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सरसों का टॉप भाव क्या बनेगा | जाने आज की तेजी मंदी रिपोर्ट में

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किसान साथियो सरसों का भाव अब ऐसे मोड़ पर आकर खड़ा हो गया है जहां पर आने के बाद अब यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि आखिर सरसों के भाव को लेकर कोई झोल तो नहीं चल रहा है। इसमे किसी की कोई चाल तो नहीं है। किसान से लेकर व्यापारी तक सकते में आ गए हैं। घरेलू बाजार से लेकर विदेशी बाजारों तक कोई ऐसा बड़ा संकेत नहीं मिल रहा जो कि 15 दिन में ही सरसों के भाव में 700 रुपये की तेजी ला सके। मंडी भाव टुडे पर हम सालों से सरसों के बाजार का विश्लेषण कर रहे हैं लेकिन अब सरसों की यह तेजी अप्रत्याशित लगने लगी है। चूंकि सरसों का भाव डेली बढ़ ही रहा है इसलिए तेजी के माहौल के बीच सरसों को कब तक रोका जाए इस सवाल का उत्तर मिलना और कठिन हो गया है। बहरहाल सरसों को रोकने या बेचने का निर्णय लेने के लिए आपको जो जरूरी जानकारी मिलनी चाहिए वह जानकारी हम आपको इस पोस्ट में दे रहे हैं। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करे

ताजा मार्केट अपडेट
साथियो घरेलू बाजार में मंगलवार को तेजी देखने को मिली। जयपुर में सरसों के भाव लंबे अर्से के बाद 6000 के उपर दिखाई दिए। अच्छी बात यह रही कि शाम के सत्र में भी भाव में कोई गिरावट नहीं हुई। जयपुर में कल सरसों के भाव अपने उच्चतम स्तर 6025 पर ही बंद हुए। इसी तरह से भरतपुर मंडी में भी जबरदस्त तेजी देखने को मिली और भाव 5700 के नजदीक पहुंच गए। यहां पर भी लगभग ₹100 की तेजी देखने को मिली है। दिल्ली में लॉरेंस रोड पर सरसों के अंतिम भाव 5925 के रहे और यहां लगभग लगभग ₹100 की तेजी देखने को मिली है। अन्य मुख्य मंदिरों की बात करें तो चरखी दादरी भिवानी रेवाड़ी आदि मंदिरों से भी सरसों में लगभग 50 से लेकर ₹100 की तेजी आने की रिपोर्ट मिली है। बात ब्रांडेड तेल प्लांट की करें तो सलोनी प्लांट पर मंगलवार को सरसों के भाव 6500 के स्तर पर पहुंच गए। जमाना हो गया है जब सरसों में 6500 के भाव देखे गए थे। अब की बात करें तो सरसों की आवक बुधवार को 650000 बोरी के आसपास देखने को मिली। 5825 रुपये में अपनी सरसों को बेचने के लिए लिंक पर क्लिक करे

प्लांटों पर क्या रहे भाव
साथियो जैसा कि हमने बताया सलोनी प्लान्ट पर सरसों का पहुंच भाव 6500 का रहा जबकि आगरा में BP और शारदा प्लान्ट पर सरसों के भाव क्रमशः 6250 और 6350 के रहे। गोयल कोटा प्लान्ट पर सरसों की खरीद 5825 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से हुई। अडानी अलवर और बूंदी प्लान्ट पर पहुँच भाव 5950 रुपये प्रति क्विंटल का दिखा।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों में मंगलवार को तेजी देखने को मिली। धीरे धीरे सरसों के भाव MSP के उपर दिखने लगे हैं। मुख्य मंडियों के भाव को देखें तो राजस्थान की रायसिंहनगर मंडी में सरसों का रेट 5666, गोलूवाला मंडी में सरसों का रेट 5801, पीलीबंगा मंडी में सरसों का रेट 5455, घड़साना मंडी में सरसों का भाव 5750, श्री गंगानगर मंडी में सरसों का रेट 5742, अनूपगढ़ मंडी में सरसों का प्राइस 5779, संगरिया मंडी में सरसों का भाव 5483, बीकानेर मंडी में सरसों का रेट 5751, रावला मंडी में सरसों का भाव 5755, और नोहर मंडी में 5875 रुपये प्रति क्विंटल का टॉप भाव देखने को मिला है। बात हरियाणा की मंडियों की करें तो ऐलनाबाद मंडी में सरसों का रेट 5665, आदमपुर मंडी में 5784, बरवाला मंडी में 5541, सिवानी मंडी में 5800, च दादरी मंडी में 5900, भिवानी मंडी में 5700, और रेवाड़ी मंडी में 5800 के आसपास के भाव देखने को मिले हैं। 5825 रुपये में अपनी सरसों को बेचने के लिए लिंक पर क्लिक करे

