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क्या धान के भाव घटाने की हो रही है साजिश | जाने पूरी खबर

क्या धान के भाव घटाने की हो रही है साजिश | जाने पूरी खबर
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किसान साथियो पिछले शनिवार को हरियाणा की ज्यादातर मंडियों में 1121 धान के भाव 4700 के उपर चल रहे थे। तब से लेकर आज शुक्रवार तक धान के भाव में मामूली नरमी का दौर चल रहा है। इस एक हफ्ते में धान के भाव 50-100 रुपये प्रति क्विंटल तक टूटे हैं। बात बासमती 30 की करें तो यहाँ पर भाव में 300 से 500 रुपये प्रति क्विंटल तक की टूटत आ चुकी है। जबकि 1718 में भी लगभग 100 रुपये की कमजोरी बनी है। अच्छी बात या रही कि 1401, 1885 और 1886 के भाव में कोई कमजोरी नहीं बनी है। गौरतलब है कि 1509 और 1847 में लगभग समान भाव चल. रहे हैं । किसान साथियो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस समय तक 60-70% तक फ़सल मंडियों में आ चुकी है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें
धान के भाव घटाने की साजिश
दोस्तो जाहिर सी बात है अगर मिलर्स हर दिन भाव बढ़ाते रहेंगे तो किसानों के मन मे मंदी का डर नहीं रहेगा और बहुत सारे किसान धान को होल्ड कर लेंगे। यही वज़ह है कि खरीद दार जान बुझ कर बोली पर भाव नहीं लगा रहे हैं। मंडी भाव टुडे ने मंडियों में जाकर देखा है कि बिना बोली का खरीद भाव बोली के भाव से ज्यादा मिल रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि किसान के मन में मंदी आने का डर बना रहे। और वह इसी समय अपना माल निकाल दे। साथियो अगले हफ्ते से बासमती की आवक कम होनी शुरू हो जाएगी। पिछले एक हफ्ते की कमजोरी को देखते हुए किसान साथियो अब असमंजस में हैं कि धान को निकाले या कुछ दिन और होल्ड करके रखें। इस सवाल का उत्तर ढूँढने के लिए हमें बासमती के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निर्यात का विश्लेषण करना होगा।

MEP के बावजूद निर्यात में वृद्धि
केंद्र सरकार द्वारा बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य, एमईपी 1,200 डॉलर तय करने के बाद सितंबर में इसके निर्यात में कमी जरूर आई थी। लेकिन 6 महीने के आंकड़े को देखें तो चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में निर्यात बढ़ा है। एपीडा के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान बासमती चावल के निर्यात में 7.05 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और कुल निर्यात 23.08 लाख टन का हुआ है, पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान इसका निर्यात केवल 21.56 लाख टन का हुआ था। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य, एमईपी 1,200 डॉलर प्रति टन तय करने के बाद सितंबर में बासमती चावल के निर्यात में अगस्त की तुलना में कमी आई थी । सितंबर महीने में भारत ने 2.98 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया था, जबकि अगस्त में निर्यात 4.01 लाख टन का हुआ था।

डिमांड के मुकाबले पर्याप्त चावल नहीं
बाजार के जानकारों का कहना है कि बासमती की अच्छी फ़सल होने के बावजूद भी डिमांड के अनुसार बासमती चावल का उत्पादन पर्याप्त नहीं रहेगा। पिछले साल का धान का स्टॉक समाप्त है इसलिए जो भी मिलिंग होनी है वह नयी फसल के धान से ही होनी है। इस समय धान की आवक जोरों पर है इसलिए खरीद दार सुस्त चल रहे हैं। अगले हफ्ते से धान की आवक कम होनी शुरू हो जाएगी जिसके बाद मिलर्स खरीद के लिए आगे आते दिखेंगे । इसके अलावा गैर बासमती के उत्पादन अनुमान में कमी आने की आशंका है, जिस कारण राइस मिलों की धान में खरीद अच्छी हो रही है।

गैर बासमती के निर्यात का क्या है स्टैटस
जैसा कि आप सबको पता है कि केंद्र सरकार ने 20 जुलाई को गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगा दी थी, इसके अलावा सितंबर महीने में ब्रोकन चावल के निर्यात पर भी रोक लगा दी । हालांकि गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद कई देश भारत सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार के करने और निर्यात चालू करने की बात कह रहे थे। जिसके कारण सरकार ने 18 अक्टूबर को नेपाल, कैमरून और मलेशिया सहित सात देशों को 10,34,800 टन गैर- बासमती सफेद चावल के निर्यात की मंजूरी दी। गैर बासमती चावल का विश्लेषण इसलिए किया जा रहा है क्योंकि विदेशी बाजारों में गैर बासमती चावल ना मिलने की स्थिति में बासमती चावल की डिमांड निकल सकती है।

चावल के भाव पर एक नजर
 साथियो चावल के भाव में किसी किस्म की कोई मंदी नजर नहीं आयी है। दिल्ली में पूसा 1,509 किस्म के बासमती सेला चावल का भाव 7,600 से 7,900 रुपये और इसके सेला चावल के भाव बढ़कर 6,800 से 7,050 रुपये प्रति क्विंटल पर चल रहे हैं । जबकि 1509 स्टीम A+ ग्रेड का माल 8100 के भाव बिक रहा है। इसी तरह से 1121 स्टीम A+ 10700 और सेला 100 रुपये तेज होकर 8500 हो गया है। 1401 स्टीम की रेंज 8550 की बनी हुई है। 1718 सेला 7900 और स्टीम 8600 के स्तर पर चल रहा है। चावल के इन भावों को देखते हुए बाजार में किसी तरह की कोई नरमी नहीं दिख रही है।

कब बढ़ेंगे बासमती के भाव
किसान साथियों मंडियों में इस समय बासमती धान की जबरदस्त आवक देखने को मिल रही है। आवक प्रेशर रहने के कारण बासमती धान के भाव 50 से 100 रुपये तक टूटे हैं। चूंकि आज हरियाणा की ज्यादातर मंडियों में बारिश का मौसम बना हुआ है इसलिए आज भी भाव पर प्रेशर बना रहा सकता है। इसलिए आज आप चाहें तो मंडी में जाने से परहेज कर सकते हैं। लंबे समय की आउटलुक को देखें तो चूंकि इस समय तक बासमती धान की 60 से 70% फसल मंडियों में आ चुकी है इसलिए आने वाले समय में आवक का दबाव हटने की संभावना है। आने वाले समय में निर्यात ऑर्डर की डिलीवरी देने के लिए राइस मिलों को बासमती धान की खरीद के लिए कंपटीशन झेलना पड़ सकता है यह कंपटीशन बासमती धान की भाव को बढ़ा सकता है। इसके अलावा निर्यात भी सुचारू रूप से हो रहा है। इसलिए बासमती में फ़िलहाल और मंदा नहीं लग रहा है। किसान साथी चाहे तो इस समय अपनी फसल को रोक सकते हैं। साथियों माहौल को देखते हुए धान रोकने की सलाह दी जा रही है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की अनिश्चित को देखते हुए इसमें रिस्क बना रहने की संभावना है। किसानों को व्यापार अपने विवेक से करने की सलाह दी जाती है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।