अब गर्मी से नहीं होगा गेहूं को नुकसान | जानिए क्या है खबर
गेहूं की नयी किस्म :- किसान साथियो पिछले दो साल से आप देख रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन होने के कारण मार्च का महीना आते आते गर्मी इतनी बढ़ जाती है कि गेहूं की फसल को खासा नुकसान हो जाता है। गर्मी का दुष्परिणाम झेल रहे किसानों की परेशानी दूर करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वैज्ञानिकों ने गेहूं की नई किस्म विकसित की है। गेहूं की यह नई किस्म अधिक तापमान में भी ज्यादा उत्पादन देने में सक्षम है । गेहूं की इस किस्म का नाम HD -3385 दिया गया है। ICAR के वैज्ञानिकों का दावा है कि नई किस्म की पैदावार HD-3410 के समान है, जिसका उत्पादन पिछले वर्ष 7.5 टन प्रति हेक्टेयर दर्ज किया है। नई किस्म के पौधे की ऊंचाई 95 सेमी है एवं इसके तने काफी मजबूत हैं। WhatsApp पर भाव पाने के लिए ग्रुप join करे
नयी किस्म की क्या है खासियत
गेहूं की इस नयी किस्म की खास बात यह है कि फसल पकने में कम समय लेती है और जल्दी बुवाई के लिए उपयुक्त है। किसान साथियो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गेहूं की यह फसल आमतौर पर 140-145 दिन के बाद पकती है। बुआई 20 अक्टूबर के पहले हो जाए तो इसकी कटाई मार्च में हो सकती हैं।बीते साल भी मार्च के महीने में तापमान वृद्धि से गेहूं की फसल उस समय गर्मी की चपेट में आ गई थी जब वे अनाज स्टार्च और प्रोटीन जमा कर रही थी। किसानों की परेशानी की बड़ी वजह यही है कि अभी गेहूं की कटाई अप्रेल में ही हो पाती है। पिछले साल मार्च में तापमान में रिकार्ड वृद्धि दर्ज हुई थी। बढ़ती आवक का सरसों के रेट पर बन रहा दबाव | देखें आज की सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट
महंगाई रोकने में सहायक
गेहूँ की इस नई किस्म की यह खोज ऐसे समय सामने आई है जब अनाज की कीमतों में भारी वृद्धि दर्ज की जा रही है। बीती जनवरी में पिछले साल की तुलना में रेकॉर्ड 16.12% की वृद्धि हुई है। इसकी मुख्य वजह गेहूं और आटे की कीमतों में बढ़ोतरी ही है, जिसकी उपभोक्ता महंगाई दर में 25.05% की वृद्धि देखी गई। गेहूं के बढ़ते दामों को नियंत्रित करने के लिए सरकार को भंडार खोलना पड़ा। जिसकी वजह से एक फरवरी को सरकारी गोदामों में सिर्फ 154.44 लाख टन ही गेहूं रह गया जो कि पिछले छह महीने में सबसे कम है। देखें आज के सरसों के लाइव रेट Sarso Live Rate Today 23 Feb 2023
इस सीज़न में भी गर्मी बढ़ने से नुकसान की आशंका
किसान साथियो चालू रबी सीज़न में भी फरवरी में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी का आना आम लोगों के साथ-साथ किसानों के लिए भी काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। गेहूं की फसल खेतों में खड़ी है और आशंका बनी हुई है कि इस बार भी कहीं कहीं किसानों को नुकसान उठाना पड़े। ऐसे में वैज्ञानिकों की उपलब्धि उम्मीद की किरण बनकर आई है। इससे किसान गेहूं का उच्छा उत्पादन पा सकेंगे। पाम हुआ 4250 के पार | अखिर कब रुकेगी सरसों में गिरावट | सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट
पहले बुआई में क्या दिक्कत
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व मध्यप्रदेश देश में गेहूं बुआई नवंबर में होती है। क्योंकि, धान, कपास व सोयाबीन के कटने के बाद ही किसान गेहूं की बुवाई कर पाते हैं। ऐसे में कम समय में पकने के कारण नई किस्म लाभदायक है।