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सोयाबीन की सरकारी खरीद को लेकर कृषि मंत्री शिवराज का बड़ा बयान | जाने पूरी डिटेल्स

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मध्य प्रदेश में सोयाबीन पर सियासी घमासान: शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान

मध्य प्रदेश में सोयाबीन की कीमतों को लेकर सियासत गरमाई शुरु हुई है। किसान लगातार मांग कर रहे हैं कि सोयाबीन के दाम बढ़ाए जाएं, जबकि कांग्रेस इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को घेरने की कोशिश कर रही है। इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोयाबीन की खरीदी को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया है कि उनकी फसल को उचित मूल्य मिलेगा।

शिवराज सिंह चौहान का बयान:

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। उन्होंने बताया कि "किसानों की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा के समान है।" हाल के दिनों में मध्य प्रदेश के किसान इस बात को लेकर चिंतित थे कि सोयाबीन की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम पर बिक रही है।

शिवराज सिंह ने बताया कि इससे पहले महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में सोयाबीन की खरीदी MSP पर करने की अनुमति दी गई थी, और अब मध्य प्रदेश का प्रस्ताव भी उन्हें प्राप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि "कल रात को ही मध्य प्रदेश सरकार का प्रस्ताव आया है, और हमने उसे स्वीकृति दे दी है।

इस दौरान, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने में कहा कि अब मध्य प्रदेश के किसान भी चिंता न करें, सोयाबीन की फसल MSP पर खरीदी जाएगी।" केंद्र सरकार एमपी सरकार की मांग के अनुसार सोयाबीन की खरीदी करवाएगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसान हितैषी बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार सोयाबीन की खरीदी एमएसपी पर करने के लिए प्रतिबद्ध है। उनके इस बयान के बाद मप्र सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कैबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की मंजूरी दी। कैबिनेट की मंजूरी के तुरंत बाद, कृषि विभाग ने प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया।

उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य मिलेगा। "हम इस बात की गारंटी देते हैं कि मध्य प्रदेश में भी सोयाबीन की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी और किसानों को उनके पसीने की पूरी कीमत दी जाएगी।"

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में खरीदी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि, यह सरकार के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा क्योंकि मप्र में सोयाबीन का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के कुल उत्पादन का केवल 25% सोयाबीन एमएसपी पर खरीदा जाएगा, जबकि शेष 75% की खरीदी मप्र सरकार को स्वयं करनी होगी। वर्ष 2023-24 में मप्र में 5.47 मिलियन टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ था, जो इस प्रक्रिया को और भी चुनौतीपूर्ण बनाता है।

इस बयान के बाद कांग्रेस द्वारा किए जा रहे विरोध पर भी चर्चा तेज हो गई है। कांग्रेस लगातार बीजेपी पर यह आरोप लगा रही है कि वह किसानों के हितों की अनदेखी कर रही है, और सोयाबीन के दामों में वृद्धि की मांग को लेकर आंदोलन कर रही है। अब देखना होगा कि शिवराज सिंह के इस बयान के बाद सियासी माहौल कैसा मोड़ लेता है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।