नहीं आती। इसलिए, अगर आप खेती में नए हैं या अपनी फसल की विविधता बढ़ाना चाहते हैं, तो चप्पन टिंडे की बुवाई इस समय में एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
शिमला मिर्च की खेती
शिमला मिर्च की बुवाई नवंबर में करने से किसानों को अच्छे रेट और उच्च उत्पादन का लाभ मिल सकता है। इस समय बुवाई करने से फसल अच्छे से तैयार होती है और जनवरी के बाद यह मंडी में सबसे पहले पहुंचेगी, जब अन्य किसानों की फसलें तैयार होने में थोड़ा समय लेती हैं। इसके लिए यह एक लाभकारी समय है। इस समय शिमला मिर्च के थोक रेट 30-50 रुपये प्रति किलो के बीच हैं। हालांकि, यह रेट धीरे-धीरे कम हो सकते हैं, लेकिन शिमला मिर्च की बुवाई इस समय करने से, जब अन्य फसलें कम हो रही होंगी, आपको सबसे पहले मंडी में शिमला मिर्च की बिक्री करने का मौका मिलेगा। इससे आपको सबसे पहले उच्च रेट मिल सकते हैं, क्योंकि सर्दी के मौसम के बाद जब गर्मी बढ़ेगी, तो फसल तेजी से तैयार हो जाएगी और बाजार में इसकी मांग भी बढ़ेगी।
इस समय की शिमला मिर्च की फसल का विकास ठंड के कारण थोड़ी धीमी गति से होता है, लेकिन जैसे ही तापमान बढ़ता है (जनवरी के बाद), इसका वेजिटेटिव ग्रोथ पूरा हो जाएगा और यह फल देना शुरू कर देगा। पिछले दो सालों में शिमला मिर्च के रेट गर्मियों में कुछ कम रहे हैं, लेकिन इस बार शिमला मिर्च की बुवाई में कमी आने की संभावना है, जिससे बाजार में इसके रेट बेहतर हो सकते हैं।
अभी जो किसान शिमला मिर्च की फसल लगाने में लगे हैं, उन्हें आने वाले समय में अच्छे रेट मिल सकते हैं, क्योंकि इस बार शिमला मिर्च की बुवाई कम होने की संभावना है। इसलिए, अगर आप शिमला मिर्च की बुवाई इस समय करते हैं, तो आपको लाभ मिल सकता है।
बैंगन की खेती
बैंगन एक ऐसी फसल है, जो सही तरीके से प्रबंधन करने पर अत्यधिक उत्पादन देती है। इस समय बैंगन की कीमत ₹30-40 प्रति किलो तक हो सकती है, और अगर आप बैंगन की खेती में मेहनत और सही तकनीक से काम करते हैं, तो यह फसल आपको लगातार अच्छा मुनाफा दे सकती है।
बैंगन के फायदे:
बैंगन की फसल 365 दिन चलने वाली होती है। इसका मतलब है कि आप पूरे साल बैंगन की बिक्री कर सकते हैं, जिससे एक स्थिर आय का स्रोत बनता है। बैंगन से लाखों रुपए कमाए जा सकते हैं। इसकी कीमत ₹10 किलो से लेकर ₹50 किलो तक हो सकती है, और यह किसानों के लिए एक स्थिर और लाभकारी फसल बन जाती है। बैंगन की फसल कम मेहनत और सही देखभाल के साथ बेहतरीन उत्पादन देती है। अगर आप इसे छोटे हिस्से में भी लगाते हैं, तो भी यह काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।
फूल गोभी, पत्ता गोभी और ब्रोकली की खेती:
फूल गोभी: यह फसल लगभग हर जगह बिक जाती है और इसका उत्पादन अत्यधिक होता है। इस समय फूल गोभी का साइज और गुणवत्ता बहुत अच्छी है, जो किसानों को अच्छा मुनाफा दे सकती है। 25 से 30 किलो के थोक रेट पर बिकने वाली फूल गोभी बाजार में अच्छे पैसे कमा सकती है। इसके उत्पादन का खर्च भी बहुत अधिक नहीं होता, और जब यह अच्छे रेट पर बिकती है तो किसानों को भारी लाभ होता है।
पत्ता गोभी: यह भी एक लोकप्रिय सब्जी है, लेकिन इसकी कीमतें उतनी ऊंची नहीं होतीं। इसे कहीं भी बोया जा सकता है और बिक्री के लिए आसानी से उपलब्ध हो जाती है, लेकिन रेट कम होने की संभावना रहती है। हालांकि, इसके उत्पादन में उतना जोखिम नहीं होता है, लेकिन रेट कभी बहुत ऊंचे नहीं होते।
ब्रोकली: ब्रोकली की डिमांड शहरों में और बड़े होटलों में अधिक होती है। इसे ऐसे क्षेत्रों में लगाना बेहतर है, जहां इसकी मांग हो, क्योंकि देहात क्षेत्रों में इसकी बिक्री उतनी प्रभावी नहीं रहती। यह एक औषधीय गुणों से भरपूर फसल है, लेकिन इसके लिए बाजार के बारे में सही समझ जरूरी है।
