Movie prime

रुक नहीं रही है किसानो की आत्महत्या | आखिर कौन है इसका जिम्मेदार

रुक नहीं रही है किसानो की आत्महत्या | आखिर कौन है इसका जिम्मेदार
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

देश में किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के ताजा आंकड़ों ने चिंता को और बढ़ा दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक में पिछले 15 महीनों के दौरान विभिन्न जिलों में 1,182 किसानों ने आत्महत्या की है। आत्महत्या के कारणों में सूखा, फसल का नुकसान और भारी कर्ज शामिल हैं।

विभिन्न प्रयासों के बावजूद, देश में अन्नदाताओं को आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। इसी कारण, आत्महत्या के मामले देखे जा रहे हैं। एक खुलासे के अनुसार, कर्नाटक के राजस्व विभाग ने बताया है कि पिछले 15 महीनों में विभिन्न जिलों में 1,182 किसानों ने आत्महत्या की है। इन आत्महत्याओं के पीछे मुख्य कारणों में भयंकर सूखा, फसल का नुकसान, और भारी कर्ज शामिल हैं।

कर्नाटक में खुदकुशी करने वालो के राज्य और आंकड़े

 

जिला आत्महत्या की संख्या
चिक्काबल्लापुर 2
चामराजनगर 2
उत्तर कन्नड़ 6
दक्षिण कन्नड़ 6
कोडागु 6
चिकमगलूर 8
रामनगर 9
रायचूर 18
बागलकोट 19
बेल्लारी 19
तुमकुर 22
कोप्पला 30
गडग 32
बीदर 36
चित्रदुर्ग 36
विजयनगर 37
दावणगेरे 43
मांड्या 45
हसन 47
विजयपुरा 57
मैसूर 64
शिमोगा 66
यादगिरी 68
कलबुर्गी 69
धारवाड़ 101
हावेरी 120​​​
बेलगावी 122

सूखा से कितने किसान है प्रभावित
केंद्र सरकार किसानों का आर्थिक संकट दूर करने के लिए हर साल 6,000 रुपये नकद दे रही है। इसके अलावा, अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत लाभ और सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जा रही है। पीएम किसान पोर्टल के अनुसार, राज्य में लाभ प्राप्त करने वाले किसानों की संख्या 49,65,327 है। मई 2024 में कर्नाटक में सूखे की रिपोर्ट में, राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने बताया कि 33 लाख से अधिक सूखा प्रभावित किसानों ने मुआवजा पाने के लिए आवेदन किया था। इस तरह, राज्य के 49 लाख किसानों में से 33 लाख किसान सूखे से प्रभावित हुए हैं।