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आपको लखपति बनाने वाली गेहूँ की एक और नयी वैरायटी हो गई है लॉन्च | जाने 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देने वाली HD 3118 के बारे में

आपको लखपति बनाने वाली गेहूँ की एक और नयी वैरायटी हो गई है लॉन्च |  जाने 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देने वाली HD 3118 के बारे में
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साथियों भारत में गेहूं की खेती एक महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है, धान के बाद गेहूं का नाम देश की प्रमुख फसलों में आता है, जो देश की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। गेहूं उत्पादन के मामले में भारत विश्व में चौथे स्थान पर है। सरकार गेहूं के उत्पादन को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और इसके लिए सरकार गेहूं की नई नई वैरायटी तैयार कर रही है जिनमे अधिक उत्पादन क्षमता के साथ-साथ गुणवत्ता क्षमता भी अधिक होती है। भारत में गेहूं की खेती अधिकतर उत्तरी राज्यों मुख्यतः पंजाब,हरियाणा,उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और बिहार में होती है। देश के उत्तरी क्षेत्र में अनुकूल जलवायु और चिकनी मिट्टी गेहूं की बेहतर उपज के लिए आदर्श मानी जाती है। लेकिन हमारे वैज्ञानिकों ने साइंस के जरिए इतनी तरक्की कर ली है कि, किसी भी तरह के जलवायु या किसी भी प्रकार की मिट्टी या पानी में अधिक उत्पादन देने वाली बीजों की किस्मों को तैयार कर लिया है। गेहूं की एक ऐसी ही उन्नत किस्म है HD 3118 (पूसा वत्सला) ,जो भारत में उत्तरी राज्यों में उगाई जाती है। गेहूं की इस किस्म की उत्पादन क्षमता की बात की जाए तो, यदि आप समय पर बुवाई और सिंचाई करते हैं और फसल की अच्छी देखभाल करते हैं तो एचडी 3118 वैरायटी से आप गेहूं का उत्पादन 70 से 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर ले सकते हैं। इसमें अगर रोगों की बात की जाए तो यह किस्म पीले और भूरे रतुए रोग के प्रति प्रतिरोधी है। इस गेहूं से बने रोटियां खाने में काफी स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर होती हैं।गेहूं की उन्नत किस्म HD 3118 (पूसा वत्सला) के बारे में विस्तार से जानने के लिए आईए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

बुवाई का समय 
HD 3118 (पूसा वत्सला) की बुवाई आप मध्यांतर या लेट भी कर सकते हैं। इस वैरायटी की बिजाई के लिए  जलवायु, मिट्टी और सिंचाई प्रबंधन परिस्थितियों के अनुकूल होना आवश्यक है। अगर आप इसकी बिजाई इसके गुणों और योग्यता के आधार पर करेंगे तो यह वैरायटी आपको काफी अधिक मात्रा में उत्पादन दे सकती है।

HD 3118 उपज दर
गेहूं की वैरायटी HD 3118 (पूसा वत्सला) की अगर औसत उपज की बात की जाए तो इसकी औसत उपज लगभग 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की है, लेकिन अगर जलवायु और परिस्थितियों अनुकूल हो तो किस वैरायटी से आप 70 से 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज प्राप्त कर सकते हैं। जो कि किसानों के लिए काफी फायदेमंद है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होता है।

पकने का समय
गेहूं की किस्म HD 3118 कि अगर पकाई की बात की जाए तो इसकी फसल 115 से 120 दिन में पककर काटने लायक हो जाती है।यह फसल बुआई के बाद मात्र 4 महीने मैं तैयार हो जाती है।महज 112 दिन में पककर काटने योग्य हो जाती है. इसका अर्थ है कि बुवाई के लगभग चार महीने बाद फसल तैयार हो जाती हैं, जिसका फायदा किसान भाई उठा सकते हैं। इस कम अवधि वाली फसल को जल्दी काटकर किसान भाई अगली फसल के समय तक या तो कोई कम अवधि वाली दूसरी फसल लगा सकते हैं या फिर कोई कम अवधि वाली सब्जी भी अपने खेत में उगा सकते हैं। इस प्रकार किसान साथी 1 साल के फसल चक्र में तीन फसले ले सकते हैं और खेती में होने वाले अपने मुनाफे को कई गुना बढ़ा सकते हैं। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

मुख्य गुण 
दोस्तों गेहूं की किस्म HD 3118 एक प्रमाणित किस्म है। इस किस्म की बिजाई करने से अनेकों फायदे हैं, इसीलिए गेहूं की यह वैरायटी किसानों के बीच काफी पॉपुलर मानी जाती है। यह किस्म एक रोग प्रतिरोधक की किस्म है । इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह पीले और भूरे रतुए रोग के प्रति प्रतिरोधी है,जो गेहूं की फसल के लिए सबसे खतरनाक रोग माना जाता है। इसकी रोग प्रतिरोधी विशेषताएं इसको अन्य वैरियटयों से अलग बनाती हैं। जिसके कारण फसल की सेहत और उपज को अच्छा बनाने में मदद करती हैं। इस किस्म का गिला ग्लुटेन प्रतिशत भी काफी अच्छा है, जो की 30% के आसपास है। जिसके कारण इस गेहूं की गुणवत्ता का अनुमान लगाया जा सकता है। इसकी चपाती गुणवत्ता मूल्यांक भी काफी बढ़िया है जो 7.5 के लगभग है। जो के पोषण युक्त और पौष्टिक खाद्य पदार्थों में गिना जाता है। इसके अलावा इससे बनने वाले खाद्य पदार्थ, ब्रेड, बिस्कुट की भी गुणवत्ता काफी अच्छी पाई जाती है।

बुआई क्षेत्र 
गेहूं की HD 3118 किस्म की खेती मुख्य रूप से उत्तरी भारत,उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र में की जाती हैं। इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिमी बंगाल (पहाड़ियों को छोड़कर) और पंजाब ,हरियाणा,मध्य प्रदेश, राजस्थान ,उत्तर प्रदेश, गुजरात, और बिहार और उत्तर पूर्वी राज्यों के मैदानों मैं की जा सकती है। क्योंकि यहां की जलवायु और मिट्टी की स्थिति HD 3118 किस्म के गुणो के अनुकूल है। इसलिए हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि अगर आप HD 3118 वैरायटी की खेती सही विधि के अनुसार करते हैं तो यह किसानों के लिए बहुत ही लाभदायक साबित हो सकती है। जिससे न सिर्फ किसान भाइयों को खेती में मुनाफा होगा बल्कि देश के खाद्य निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।

Note:-  रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी हमारे निजी विचारों पर आधारित है। आप कृषि संबंधित किसी भी जानकारी के लिए कृषि वैज्ञानिकों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।