कंद वर्गी फसलें (आलू, लहसुन, अदरक)
आलू: आलू की बुवाई इस समय शुरू हो रही है, और इस फसल का उत्पादन देशभर में बहुत ज्यादा होता है। आलू की खपत अत्यधिक है और इसके अच्छे रेट मिलते हैं, जिससे यह किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। अगर आपको इस फसल में अच्छा उत्पादन मिलता है, तो यह अन्य फसलों से ज्यादा मुनाफा दे सकती है।
लहसुन: लहसुन के रेट पिछले दो-तीन सालों से बहुत अच्छे चल रहे हैं और इस साल भी इसका रेट अच्छा रहने की उम्मीद है। हालांकि, इसके बीज का खर्च थोड़ा ज्यादा आ रहा है, लेकिन अगर आप अपनी खुद की बीज उत्पादन की योजना बनाते हैं, तो अगले साल इसका फायदा होगा। लहसुन के रेट ₹20,000 से ₹50,000 प्रति क्विंटल के बीच रह सकते हैं, जो काफी अच्छा मुनाफा देते हैं।
अदरक: अदरक का भी रेट पिछले कुछ सालों से अच्छा चल रहा है। इसकी खपत और डिमांड स्थिर रहती है। अगर आप इसे सही तरीके से उगाते हैं और अच्छे से प्रबंधित करते हैं, तो यह भी आपको अच्छा मुनाफा दे सकता है।
इन फसलों में आलू, लहसुन, और फूल गोभी के अच्छे उत्पादन और मुनाफे की उम्मीद रहती है, और यदि आप इन फसलों को सही समय पर लगाते हैं, तो आप अच्छे पैसे कमा सकते हैं। बेशक, इनके उत्पादन में थोड़ा निवेश और मेहनत की जरूरत होगी, लेकिन बाजार में इनकी मांग के कारण आपको अच्छा फायदा हो सकता है।
बेलवर्गीय और छोटी सब्जी फसलों
ये फसले सर्दियों में खेती करने के लिए बहुत ही फायदे वाली हैं। इन्हें यदि सही तरीके से और समय पर बोया जाए, तो बहुत अच्छा लाभ हो सकता है।
खीरा: खीरे की बुवाई इस समय (25 नवंबर से पहले) करना बहुत लाभकारी हो सकता है, क्योंकि सर्दियों में इसकी मांग बढ़ जाती है। खीरे की फसल को बढ़ते कोहरे से बचाने के लिए आपको क्रॉप कवर का उपयोग करना चाहिए। अगर खीरे की फसल अच्छी तरह से उगाई जाए और ठीक से देखभाल की जाए, तो यह काफी अच्छे रेट पर बिक सकती है।
तरबूज:तरबूज का पर एकड़ उत्पादन भी काफी अच्छा होता है, और सर्दियों में इसकी अच्छी कीमत मिलती है, खासकर जब इसकी बुवाई सही समय पर की जाती है। शुरुआती दिनों में यह ₹30 किलो तक बिक सकता है। इसमें भी अगर आप मल्चिंग और ड्रिप सिंचाई का प्रयोग करेंगे, तो उत्पादन में वृद्धि हो सकती है।
लौकी, घिया, कद्दू:ये सब बेलवर्गीय फसलें भी सर्दियों में अच्छे रेट देती हैं, और इन्हें उगाने में कम खर्च आता है। इनकी बुवाई 25 नवंबर से पहले की जा सकती है, और ये बाजार में बहुत अच्छी कीमतों पर बिक सकती हैं, खासकर सर्दी में।
हरी मेथी:
हरी मेथी की बुवाई भी इस समय से पहले की जानी चाहिए। यह जल्दी उगती है और यदि सही समय पर बीज डाला जाए तो इसका उत्पादन अच्छा होता है। हालांकि, कभी-कभी इसमें फंगस की समस्या हो सकती है, जिसे एलुमिनियम फॉस्टाइन जैसे फंगीसाइड से नियंत्रित किया जा सकता है।
पालक:
पालक का नाम इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में है। अबकी बार इसके रेट काफी अच्छे रहे हैं, कुछ मंडियों में ₹150 किलो तक पहुंचे हैं। इसकी बुवाई कम खर्च में की जा सकती है और बार-बार काटने पर अच्छा मुनाफा हो सकता है।
मूली:
मूली का रेट इस बार बहुत अच्छा रहा है, ₹70-80 किलो तक पहुंचने के कारण किसान भाइयों ने एकड़ से लाखों रुपये कमाए हैं। मूली जल्दी तैयार होती है, और अगर आप इसे सही समय पर लगाते हैं, तो अच्छी कीमत मिल सकती है।
चुकंदर:
चुकंदर की बुवाई भी इस समय से की जा सकती है, और यह सलाद में बहुत उपयोगी होता है। सर्दियों में सलाद की मांग बढ़ने के कारण चुकंदर को भी अच्छा बाजार मिल सकता है।
नोट: रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। किसान भाई किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।