आम के उत्पादन को दोगुना करने का फार्मूला मिल गया है | करें यह जादुई स्प्रे
दोस्तों जनवरी महीने का दूसरा हफ्ता चल रहा है और य़ह वह समय है जब आम के पेड़ पर मंजरी आने की शुरुआत होती है। जैसा की आप जानते है कि जनवरी के तीसरे हफ्ते और फरवरी के शुरुआती दिनों में आम के पेड़ों में मंजर आना शुरू हो जाते हैं। यह ऐसी स्टेज है जहां पर अगर सही से ध्यान दिया जाए तो उत्पादन में चार चांद लग सकते हैं। इस स्टेज के दौरान, कई तरह के कीट और रोग आम के पेड़ों पर हमला कर सकते हैं, जो फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आपके साथ ऐसा ना हो इसलिए पहले से ही आपको अपने पेड़ों की देखभाल शुरू कर देनी चाहिए। आज की रिपोर्ट में हम इस समय में किए जाने वाले उन सभी उपायों को जानेंगे जो आपके आम के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं।
आम के मंजर में लगने वाले प्रमुख कीट और रोग
सबसे पहले हमने जान लेना चाहिए कि ऐसे कोन से रोग हैं जो इस समय हमला करते हैं। आम के मंजर के समय में सबसे ज्यादा मथुआ कीट (मैंगो हॉपर), दहिया कीट (मिलीबग), पाउडरी मिल्ड्यू और एन्थ्रेकनोज जैसे कीट हमला करते हैं । इनकी वजह से मंजर और फल दोनों पर बुरा असर पड़ता है। मथुआ कीट के प्रकोप के कारण आम के पेड़ की पत्तियों और तनों पर गहरे धब्बे और रस की बूंदें दिखाई देती हैं। वहीं, दहिया कीट आम के मंजर को नुकसान पहुंचाता है, और पाउडरी मिल्ड्यू व एन्थ्रेकनोज जैसे फफूंद जनित रोग भी आम की फसल को खराब कर सकते हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए किसानों को सही समय पर कीटनाशक और फफूंदनाशक का छिड़काव करना चाहिए|
स्प्रे से बन सकती है बात
मंजर के समय पेड़ पर छिड़काव करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह छिड़काव मंजर निकलने से पहले किसी कीटनाशक के साथ किया जाना चाहिए। यह कीटनाशक पेड़ की छाल के दरारों में छुपे हुए मथुआ कीट तक पहुंचने में मदद करेगा। गर्मी के मौसम में यह कीट अपनी संख्या में तेजी से बढ़ सकते हैं, इसलिए छिड़काव करने से पहले कीटों की पहचान करना जरूरी है।
पहला छिड़काव कब ?
आम के मंजर में कीट और रोगों से बचाव के लिए पहला छिड़काव मंजर निकलने से पहले किया जाना चाहिए। इस छिड़काव में एक अनुशंसित कीटनाशक का प्रयोग करें ताकि पेड़ की छाल के दरारों में छुपे मथुआ कीट तक भी पहुंच सके। यह कीट वायुमंडलीय तापमान बढ़ने पर तेजी से फैलते हैं, और इन्हें रोकने के लिए यह पहला छिड़काव करे।
दूसरा छिड़काव का सही समय कब ?
आम के मंजर में जब मटर के दाने जितने छोटे फल लगने लगते हैं, तब कीटनाशक के साथ फफूंदनाशक मिलाकर दूसरा छिड़काव किया जाता है। इससे पाउडरी मिल्ड्यू और एन्थ्रेकनोज जैसे रोगों से बचाव होता है। दूसरे छिड़काव के दौरान सल्फर 80 घुलनशील चूर्ण 3 ग्राम प्रति लीटर की दर से मिलाकर छिड़काव करना फायदेमंद होता है। यह पाउडरी मिल्ड्यू जैसे रोगों को रोकने में मदद करता है। इसके साथ अल्फा नेपथाईल एसीटिक एसिड 4.5% एस.एल. का छिड़काव कर सकते है हालांकि, इस एसिड का छिड़काव निर्धारित मात्रा से अधिक करने पर मंजर जल सकते हैं, इसलिए इसकी सही मात्रा का पालन करे |
तीसरा छिड़काव का सही समय
जब आम के मंजर में टिकोला लग जाए (यानि मंजर का आकार बड़ा होने लगे), तो तीसरा छिड़काव किया जाता है। इस छिड़काव में कीटनाशक के साथ अल्फा नेपथाईल एसीटिक एसीड और फफूंदनाशक का मिश्रण दहिया कीट के प्रकोप को नियंत्रित करता है दहिया कीट के नियंत्रण के लिए कीटनाशक के तैयार घोल में कोई स्टीकर मिलाना चाहिए। इससे कीटनाशक की प्रभावशीलता बढ़ जाती है और कीटों पर बेहतर प्रभाव पड़ता है।।
दूसरे और तीसरे छिड़काव में कीटनाशक के घोल के साथ अल्फा नेपथाईल एसीटिक एसिड 4.5% एस.एल. का 4 मिली लीटर प्रति 10 लीटर की दर से छिड़काव करना चाहिए। इससे मंजरों और फलों के गिरने की समस्या कम होती है
कीटनाशकों और फफूंदनाशकों का इस्तेमाल
कीटनाशकों का इस्तेमाल मंजर लगने के दौरान बहुत जरूरी है। यदि मंजर के समय बूंदा-बांदी हो जाए तो घुलनशील सल्फर या कार्बेन्डाजिम या हेक्साकोनाजोल का छिड़काव किया जाना चाहिए। इससे मंजरों पर लगे रोगों, जैसे पाउडरी मिल्ड्यू और एन्थ्रेकनोज, को नियंत्रित किया जा सकता है। कुछ और प्रभावी कीटनाशक जो आम के मंजर पर लगाए जा सकते हैं, उनमें इमिडाक्लोप्रिड, मालाथियान, डायमेथोएट, एसीफेट और थायोमेथाक्साम शामिल हैं। इनकी मदद से मथुआ कीट, मिलीबग और अन्य कीटों से बचाव किया जा सकता है।
वहीं बात फफूंदनाशकों की करें तो इस में सल्फर, कॉपर ऑक्सीक्लोराइड, कार्बेन्डाजिम और हेक्साकोनाजोल जैसे रसायन उपयोग किए जा सकते हैं, जो फफूंद और बैक्टीरियल रोगों से बचाने में मदद करते हैं। इनका उचित उपयोग करके आप अपने बगीचे को स्वस्थ रख सकते हैं और कीटों एवं रोगों से बचाने के साथ साथ भरपूर उत्पादन की उम्मीद कर सकते हैं।
नोट: रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर उपलब्ध सार्वजनिक स्रोतों से एकत्रित की गई है। किसान भाई किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।