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थाईलैंड के चावल निर्यात पर संकट: भारत के लिए अवसर

थाईलैंड के चावल निर्यात पर संकट: भारत के लिए अवसर
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किसान साथियों और व्यपारी भाइयों, अमेरिका ने जब से टेरीफ़ वार छेड़ी है तब से विश्व व्यापार में काफी कुछ बदलाव हो रहे हैं । अब चावल के बाजार से खबर है कि टेरिफ़ वार की स्थिति के चलते थाईलैंड के चावल निर्यात में संकट पैदा हो सकता है। अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्कों के दबाव और भारतीय चावल के सस्ते होने के कारण उनके चावल निर्यात की दिशा बदल सकती है। परिस्थिति ऐसी कि अगर जुलाई 2025 से पहले थाईलैंड और अमेरिका के बीच कोई समझौता नहीं होता, तो थाईलैंड पर अमेरिका का 36% टैरिफ लागू हो सकता है, जो उसके निर्यात को और संकट में डाल सकता है।

निर्यात में गिरावट
साथियों आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2023 में थाईलैंड ने 99.5 लाख टन चावल निर्यात किया, जो साल 2018 के बाद सबसे अधिक था। हालांकि, 2025 में इसके निर्यात में भारी गिरावट का अनुमान है, जो 75 लाख टन तक घट सकता है। 2025 की पहली तिमाही में ही निर्यात में 30% की गिरावट देखी गई है।

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अमेरिका और भारतीय प्रतिस्पर्धा का असर
अमेरिका को थाईलैंड ने 8.48 लाख टन चावल निर्यात किया था, लेकिन अब अमेरिका की ओर से शुल्क लगाने के कारण निर्यात में और गिरावट की संभावना है। इसके अलावा, थाई चावल की कीमत भारतीय चावल से $40 प्रति टन ज्यादा है, जिसके कारण कई देश अब भारत की ओर मुड़ रहे हैं। वियतनामी चावल भी सस्ते होने के कारण प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, क्योंकि वहां की उत्पादन लागत कम है।

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थायलैंड का निर्यात घटने से भारत को फायदा मिलने की उम्मीद
थाईलैंड में चावल का स्टॉक घटने और कीमतें भारतीय चावल से अधिक होने के कारण निर्यात में और गिरावट की संभावना है। ऐसे में भारत से चावल निर्यात में भारी बढ़ोतरी की उम्मीद है। दूसरी तरफ अगर थाईलैंड को अपनी निर्यात स्थिति को सुधारना है, तो उसे अमेरिका के साथ संतुलित समझौता करना होगा और अपने चावल की कीमतों को भी प्रतिस्पर्धी बनाए रखना होगा, अन्यथा उसका बाजार में स्थान खतरे में पड़ सकता है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।