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जेट के मालिक नरेश गोयल की अर्श से फर्श तक की कहानी

जेट के मालिक नरेश गोयल की अर्श से फर्श तक की कहानी
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नरेश गोयल की कहानी वाकई में अद्वितीय है। उन्होंने एक समय में 300 रुपए की कैशियर की नौकरी से शुरुआत की थी, और फिर उन्होंने एयरलाइन उद्यमी बनने का सफर तय किया। उन्होंने जेट एयरवेज की स्थापना की और वह भारतीय एविएशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। नरेश गोयल भारत के आसमान में उड़ने वाली फ्लाइट का बादशाह कहा जाता था परंतु कुछ सालों बाद, उनकी कंपनी मुश्किलतों में पड़ी और उन्हें अनेक निगमों से विशेषाधिकार उपभोक्ता (VIP) सीटों की अवैध खरीददारी का आरोप लगा। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें जेल जाना पड़ा। यह संघर्षपूर्ण जीवनक्षेत्र उनके उच्च और निम्न समयों की कड़ी मेहनत, सफलता, और चुनौतियों का सामरिक रूप है।                                             
नरेश गोयल, 75 वर्षीय और एयरलाइन जेट एयरवेज के संस्थापक चेयरमैन, मुंबई की आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। उन्होंने 6 जनवरी को मुंबई के स्पेशल कोर्ट में जज के सामने हाथ जोड़कर यह कहा कि उन्होंने जीवन की उम्मीद खो दी है और उन्होंने कहा कि इस तरह की जिंदगी से तो जेल में ही मर जाना बेहतर होगा। उन्होंने अपनी बीमार पत्नी जोकि कैंसर की आखिरी स्टेज में है उनकी कमी का जिक्र करते हुए कहा कि उनको अपनी पत्नी की कमी बहुत खलती है जब जिंदगी की मुश्किलतों का सामना करने में उनकी पत्नी को उनका सहयोग चाहिए था तब वह उनके साथ नहीं है साथ ही गोयल ने जज से इकलौती बेटी की अस्वस्थता के बारे में भी बताया और ज़मानत की गुहार लगाई है। मानवीय आधार पर 9 जनवरी 2024 को कोर्ट ने गोयल को पुलिस अभिरक्षा में पत्नी से मिलने और प्राइवेट डॉक्टर्स से अपने स्वास्थ्य को लेकर परामर्श करने की अनुमति दी।

नरेश गोयल ने अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत 1967 में केनरा बैंक में कैशियर के रूप में की थी, जहां उन्हें महीने को लगभग 300 रुपए का वेतन मिलता था। उनकी शुरुआती जिंदगी में कई मुश्किलें रहीं लेकिन उन्होंने यहां से ही ट्रैवल बिजनेस की बुनियाद रखी। उन्होंने इस दौरान ट्रैवल इंडस्ट्री में काम करते हुए इस क्षेत्र की बारीकियों को सीखा। उन्होंने इराकी एयरवेज के साथ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर के रूप में भी काम किया।

नरेश गोयल का सफर व्यापक है और उनकी जीवनी में कई मोड़ आए हैं। इसकी एक संक्षेप में, यह इस प्रकार हो सकता है:

शुरुआती जीवन:

    • नरेश गोयल 13 जुलाई 1949 को पंजाब, भारत में जन्मे थे।
    • उनके पिताजी का समय से पहले निधन हो गया और इसके बाद उन्होंने अपने परिवार का सामर्थ्यपूर्ण सहारा बना लिया।
  1. पर्यावसान करियर:

    • नरेश गोयल ने अपनी करियर की शुरुआत व्यापक इंडस्ट्री में एक कैशियर के रूप में की।
    • उन्होंने ईस्ट वेस्ट ट्रेवल एजेंसीज में काम करते हुए विभिन्न कौशल और अनुभव प्राप्त किए।
  2. एयरलाइन इंडस्ट्री में प्रवेश:

    • 1993 में, गोयल ने एयरलाइन इंडस्ट्री में कदम रखा और जेट एयरवेज की नींव रखी।
    • उन्होंने जेट एयरवेज को भारतीय एविएशन मार्केट में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाया।
  3. सफलता और चुनौतियां:

    • गोयल ने एयर सहारा को खरीदने के बाद उसका नाम 'जेटलाइट' रखा और इसे चीप फुल सर्विस एयरलाइन के रूप में चलाया।
    • उन्होंने बजट एयरलाइंसों के प्रवेश के साथ मुकाबला किया और विभिन्न चुनौतियों का सामना किया।
  4. वित्तीय संकट:

    • जेट एयरवेज को बढ़ती कमीशन्स के साथ कई बार बजट कटौती का सामना करना पड़ा और इसने कर्मचारियों की संख्या में कमी की।
    • वित्तीय समस्याएं बढ़ीं और 2018 में जेट एयरवेज पर बैंकों का करीब 8,500 करोड़ रुपए का कर्ज था।

1971 से 1974 तक, नरेश गोयल ने कई विदेशी एयरलाइंस के साथ काम किया और उन्होंने ट्रैवल इंडस्ट्री के क्षेत्र में अपनी जानकारी और अनुभव को बढ़ाया। इसके बाद, उन्होंने 1974 में अपनी मां से 52,000 रुपए लेकर अपना ट्रैवल बिजनेस शुरू किया। उन्होंने उस समय की शर्तों के हिसाब से यात्रा कारोबार की शुरुआत की, जब अधिकांश लोगों के पास उड़ान भरने का और यात्रा करने का अवसर नहीं था।

1993 में, नरेश गोयल ने जेट एयरवेज की स्थापना की और 5 मई 1993 को पहली उड़ान का आयोजन किया। इसके बाद जेट एयरवेज ने तेजी से विकास किया और उच्चतम गुणवत्ता वाली एयरलाइंसों में से एक बन गई। गोयल ने यहां भारतीय एविएशन मार्केट में बड़ी हिस्सेदारी हासिल की और 2006 में एयर सहारा एयरलाइन को 1,450 करोड़ रुपये में खरीदा। नरेश गोयल के करियर में उच्च और नीचे के समयों में विभिन्न मोड़ आए। उन्होंने एयर सहारा को खरीदने के बाद उसका नाम 'जेटलाइट' रखा और इसे चीप फुल सर्विस एयरलाइन के रूप में चलाया। इस दौरान, उन्होंने बजट एयरलाइंसों के बढ़ते प्रभाव का सामना किया और इंडीगो और स्पाइसजेट के साथ मुकाबला किया।

हालांकि, इस समय तक बजट एयरलाइंस का दौर शुरू हो चुका था और गोयल को इसमें अच्छी जगह बनाए रखने के लिए उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जेट एयरवेज को बढ़ती कमीशन्स के साथ इस दौरान भी लगातार कई बार बजट कटौती का सामना करना पड़ा और उसने कर्मचारियों की संख्या में कमी की। जेट एयरवेज ने करीब 1900 कर्मचारियों को निकाला था, लेकिन सरकारी दखल के बाद उन्हें फिर से बहाल किया गया।

समय के साथ, जेट एयरवेज को अधिकतम कर्ज चढ़ गया और इसे वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ा। 2018 में जेट एयरवेज पर बैंकों का करीब 8,500 करोड़ रुपए का कर्ज था। 2019 में एयरलाइन ने बैंकों के कर्ज चुकाने में देरी की, जिससे उसकी क्रेडिट साख गिर गई।

नरेश गोयल को 2023 में केनरा बैंक की ओर से धोखाधड़ी के मामले में आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया था |

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।