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मंडियों में आए बाजरे के एक एक दाने को खरीदने के लिए हैफेड बना रहा है योजना

मंडियों में आए बाजरे के एक एक दाने को खरीदने के लिए हैफेड बना रहा है योजना
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पूर्व निर्धारित कीमत पर हरियाणा में बाजरे की सरकारी खरीद चालू हुए करीब एक पखवाड़ा बीत चुका है । व्यापारिक सूत्रों ने बताया कि सरकारी खरीद की वजह से राज्य के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में अब बाजरे की आवक काफी हद तक घट गई है लेकिन अब ऐसी चर्चाएं सुनी जा रही है कि नोडल एजेंसी, हैफेड, मंड़ियों में आने वाले बाजरे के हर दाने की खरीद करने की योजना बना रही है । WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

ज्ञातव्य है कि हरियाणा सरकार ने 2500 रुपए प्रति क्विंटल की न्यूनतम समर्थन कीमत (एमएसपी) की तुलना में राज्य में बाजरे की 2200 रुपए प्रति क्विंटल कीमत पर खरीद करने का फैसला लिया था। शेष 300 रुपए की राशि किसानों को उनके बैंक खातों में डाले जाने का निर्णय लिया गया था। राज्य सरकार ने पूर्व निर्धारित कीमत पर बाजरे की खरीद के लिए हैफेड को अधिकृत किया था। राज्य सरकार के फैसले के बाद हैफेड ने चालू अक्तूबर महीने के आरंभ में हरियाणा में बाजरे की खरीद शुरू कर दी थी।

राज्य की चरखी दादरी मंड़ी स्थितव्यापारी ने बताया कि सरकारी खरीद शुरू होने के समय हमारी मंडी में बाजरे की इतनी आवक हो रही थी कि पैर रखने को जगह नहीं बची थी । करीब एक पखवाड़े तक खरीद चालू रहने और किसानों की अधिकतर फसल की बिक्री हो जाने की वजह से अब इस प्रमुख खाद्यान्न की आवक में भारी कमी आ गई है। उन्होंने आगे बताया कि मंडी में फिलहाल बाजरे के करीब 700-800 कट्टों यानी करीब 350-400 क्विंटल की आवक हो रही है। सरकार की खरीद चालू होने तथा आवक भी काफी हद तक घट जाने के कारण अब निजी व्यापारी भी बाजरे की खरीद तुलनात्मक रूप से ऊंची कीमत पर करने लगे हैं लेकिन अब स्थिति यह हो गई है कि व्यापारियों को अपने स्टॉक के लिए बाजरा मिल ही नहीं पा रहा है।

नारनौल मंड़ी स्थित व्यापारी ओमप्रकाश ने बताया कि क्षेत्र में अब बाजरे की आवक काफी कम रह गई है । उन्होंने बताया कि आज हमारी मंडी में बाजरे के करीब 400-500 कट्टों की ही आवक हुई। पूर्व में यह आवक करीब 10 हजार कट्टों की हो रही थी।

इसी प्रकार, क्षेत्र की भिवानी मंडी में भी बाजरे की आवक घटकर करीब एक हजार कट्टों की ही होने की जानकारी मिली। जब सरकारी खरीद शुरू हुई तो इस मंडी में इस प्रमुख खाद्यान्न की करीब 20-25 हजार कट्टों की आवक हो रही थी। यहां स्थित व्यापारी बाबूलाल सिंघल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सरकारी खरीद की वजह से किसान अपनी बाजरा फसल की अधिकतर मात्रा की बिक्री कर चुके हैं। आवक घटने तथा सरकारी खरीद चालू होने की वजह से राज्य की अधिकतर प्रमुख मंड़ियों में बाजरे की लूज कीमत बढ़कर करीब 2050-2100 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गई है। हालांकि हैफेड अभी भी इसकी 2200 रुपए कीमत पर खरीद कर रही है।

व्यापारियों ने बताया कि ऐसी चर्चाएं चल रही है कि हैफेड मंड़ियों में आने वाले बाजरे के एक-एक दाने की खरीद करने की योजना बना रही है। हालांकि पूर्व में सरकार ने केवल 5 लाख टन बाजरे की ही खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया था।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।