विदेशी बाजारों की अपडेट
उम्मीद के विपरीत सरसों की आवक नहीं बढ़ने की वजह से देश के बाजारों में मंगलवार को सरसों तेल-तिलहन के दाम मजबूत बंद हुए। जबकि स्थानीय दाम कमजोर होने की वजह से सोयाबीन तेल तथा मलेशिया एक्सचेंज के कमजोर रहने के कारण सीपीओ एवं पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट आई। स्टॉक की कमी और ऊंची लागत की वजह से मांग प्रभावित होने के कारण मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन और बिनौला तेल कीमतें पूर्वस्तर पर बंद हुईं। मलेशिया एक्सचेंज कमजोर चल रहा है और शाम का बाजार बंद है। शिकॉगो एक्सचेंज भी फिलहाल मंदा है लेकिन कल रात यह तीन प्रतिशत से अधिक तेज बंद हुआ था | बाजार जानकारों ने कहा कि मिल वालों को पेराई के लिए सरसों नहीं मिल रहा है। जो प्रवक्ता मंडियों में सरसों की आवक बढ़ने और सरसों का दाम टूटने का अंदाज लगा रहे थे, वह होता दिख नहीं रहा। किसान अपनी फसल को किसी भी सूरत में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे दाम पर बेचने को राजी नहीं नजर आ रहे।

किसानों ने इस उम्मीद में अपना माल रोक रखा है कि आम चुनावों के बाद सरकार उनकी समस्या की ओर ध्यान देगी और सरसों खरीद बढ़ाने का कोई इंतजाम करेगी। सरसों की आवक अपेक्षा के अनुकूल नहीं रहने से सरसों तेल-तिलहन के थोक दाम मजबूत बंद हुए। दूसरी ओर आयात में नुकसान होने की वजह से सोयाबीन तेल के थोक दाम में गिरावट देखी गई। स्थानीय बाजार में इसके दाम कमजोर हैं। वहीं मलेशिया एक्सचेंज की गिरावट की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल में गिरावट है। उन्होंने कहा कि ऊंची लागत की वजह से महंगा होने के कारण कारोबार कमजोर रहने से मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे। किसानों द्वारा नीचे भाव पर बिकवाली नहीं करने से सोयाबीन तिलहन के दाम भी पूर्वस्तर पर बंद हुए। बिनौले की बाजार में आवक नहीं के बराबर है और कारोबार लगभग ठप रहने के बीच इसके भाव भी पूर्वस्तर पर बने रहे। बिनौले की अगली फसल आने में अभी लगभग पांच महीने की देरी है।

घरेलू बाजार में तेल और खल के भाव
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतों में मंगलवार को तेजी दर्ज की गई। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 26 रुपये तेज होकर भाव 1,131 रुपये प्रति 10 किलो हो गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी 26 रुपये बढ़कर 1,121 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। जयपुर में मंगलवार को सरसों खल के भाव 15 रुपये तेज होकर दाम 2,805 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 6.75 लाख बोरियों की हुई, जबकि पिछले कारोबारी दिवस में आवक 6.50 लाख बोरियों की ही हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में सरसों की चार लाख बोरी, जबकि मध्य प्रदेश की मंडियों में 75 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 70 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 25 हजार बोरी तथा गुजरात में 20 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 85 हजार बोरियों की आवक हुई। 5825 रुपये में अपनी सरसों को बेचने के लिए लिंक पर क्लिक करे

सरसों में आगे क्या
किसान साथियो हम मंडी भाव पर पिछले 3-4 दिन से यही बता रहे हैं है कि सरसों में जितनी तेजी आयी है इसके फंडामेंटल उतरने मजबूत नहीं है। विदेशी बाजारों में कोई बड़ी तेजी नहीं आयी है जो घरेलू बाजार में चल रही इस तेजी को सपोर्ट कर सके। हालांकि जानकारों का मानना है कि जब तक नयी सरकार नहीं बन जाती तब तक सरसों में बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं है। बाजार को उम्मीद है कि नयी सरकार विदेशी तेलों के आयात पर ड्यूटी लगाने का निर्णय ले सकती है। हमारा मानना है कि सरसों का उत्पादन कम रहने की खबर जिसने बाजार को इतना बढ़ा दिया है अब तक इस खबर को बाजार ने अब तक हजम कर लिया है। इसलिए इस समय भाव को लगातार मानिटर करने की जरूरत है। किसान साथियो को बाजार में जैसे ही कोई ऊँच नीच दिखाई दे माल को निकालने के लिए तैयार रहना चाहिए। मंडी भाव टुडे का मानना है कि सरसों में 6200 का टॉप भाव तो बन सकता है लेकिन इसके उपर जाने में थोड़ी मुश्किल होगी। बाकी व्यापार अपने विवेक से ही करे।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।