सरसों बेचने की सोच रहे हैं तो ये रिपोर्ट जरूर देख लें | सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट

1. ताजा सरसों मार्केट अपडेट

2. प्लांटों पर क्या रहे रेट

3. हाजिर मंडियों के ताजा भाव

4. विदेशी बाजारों की अपडेट

5. सरसों में आगे क्या बन रहा है रूझान

 

किसान साथियो स्वतंत्रता दिवस, रविवार और रक्षाबंधन की छुट्टियों के बाद मंगलवार को जब बाजार खुला तो तिलहन के बाजार में एक अलग ही रौनक देखने को मिली। मलेशिया में पाम के भाव पिटने के बावजूद भारतीय बाजारों में सरसों के भाव में 50 रुपये की तेजी देखने को मिली। बाजार के जानकार इसे एक मजबूत संकेत के रुप में देख रहे हैं । लेकिन मजबूती को कन्फर्म तभी माना जाएगा जब तेजी का यह ट्रेंड एक दो दिन और चले। बाजार के जानकारों का मानना है कि यह तेजी त्यौहारी सीज़न की डिमांड को देखते हुए बनी है। दोस्तो त्यौहारी सीज़न की डिमांड और सप्लाई, विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के भाव, सरसों और सोयाबीन की मौजूदा आवक, सरसों की नाफेड द्वारा हो रही बिक्री आदि को देखते हुए सरसों के बाजार किस तरफ जा सकते हैं आज की रिपोर्ट में हम इसका विश्लेषण करेंगे। अगर आपने सरसों या सोयाबीन का स्टॉक किया हुआ है तो यह रिपोर्ट आपके लिए काफी उपयोगी साबित हो सकती है।

ताजा मार्केट अपडेट
मंगलवार को सुबह से ही मलेशिया के बाजार में 1% से ज्यादा की गिरावट दिख रही थी। शाम को यह गिरावट और बढ़ गई। हालांकि टाइट सप्लाई और त्यौहारी डिमांड को देखते हुए पहले से ही उम्मीद थी कि सरसों में तेजी बनेगी बाजार में ठीक ऐसा ही देखने को मिला भी। बाजार ने मलेशिया से मिल रहे कमजोरी के सिग्नल को सिरे से खारिज कर दिया। जयपुर में कंडीशन सरसों 42% के रेट 50 रुपये बढ़कर 6150 के स्तर पर पहुंच गए। भरतपुर का बाजार बंद रहा लेकिन बंद बाजार का अंदर का रेट 5800 बताया जा रहा है जो कि पिछले भाव से 50 रुपये तेज है। इसी तरह से  दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर और च दादरी मंडी में भी सरसों के भाव 50 रुपये तक तेज होकर क्रमशः 6050 और 6025 रुपये प्रति क्विंटल हो गए । मंडियों में सरसों की आवक बढ़कर 2 लाख 90 हजार बोरी पर पहुंच गई। नाफेड की सरसों बिक्री चल रही है लेकिन इसकी गति बहुत स्लो है। मिलर्स को क्वालिटी सरसों कम मिल रही है इसलिए टॉप माल के भाव में सुधार बन रहा है।

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प्लांटों पर क्या रहे रेट
जयपुर के बाजार में तेजी को देखते हुए ब्रांडेड तेल मिलों ने भी सरसों के खरीद भाव में बढ़ोतरी की। सलोनी प्लान्ट पर सरसों के रेट 50 रुपये तेज होकर 6575 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गए। इसके अलावा आगरा में बीपी और शारदा प्लांट पर सरसों के भाव तेज होकर 6400 के स्तर को छूने में सफल रहे । शारदा प्लांट में लगभग ₹100 की तेजी दर्ज की गई । अन्य प्लांट की बात करें तो अदानी बूंदी और अलवर प्लांट पर सरसों के भाव 6175 पर स्थिर रहे गोयल कोटा पर सरसों का भाव 5850 का रहा ।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
तेल मिलों के साथ साथ हाजिर मंडियों में भी तेजी देखने को मिली है। मंडियों के भाव की बात करें तो सिरसा मंडी में सरसों का रेट 5777, ऐलनाबाद मंडी में सरसों का रेट 5601 गोलूवाला मंडी में सरसों का भाव 566 नोहर मंडी में सरसों का रेट 569 सूरतगढ़ मंडी में सरसों का भाव 5335 आदमपुर मंडी में सरसों का रेट 5727 जैतसर मंडी में सरसों का रेट 5313 पीलीबंगा मंडी में सरसों का भाव 5431 देवली मंडी में कंडीशन सरसों का रेट 5751 भट्टू मंडी में सरसों का भाव 5495 संगरिया मंडी में सरसों का रेट 5400 श्री गंगानगर मंडी में सरसों का भाव 5665, शिवानी मंडी में सरसों का रेट 5775 अनूपगढ़ मंडी में सरसों का रेट 5457 और भरतपुर मंडी में सरसों का रेट 5800 प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया। इसके अलावा खेरली मंडी में सरसों का रेट 5730 गंगापुर सिटी में 5851 नदबई में 5730 अलीगढ़ में 5400 निवाई में 5675 टोंक में 5655 और हिसार में सरसों का रेट 5500 प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया।

