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युद्ध के माहौल में कैसा रहेगा बासमती का बाजार | जाने बासमती की तेजी मंदी रिपोर्ट में

युद्ध के माहौल में कैसा रहेगा बासमती का बाजार | जाने बासमती की तेजी मंदी रिपोर्ट में
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किसान साथियो धान का सीजन समाप्त होकर अर्सा बीत चुका है। मंडियों में धान की आवक नदारद है। निर्यात बढ़ने की खबरें भी आए दिन आती ही रहती हैं। फिर ऐसा क्या हो गया कि पिछले एक हफ्ते में धान के भाव 200-300 रुपये तक गिर गए। इसके पीछे क्या बड़ा कारण है। या गिरावट यहीं थम जाएगी या भाव में और गिरावट होनी है। ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब आज हम इस रिपोर्ट में ढूंढने की कोशिश करेंगे। अगर आपके पास आज की डेट में धान पड़ा हुआ है तो आपके लिए यह रिपोर्ट देखना जरूरी है । WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

किसान साथियो मंडी भाव टुडे पर हम अक्सर बताते हैं कि कोई ऐसा बाजार नहीं है जो अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं के प्रति इतना संवेदनशील हो जितना कि बासमती का बाजार है। इसलिए इसके भाव बहुत तेजी से उपर या नीचे होते रहते हैं। हम मानते हैं कि आज की डेट में धान की आपूर्ति सभी उत्पादक मंडियों में लगभग समाप्त हो गई है तथापि एशियाई देशों में अस्थिरता के चलते निर्यात सौदे पूरी तरह ठंडा पड़ गए हैं, जिस कारण पिछले एक सप्ताह के अंतराल 600 रुप प्रति क्विंटल की भारी गिरावट बासमती प्रजाति के चावल में आ गई है। व्यापारियों को डर है कि अगर ईरान और इजराइल में मामला बढ़ता है और अमरीका ईरान पर प्रतिबंध लगाता है तो उस कंडीशन में ईरान के पास बासमती चावल का भुगतान करने के लिए पैसा नहीं रहेगा। चूंकि ईरान बड़ा आयातक है इसलिए ईरान से डिमांड कम होने का डर बन गया है।

 हालांकि राइस मिलों में मिलिंग ड़ता काफी महंगा होने के कारण भाव में और घटने की गुंजाइश मिलर्स और ट्रेडर्स नहीं बता रहे हैं, तथापि विदेशों में अस्थिरता से कुछ दिन बाजार खामोश रह सकता है।

बासमती के बाजार में इस समय 1509, शरबती 1121 चावल, 1718 एवं 1401 सहित विभिन्न तरह के बिक रहे हैं, लेकिन पिछले एक सप्ताह के अंतराल यह देखने में मिला है कि घरेलू मांग के अलावा निर्यात मांग केवल 22-23 प्रतिशत रह गई है। यही कारण है कि चौतरफा स्टॉकिस्ट अपना माल घटाकर बोलने लगे हैं। दूसरी तरफ राइस मिलें भी रुपए की तंगी एवं ईरान द्वारा इजराइल पर किए गए हमले को देखते हुए भाव घटाकर बेचू आने लगी है, जिससे एक बार फिर सेला एवं स्टीम चावल में मंदे का दलदल बन गया है।

हम मानते हैं कि निकट भविष्य में बासमती धान आने वाले नहीं है। उपर से यूपी एवं उत्तरांचल के तराई वाले क्षेत्रों में भी इस बार साठा की रोपाई कम बता बतायी जा रही है। किसान बिजाई में इंटरेस्ट कम ले रहे है। इन सब के बावजूद भी बाजार पिछले एक सप्ताह के अंतराल 500/600 रुपए टूटकर यहां 1509 सेला 6550/6600 रुपए तथा 1718 बासमती सेला 7100/7150 रुपए प्रति कुंतल के निम्न स्तर पर आ गए हैं। यूपी में 1509 सेला चावल की बिकवाली एक्स राइस मिल 6400 रुपए में सुनी गई। इसी तरह स्टीम चावल में मंदे का रुख बना हुआ है। 2670 में गेहूँ बेचना है तो एक क्लिक में कंपनी को सीधा बेचें

हरियाणा, पंजाब के राइस मिलर्स का कहना है कि आज की तारीख में मीलिंग करने पर चावल के भाव 200/250 रुपए प्रति क्विंटल महंगे पड़ रहे हैं, जिससे राइस मिलों को बड़ा नुकसान हो रहा है। धान मंडियों में स्टॉक ज्यादा नहीं है तथा निर्यात बढ़ने के कारण राइस मिलों में भी इस बार बहुत ज्यादा स्टॉक नहीं बचा है। लेकिन यह बात जरूर है कि सीजन में ही जो बाजार बढ़ गए थे, उसमें ऊंचे भाव के बासमती धान मिलर्स के गले फंसे हुए हैं, इन परिस्थितियों में बड़ी राइस मिलें बिकवाल घटाकर ज्यादा नहीं आ रही है, जबकि छोटी राइस मिलें रुपए की तंगी होने से भाव घटकर बेचने लगी है।

चावल के व्यापार पर पिछले 4 महीने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिक्कतें आई हैं। पहले हृती विद्रोहियों के चलते समुद्री मार्ग में आवागमन ठप पड़ने से शिपमेंट के भाड़े दोगुने हो गए। थे, जिससे निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। अब वर्तमान में पिछले चार दिन के अंतराल ईरान-इजरायल युद्ध की स्थिति में अभी मंदा लग रहा है, लेकिन धान की उपलब्धि में कमी एवं दूसरे देशों में भी स्टॉक कम को देखकर कुछ दिन ठहर कर बाजार यहां से फिर तेजी का यू टर्न ले सकता है। मंडियों में गेहूं की आवक का दबाव चल रहा है। ऐसी स्थिति में नहीं लगता कि जल्दी ही भाव सुधरेंगे। जानकारों का कहना है कि महीने भर बाद बाजार फिर से सुधर सकता है इसलिए घबराकर माल बेचने में फायदा नहीं है। मंडी भाव टुडे ने बताया था कि अगर धान के भाव ठहरते हैं या नीचे की तरफ चलते हैं तो माल निकाल देना चाहिए। हमें उम्मीद है कि आपने अपन अमाल निकाल दिया होगा। अगर आप अभी तक नहीं निकाल पाए हैं तो आजकल की मंदी को देखते हुए आपको थोड़ा रुक कर माल बेचना चाहिए। व्यापार अपने विवेक से करें

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।