हरियाणा और पंजाब में धान 1509 और यूपी उत्तराखंड में धान शरबती में आई गिराट | देखे पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
पंजाब हरियाणा में 1509 धान का दबाव बढ़ जाने से बाजार में 22-23 प्रतिशत बढ जाने से वहां 150 / 200 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आ गई। इसके प्रभाव से चावल सेला व स्टीम भी नीचे आ गए। इधर यूपी उत्तरांचल में शरबती धान का भी दबाव बढ़ गया, जिससे उसमें भी 100/150 रुपए की गिरावट दर्ज की गई। आगे कटाई को देखते हुए बाजार अभी और घट सकते हैं। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें
पंजाब के अमृतसर तारांतरण डियाला गुरु खन्ना एवं हरियाणा के तरावड़ी कैथल टोहाना चीका सफीदों करनाल आदि उत्पादक क्षेत्रों में 1509 धान की आवक 10 - 11 लाख बोरी दैनिक होने लगी है, इसके अलावा यूपी के बहजोई, जहांगीराबाद, पहासू, दादरी, दनकौर, बरेली के साथ-साथ उत्तराखंड के रुद्रपुर, गदरपुर, बिलासपुर, टांडा, काशीपुर आदि उत्पादक क्षेत्रों में 1509 के अलावा शरबती धान का दबाव जबरदस्त बना हुआ है, जिसके चलते सूखा धान, जो कल 2250/2350 रुपए बिक रहा था, उसमें 100 रुपए की गिरावट आ गई । नमी वाले माल 2050/2100 रुपए तक अलग-अलग मंडियों में बिक रहे हैं। अभी 1121 एवं 1718 धान की आवक होने में 10-15 दिन का और समय लगेगा, लेकिन उक्त दोनों वैरायटी की फसल खेतों में बहुत बढ़िया बताई जा रही है। इधर 1509 धान का दबाव बढ़ जाने से उसके भाव मंडियों में 3200 से 3525 रुपए प्रति कुंतल तक नमी के हिसाब से बेचू आने लगे हैं,
जबकि राइस मिलें धान कम खरीद रही हैं। धान में आई भारी गिरावट से 1509 सेला चावल 250/300 रुपए टूटकर 6350/6400 रुपए प्रति कुंतल राइस मिलों में रह गया है तथा इसका स्टीम 7100/7300 रुपए लेंथ के हिसाब से बेचू आने लगे हैं। अभी पुरानी बासमती चावल में उतनी गिरावट नहीं है, लेकिन ग्राहकी कमजोर होने से उसमें भी सौ - डेढ़ सौ रुपए घटाकर बिकवाल आने लगे हैं। गौरतलब है कि बासमती प्रजाति के सभी धान की बिजाई कम से कम 27-28 प्रतिशत कम उत्पादक राज्यों में खड़ी फसल को देखकर आने का अनुमान आ रहा है, इन परिस्थितियों में भविष्य में भरपूर मंदे की धारणा बनी हुई है। हम मानते हैं कि विश्व स्तर पर बासमती प्रजाति के चावल ऊंचे जरूर चल रहे हैं, लेकिन उत्पादकता एवं बिजाई क्षेत्र को देखते हुए निकट में तेजी का व्यापार बिल्कुल नहीं करना चाहिए ।
इधर मोटे चावल की अभी शॉर्टेज जरूर बनी हुई है, लेकिन इसमें भी बाजार आगे चलकर मंदा ही लग रहा है। फिलहाल कुछ दिनों तक परमल एवं पीडीएस क्वालिटी के माल की कमी होने एवं सीमावर्ती मंडियों की मांग से बाजार अकड़ में जरूर बना हुआ है, लेकिन स्टॉक के लिए वर्तमान भाव पर व्यापार करना नुकसानदेह हो सकता है।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।