रूस से नहीं, भारत अब इस देश से खरीदेगा तेल | क्या सस्ता होगा पेट्रोल डीज़ल

 


रूस नहीं, अब इस देश से आएगा ज्यादा कच्चा तेल, ट्रंप के आने से बदली रणनीति, सस्ता हो जाएगा पेट्रोल-डीजल

दोस्तों, पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने हमेशा ही भारतीय जनता को चिंता में डाला है। यह एक ऐसा विषय है जो न केवल आम आदमी के बजट को प्रभावित करता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका बड़ा असर पड़ता है। भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातकों में से एक है और इस कारण से तेल की कीमतों में होने वाली उतार-चढ़ाव का सीधा असर यहां की घरेलू कीमतों पर पड़ता है। पिछले कुछ समय में रूस से सस्ते तेल की आपूर्ति बढ़ने के बावजूद, अब अमेरिकी प्रशासन की नई योजनाओं के कारण भारत की ऊर्जा रणनीति में बदलाव आ रहा है। खास तौर पर डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों से भारत को फायदा हो सकता है। अभी यह संकेत मिल रहे हैं कि अमेरिका भारत को रूस से भी अधिक सस्ते दामों पर कच्चा तेल मुहैया करवा सकता है। दोस्तों, भारत हमेशा से रूस से सस्ते तेल का आयात करता आया है, खासकर जब से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ था। रूस ने भारत को कच्चे तेल पर काफी छूट दी थी, जिससे भारत का तेल आयात बिल कम हुआ था। लेकिन अब भारत में अमेरिका से तेल के आयात के बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में इस विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि नए अमेरिकी प्रशासन के आने के बाद भारत अमेरिका से तेल की आपूर्ति के बारे में सोच सकता है, जिससे घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट हो सकती है। अमेरिका भारत को कच्चे तेल के आयात पर कितनी छूट दे रहा है, और अमेरिका और रूस से कच्चे तेल का आयात करने पर कितना फर्क पड़ने वाला है, और इसके पीछे क्या कारण है, चलिए इन सब बातों को विस्तार से समझते हैं इस रिपोर्ट के माध्यम से।

अमेरिका से तेल आयात में वृद्धि

साथियों, मौजूदा हालातों को देखते हुए भारत और अमेरिका के बीच तेल आयात की संभावना में बढ़ोतरी हो सकती है, खासकर तब जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के आने के बाद अमेरिका ने अपनी तेल और गैस उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि अमेरिका, ब्राजील, कनाडा और कुछ अन्य देशों से भारत को अधिक कच्चा तेल मिलने की संभावना है। अगर वाकई भारत को इन देशों से रूस से सस्ते दामों पर कच्चे तेल की प्राप्ति होती है तो इससे भारत की तेल आयात नीति में बदलाव आएगा और घरेलू बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट के संकेत मिल सकते हैं। दोस्तों, जैसा कि आपको पता है वर्तमान में, भारत के लिए रूस एक प्रमुख तेल आपूर्तिकर्ता है, खासकर रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद, रूस ने भारत को तेल पर भारी छूट दी थी, जिससे भारत को कच्चे तेल की कीमतों में कुछ राहत मिली थी। लेकिन अमेरिका के नए प्रशासन के कदमों के बाद, भारत अब अमेरिका से भी ज्यादा तेल आयात कर सकता है। इससे भारतीय बाजार में तेल की आपूर्ति में सुधार होगा और यह भारतीय नागरिकों के लिए राहत का कारण बन सकता है।

