क्या मुंबई में बंद हो जाएंगी पेट्रोल डीजल की गाड़ियां? जाने सरकार की क्या है तैयारी
क्या मुंबई में बंद हो जाएंगी पेट्रोल डीजल की गाड़ियां? जाने सरकार की क्या है तैयारी
साथियों, दिन-प्रतिदिन मुंबई का प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, और बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन हाल ही में, महाराष्ट्र सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने मुंबई के प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई है। इस कदम को लागू करने के लिए एक सात सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जो अगले तीन महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। यह कदम सरकार की प्रदूषण नियंत्रण नीति के तहत लिया जा रहा है और इसका उद्देश्य शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार करना है। कमेटी में शामिल होने वाले सदस्य विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ होंगे। इनमें रिटायर्ड IAS अधिकारी सुधीर श्रीवास्तव को कमेटी का नेतृत्व सौंपा गया है। साथ ही, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, जॉइंट पुलिस कमिश्नर ट्रैफिक, महानगर गैस लिमिटेड के MD और अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी भी इस कमेटी का हिस्सा होंगे। यह कमेटी डीजल और पेट्रोल वाहनों को धीरे-धीरे समाप्त करने पर विचार करेगी और इसके लिए तकनीकी, आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अध्ययन करेगी। इसके अलावा, ठाणे, रायगढ़ और पालघर जैसे पड़ोसी क्षेत्रों को भी इस अध्ययन में शामिल किया गया है। लेकिन सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम को योजना बंद तरीके से पूर्ण रूप से लागू करना सरकार के लिए अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है क्योंकि इस योजना को लागू करने में सरकार को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। तो चलिए इस गंभीर विषय को इस चर्चा के द्वारा समझने की कोशिश करते हैं कि सरकार योजना को किस प्रकार सफल बनाती है और इसके क्या आगामी परिणाम होंगे। इन सब बातों को जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट।
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बॉम्बे हाईकोर्ट की चिंताएँ
साथियों, मुंबई में बढ़ते प्रदूषण पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी चिंता व्यक्त की थी। 9 जनवरी को, एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, कोर्ट ने ट्रैफिक और प्रदूषण के कारण पर्यावरण और जीवन की गुणवत्ता पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। कोर्ट ने विशेष रूप से वाहनों से निकलने वाले धुएं को प्रदूषण का मुख्य कारण बताया और कहा कि वर्तमान में जो उपाय अपनाए जा रहे हैं, वे अपर्याप्त हैं। इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से तीन महीने के भीतर एक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही, कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बंद करना एक उपयुक्त कदम हो सकता है। इसके आधार पर, राज्य सरकार ने इस दिशा में एक कमेटी बनाई, जो इस विषय पर विस्तृत अध्ययन करेगी।
बृहन्मुंबई नगर निगम
साथियों, बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) को भी निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि बेकरी जैसे उद्योगों को छह महीने के भीतर लकड़ी और कोयले के स्थान पर गैस या हरित ईंधन का उपयोग करना शुरू करना होगा। इसके साथ ही, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अब से कोयले या लकड़ी पर चलने वाली बेकरी के लिए नई मंजूरी नहीं दी जाएगी। अगर कोई बेकरी खोलनी है तो उसे केवल हरित ईंधन का उपयोग करने की शर्त पर ही लाइसेंस मिलेगा। इस फैसले का उद्देश्य शहर में प्रदूषण को कम करना और पर्यावरण को बचाना है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने निर्माण स्थलों पर प्रदूषण मापने वाले उपकरण लगाने का भी आदेश दिया है। इससे निर्माण कार्यों से होने वाले प्रदूषण पर नजर रखी जा सकेगी।
मुंबई का बढ़ता प्रदूषण
दोस्तों, अगर पिछले कुछ सालों की बात करें तो मुंबई का प्रदूषण पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ता जा रहा है। 29 जनवरी 2025 को, मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 193 PM2.5 और 159 PM10 था। जबकि AQI का 100 से ऊपर होना, हवा की गुणवत्ता को खराब दर्शाता है। इस बढ़ते प्रदूषण से न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि मुंबई के नागरिकों के स्वास्थ्य पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है। हालांकि मुंबई दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में 512वें नंबर पर है, फिर भी यहां की वायु गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। इस बढ़ते प्रदूषण की समस्या को समय रहते नियंत्रित करने के लिए सरकार पहले से ही रणनीति तैयार कर रही है। इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों ने इस मुद्दे पर विचार करना शुरू किया है।
मुंबई में वाहनों की बढ़ती संख्या
साथियों, मुंबई में वाहनों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। अगस्त 2024 तक, मुंबई में वाहनों की संख्या 48 लाख को पार कर चुकी थी, जिनमें 14 लाख निजी कारें और 29 लाख दोपहिया वाहन शामिल थे। यह आंकड़ा दिखाता है कि हर किलोमीटर सड़क पर लगभग 2,300 वाहन होते हैं, जो शहर की सड़कें और यातायात व्यवस्था पर भारी दबाव डालते हैं। आपको बता दें कि 2021-2022 में, मुंबई में 35 लाख से अधिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ था। इसमें लगभग 10 लाख 4-व्हीलर और 25 लाख 2-व्हीलर शामिल हैं। मुंबई में वाहनों की यह बढ़ती संख्या न केवल ट्रैफिक जाम का कारण बन रही है, बल्कि प्रदूषण में भी योगदान दे रही है।
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अन्य राज्यों में डीजल वाहनों पर प्रतिबंध
दोस्तों, दिल्ली, राजस्थान, और हरियाणा जैसे राज्यों में पहले ही डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लागू किया जा चुका है। दिल्ली में, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 10 साल पुरानी डीजल कारों और 15 साल पुरानी पेट्रोल और CNG कारों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। राजस्थान के कुछ शहरों जैसे जयपुर, जोधपुर और उदयपुर में 15 साल पुराने डीजल वाहनों पर रोक है। इसके अलावा, हरियाणा में भी 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध है। इन राज्यों के उदाहरण से यह साबित होता है कि प्रदूषण कम करने के लिए डीजल वाहनों पर प्रतिबंध एक प्रभावी कदम हो सकता है। इसलिए अन्य राज्यों की देखा-देखी में अब महाराष्ट्र सरकार भी इस दिशा में कदम बढ़ा रही है और मुंबई में डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।