ईरान से बासमती बाजार के लिए अच्छी खबर | तेजी मंदी रिपोर्ट
किसान साथियो बासमती के बाजार में एक अच्छी खबर देखने को मिल रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खबर विदेशी न्यूज़ पोर्टल फाइनेंसियल ट्रिब्यून से ली गई है। हालांकि मंडी भाव टुडे इसकी पुष्टि नहीं करता लेकिन जिस तरह से खबर चल रही है इसका धान के भाव पर पॉजिटिव असर देखने को मिल सकता है। पिछले एक हफ्ते में बासमती धान और चावल के भाव अपने पीक भाव से 500 रुपये प्रति क्विंटल तक टूट चुके हैं। ऐसे में यह खबर बासमती के भाव में फिर से नयी तेजी फूंक सकती हैं। WhatsApp पर भाव पाने के लिए ग्रुप join करे
ईरान ने हटाया बासमती आयात से प्रतिबंध
खबर यह है कि ईरान कृषि मंत्रालय में वाणिज्य ब्यूरो के महानिदेशक ने कहा है कि ईरान ने चावल के आयात पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटा लिया है। ईरान चैंबर ऑफ कॉमर्स ने गत बुधवार को शहयाद अबनार के हवाले से कहा है कि ईरान सरकार की तरफ से चावल आयात के लिए ऑर्डर देने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। दूसरी तरफ मनी कन्ट्रोल की एक खबर आयी है कि ईरान ने बासमती पर आयात कर को भी कम किया है। हालांकि की मंडी भाव टुडे को अभी तक इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली है। बासमती धान के ताजा भाव | Basmati Paddy Rate Today 15 January 2023
नवम्बर में लगाया था प्रतिबंध
ईरानी मीडिया के अनुसार सरकारी अफसर की यह टिप्पणी ईरान के चावल आयातक संघ के प्रमुख द्वारा यह कहे जाने के बाद आई है कि नवंबर की शुरुआत से ही सरकार ने चावल के आयात पर प्रतिबंध लगा रखा है और किसी भी प्रकार का चावल ईरान की सीमा में आने का क्लीयरेंस नहीं है। ईरान की राइस इम्पोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष करीम अखावन-अकबरी ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि द्विपक्षीय व्यापार को संतुलित करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया था। हालांकि भारतीय मिडिया में यह खबर चली थी कि केवल भारतीय चावल के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया था। ईरान के चावल आपूर्तिकर्ता आयोग के सचिव, मसीह केशावर्ज़ के हवाले से पहले कहा गया था, "जैसे ही द्विपक्षीय व्यापार संतुलित हो जाता है या अधिशेष दर्ज हो जाता है, इसे हटा लिया जाएगा।" गेहूं ने छुआ 3000 का स्तर | देखें आज के गेहूं/कनक के लाइव रेट wheat kanak gehu Live Rate Today 14 Jan 2023
ईरान में चावल की कमी
अकबरी ने इससे पहले कहा था कि सरकार के इम्पोर्ट बैन के फैसले से घरेलू बाजार में कमी आएगी, क्योंकि स्थानीय उत्पादन चावल की घरेलू मांग को पूरा नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा, 'इस साल (2022-2023) अब तक करीब 12.7 लाख टन चावल का आयात किया जा चुका है। हमारी वार्षिक आयात मांग लगभग 1.5 मिलियन टन है। इसलिए, हमें साल के अंत तक [मार्च के अंत में] लगभग 250,000 टन अनाज खरीदने की और जरूरत है," देखें आज के सरसों के लाइव रेट Sarso Live Rate Today 14 Jan 2023
भारतीय चावल की अच्छी डिमांड
भारत चावल के मामले में ईरान के लिए सबसे बड़ा निर्यातक देश है। भारतीय चावल अपनी उच्च गुणवत्ता और उचित मूल्य के कारण अपनी जगह रखता है। ईरानी लोग अन्य विदेशी प्रकार के चावल की तुलना में भारतीय चावल पसंद करते हैं और आयातक उन वैरायटी का ही आयात करते हैं जिनकी बाजार में मांग है। भारत से जो चावल ईरान जाता है वह वंचित आय वाले लोगों की जरूरतों को पूरा करता है और ईरानी चावल की कीमत को भी संतुलित करता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह प्रतिबंध भारत से चाय के आयात पर भी लागू था। MSP पर फसल बेचनी है तो जल्दी कर लें ये काम | पूरी प्रक्रिया और दस्तावेज की जानकारी
ईरान में कितने चावल की है खपत
ईरान में चावल की खपत वर्तमान में प्रति वर्ष 3 मिलियन टन है, जिसमें से लगभग 60-70% की आपूर्ति घरेलू उत्पादन के माध्यम से की जाती है, लगभग 30-40 प्रतिशत हिस्सा आयात किया जाता है। भारत लंबे समय से ईरान को चावल का प्रमुख निर्यातक रहा है। अन्य निर्यातकों में पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, थाईलैंड, तुर्की और इराक शामिल हैं। गिलान, माज़ंदरान और गोलेस्तान ईरान के तीन उत्तरी प्रांत चावल उत्पादन केंद्र हैं।
क्या बढ़ेंगे धान के भाव
किसान साथियो ईरान और सऊदी से से बासमती आयात की खबरें कई दिन से बाजार में चल रही हैं। हो सकता है कि मार्केट इस खबर को हजम भी कर चुका हो। लेकिन ऐसा समय जब धान के भाव में मंदी आ रही है यह खबर भाव तो थोड़ी बहुत मजबूती दे सकती है। बाकी व्यापार अपने विवेक से करें।