भारत की रणनीति में बदलाव

दोस्तों, अमेरिका के रुख को देखते हुए भारत ने हाल ही में पेट्रोलियम रणनीति में बदलाव करने पर विचार किया है। भारत की पेट्रोलियम रणनीति में यह बदलाव अमेरिका के नए राष्ट्रपति के कार्यकाल की शुरुआत के साथ आया है। अभी तक जब से रूस ने तेल पर छूट दी थी, भारत ने रूस से अधिक तेल खरीदने की योजना बनाई थी। अब, अमेरिका से सस्ते दामों पर अधिक तेल आने से भारतीय पेट्रोलियम उद्योग को और भी फायदा हो सकता है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत की सरकार अमेरिका से तेल आयात बढ़ाने के पक्ष में है, और यदि और अधिक तेल आता है तो वह इसका स्वागत करेंगे। पुरी ने यह भी कहा कि भारत ने तेल आपूर्ति करने वाले देशों की संख्या को पहले ही 27 से बढ़ाकर 39 कर दिया है, और अगर इस सूची में और देश शामिल होते हैं, तो भारत इसके लिए तैयार है। इससे यह साबित होता है कि भारत अपनी तेल आयात नीति को लचीला बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, ताकि पेट्रोलियम की आपूर्ति में कोई कमी न हो और कीमतों में भी संतुलन बना रहे।

तेल की कीमतों में कमी का संकेत

दोस्तों, भारतीय पेट्रोलियम मंत्री ने संकेत दिया है कि अगर अमेरिका, ब्राजील, गुयाना, सूरीनाम और कनाडा से अधिक तेल आने की संभावना बनती है तो भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट आ सकती है। इसके अलावा, उन्होंने एथनॉल मिश्रण वाली फ्लेक्स ईंधन वाहनों की संख्या बढ़ाने का सुझाव भी दिया। एथनॉल के इस्तेमाल से पेट्रोलियम उत्पादों की खपत कम हो सकती है और इससे तेल आयात बिल में भी कमी आ सकती है। इसके साथ ही, भारत सरकार का लक्ष्य है कि वह 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण की योजना को निर्धारित समय से पांच साल पहले ही पूरा कर ले। इससे न केवल भारत के आयात बिल में कमी आएगी, बल्कि घरेलू ईंधन बाजार में भी सुधार होगा। एथनॉल का अधिक उपयोग करने से पेट्रोल और डीजल की खपत में कमी होगी, जिससे ऊर्जा की जरूरतें पूरी करने के लिए भारत को कम तेल आयात करना पड़ेगा

आयात बिल में कमी

साथियों, एथनॉल के बारे में बताते हुए भारत के पेट्रोलियम मंत्री ने यह भी बताया कि भारत जल्द ही 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य पूरा कर लेगा। इस कदम से न केवल भारत के ऊर्जा आयात पर निर्भरता कम होगी, बल्कि पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में भी कमी आएगी। इसके परिणामस्वरूप भारत का कच्चे तेल का आयात बिल घटेगा, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक बदलाव होगा। इसके अतिरिक्त, एक अन्य दृष्टिकोण से भी भारत के लिए यह कदम बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि पेट्रोलियम उत्पादों की खपत और तेल आयात बिल पर निर्भरता, देश की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करती है। अगर भारत 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य समय से पहले पूरा कर लेता है, तो यह न केवल घरेलू तेल उद्योग के लिए लाभकारी होगा, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा के मामले में भी यह एक बड़ा कदम होगा।

कितना होता है आयात

दोस्तों, भारत में कच्चे तेल का आयात बहुत बड़ी मात्रा में किया जाता है। भारत हर साल करीब 232.5 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) कच्चा तेल आयात करता है। साल 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने कच्चे तेल की खपत का लगभग 87% आयात किया था। इस समय देश में भारत की कच्चे तेल की ज़रूरतों का लगभग 84% तेल विदेश से आयात होता है। भारत में कच्चे तेल के आयात और घरेलू उत्पादन से सरकार को राजस्व मिलता है। भारत के कच्चे तेल आयात के कुछ प्रमुख देश रूस, इराक, सऊदी अरब, यूएई, और यूएस हैं। भारत में कच्चे तेल से पेट्रोल, डीज़ल, केरोसिन, और पेट्रोलियम जैली बनाई जाती है। इसके अलावा, प्लास्टिक बनाने का रॉ मैटेरियल भी कच्चे तेल से ही तैयार होता है। तेल खरीद के मामले में भारत को सबसे ज़्यादा तेल इराक देता है। अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 के बीच, भारत ने इराक से 22.24 अरब डॉलर का तेल ख़रीदा था। वहीं, सऊदी अरब दूसरे नंबर पर है। रूस, भारत को कच्चे तेल की सप्लाई करने में दूसरे नंबर पर है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।