विदेशी बाजारों की अपडेट
विदेशी बाजार में खाद्वय तेलों की कीमतों में मिलाजुला रुख रहा। मलेशिया में पाम तेल की कीमतों में नरमी आई,  वहीं शिकागो में सोया तेल के दाम तेज हुए। चीन के डालियान में भी खाद्वय तेलों के भाव में सुधार देखने को मिला ।
उत्पादक मंडियों में सरसों को दैनिक आवकों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार उत्पादक राज्यों में स्टॉकिस्टों एवं किसानों के पास सरसों का बकाया स्टॉक अभी अच्छी मात्रा में बचा हुआ है, तथा स्टॉकिस्ट दाम घटाकर बेचना नहीं चाहते। त्योहारी सीजन होने के कारण घरेलू बाजार में सरसों तेल की मांग आगामी दिनों में और बढ़ेगी, लेकिन इसकी कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक आयातित खाद्वय तेलों के दाम पर ही निर्भर करेगी।

निर्यात आंकड़ों में कमी आने के साथ ही शिकागो में सोया तेल की कीमतों में आई गिरावट के कारण मंगलवार को मलेशियाई क्रूड पाम तेल (सीपीओ) वायदा में गिरावट दर्ज की गई। कार्गो सर्वेक्षक इंटरटेक टेस्टिंग सर्विसेज और एमस्पेक एग्री के निर्यात आंकड़ों के अनुसार 1-20 अगस्त तक मलेशियाई पाम तेल उत्पादों की शिपमेंट पिछले महीने की समान अवधि की तुलना में क्रमश: 16.7 फीसदी और 18.4 फीसदी घटी है। पाम तेल के व्यापार की मुद्रा, रिगिंट अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 0.07 फीसदी तेज हुई, जोकि फरवरी 2023 के मध्य के बाद से अपने सबसे मजबूत स्तर पर पहुंच गई, जिससे आयातकों के लिए आयात पड़ते महंगे हुए।

तेल और खल के भाव
मंगलवार को तेल और कल के भाव लगभग स्थिर रहे।  जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ । कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 1,181 रुपये प्रति 10 किलो बोले गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम 1,171 रुपये प्रति 10 किलो पर स्थिर रहे । जयपुर में मंगलवार को सरसों खल के भाव 2,580 रुपये प्रति क्विंटल तक रहे ।

सरसों की आवक में बढ़ोतरी
मंगलवार को सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 2.90 लाख बोरियों की हो गई जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में यह 2.65 लाख बोरियों की ही हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में सरसों की 1.50 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 30 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 40 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 10 हजार बोरी तथा गुजरात में 10 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 50 हजार बोरियों की आवक हुई।

सरसों में आगे क्या बन रहा है रूझान
किसान साथियों आपने देखा ही होगा कि पिछले कुछ समय से तेल मिले नुकसान में चल रही है । सरसों खरीद कर तेल बनाने और उसे बेचने में मिलर्स को फिलहाल नुकसान हो रहा है इस नुकसान को देखते हुए मिलों ने सरसों की क्रशिंग को कम कर दिया है। जिसके कारण हो सकता है कि त्यौहारी सीज़न में सरसों तेल की शॉर्टेज देखने को मिले। इसी कमी को देखते हुए व्यापारी फिर से सरसों तेल में रुचि लेने लगे हैं । इसके अलावा खबर मिल रही है कि बंदरगाहों पर जो भारी स्टॉक खाद्य तेलों का इकट्ठा हो गया है अब वह छंटने लगा है। डॉलर के मुकाबले रिंगिट तेज हो रही है जिससे आयात महंगे हो रहे हैं। इसके साथ साथ जानकार यह भी मान रहे हैं कि बुरा से बुरा समय आ चुका है अब  इससे बुरा नहीं हो सकता। इसलिए नीचे के स्तरों पर डिमांड निकल रही है। यही कुछ ऐसे कारण है जिनके चलते विदेशी बाजारों में कमजोरी रहने के बावजूद भारतीय बाजार में सरसों तेज हुई है। किसान साथियों तेजी के कारण तो बहुत सारे गिनाये जा सकते हैं लेकिन तेजी को मजबूती तभी माना जाएगा जब सरसों में तेजी का यह ट्रेंड कम से कम दो-तीन दिन और चले और भरतपुर में सरसों के भाव 5850 और जयपुर में 6250 के ऊपर निकल जाएं । जब तक सरसों के भाव जयपुर में 6250 के ऊपर नहीं जाते हैं तब तक इस हल्की तेजी को टिकाऊ नहीं मानना चाहिए जो किसान साथी माल निकालना चाहते हैं वह हर 50-100 रुपये के उछाल पर अपना माल निकालते रहें । जो किसान साथी लंबा इंतजार करना चाहते हैं वह दिवाली तक इंतजार कर सकते हैं हो सकता है कि दिवाली आते-आते जयपुर में 6500 के भाव दिख जाए । यहां पर ध्यान देने वाली बात यह भी है कि अगर जयपुर में सरसों का भाव 6000 के स्तर को तोड़ता है तो यहां से आगे और गिरावट भी बन सकती है इसलिए आपको बहुत सावधान रहने की जरूरत है। व्यापार अपने विवेक से ही करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।