सरसों बेचने से पहले ये रिपोर्ट जरूर पढ़ लें | सरसों की खबरों का साप्ताहिक बुलेटिन
किसान साथियो पिछला हफ्ता सरसों किसानों के लिए अच्छा रहा। सरसो के भाव जयपुर मंडी में 6000 का स्तर छूने के बाद शनिवार 5925 पर बंद हुआ। पूरे सप्ताह में इसमे 200 रुपये की तेजी दर्ज हुई। लगभग इतनी ही तेजी ब्रांडेड तेल मिलों पर भी देखने को मिली है। लंबे अंतराल के बाद सलोनी प्लान्ट पर सरसों के भाव 6350 का स्तर छूने में कामयाब रहे। सरसों तेल के भाव में भी उछाल देखने को मिला। सरसों तेल कच्ची घानी में 4-5 रुपये/किलो की बढ़त दर्ज की गयी । WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें
व्यापारियों का कहना है की सरसो में बिकवाल ऊँचे भाव मांग रहा है जबकि मिल वाले कम भाव में लेवाल है। इसी डिस्पैरिटी की वजह से अब ऊपर में व्यापारी खरीदारी से बच रहे हैं हालांकि सरसो अब मजबूत हाथों में हैं जो कि कम भाव पर सरसों नहीं बेच रहे हैं। सरसो तेल और खल के भाव में अच्छी बढ़त से सरसो की क्रशिंग मार्जिन में सुधार हुआ है लेकिन अब भी आयातित तेल के सस्ता होने के कारण अभी भी मिलों को नुकसान ही हो रहा है। सरसो तेल के भाव इस सप्ताह 4-5 रुपये/किलो बढे हैं जबकि सोया तेल के भाव लगभग स्थिर ही रहे जिसके चलते कांडला सोया तेल और जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी के बीच अंतर बढ़कर 17 रुपये / किलो हो गया है
पिछले सप्ताह में ऐसी अफवाह भी फैली कि नाफेड राजस्थान और गुजरात में अगस्त के पहले सप्ताह में सरसो की बिकवाली करेगा हालांकि ऐसी कोई भी खबर की पुष्टि नहीं की जा सकी है। आधिकारिक सोर्स के अनुसार अभी सरकार की तरफ से ऐसा कोई निर्देश नहीं मिला है। नाफेड की सरसो बिकवाली शुरू होने से सरसो की तेजी पर लगाम लगेगी। नाफेड के पास 12 लाख टन सरसो उपलब्ध है जिसका उपयोग त्योहारों से पहले भाव को नियंत्रण में लाने के लिए किया जा सकता है।
महाराष्ट्र, गुजरात मध्यप्रदेश और राजस्थान में सोयाबीन की बुवाई पिछले साल से आगे निकल चुकी है। जिसका दबाव सोयाबीन के भाव पर बना था। यही वज़ह रही कि सरसों के मुकाबले सोयाबीन में केवल 100-150 का ही सुधार बन पाया। हालांकि मार्केट ने अब बुवाई बढ़ने की खबर को हजम कर लिया है।
मलेशियाई बाजार KLC की बात करें तो यहाँ पर पाम तेल 4200 के उच्च स्तर को छूने के बाद नीचे जरूर आया लेकिन 4000 के स्तर को मेंटेन करने में सफ़ल रहा। जानकारों के अनुसार पाम तेल को 4000 के स्तर पर थोड़ी बहुत सपोर्ट मिल रही है जबकि 3800 के स्तर पर मजबूत सपोर्ट बतायी जा रही है। जुलाई महीने में पाम तेल का आयात 46% तक बढ़ने की उम्मीद जतायी जा रही है। अन्य विदेशी बाजारों की बात करें तो अमेरीका और चीन में बढ़त जरूर बनी है लेकिन उपरी स्तरों पर मुनाफावसूली देखने को मिल रही है। यही वज़ह है कि अमेरिका और चीन के बाजारों में सीमित तेजी दिख रही है।
अगले हफ्ते कैसे रह सकते हैं सरसों के भाव
किसान साथियों भले ही सरकार खाद्य तेलों की भाव को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है लेकिन इसके बावजूद भी सरसों और सरसों तेल के भाव में तेजी कायम है। बारिश के सीजन की और त्योहारी डिमांड लगातार बनी हुई है जिसके चलते सरसों के भाव लगातार मजबूत हो रहे हैं। विदेशी बाजारों के लेवल को देखें तो आज से ठीक एक साल पहले 30 जुलाई 2022 को मलेशिया में पाम तेल का भाव 4420 रिंगिट प्रति टन चल रहा था जो कि इस साल 4000 के स्तर पर चल रहा है इसी अवधि के दौरान पिछले साल 30 जुलाई को जयपुर में कंडीशन 42% सरसों का भाव 6975 रुपए प्रति क्विंटल का था। जबकि आज 30 जुलाई 2023 को यह 5925 रुपए के स्तर पर खड़ा है। कहने का मतलब यह है कि पिछले 1 साल में विदेशी बाजारों के मुकाबले भारत में ज्यादा गिरावट हुई है। यही कारण है कि अब भारतीय बाजार विदेशी बाजारों के मुकाबले ज्यादा रिकवरी दिखा रहे हैं। जी बिजनेस, खेत खजाना और व्यापार केसरी जैसी ब्रांडेड संस्थाओं के एक्सपर्ट की राय माने तो सरसों के भाव में 200-300 रुपए का सुधार और बन सकता है। सरसों बाजार के एक्सपर्ट कहते हैं कि फरवरी के शुरुआत में जयपुर में सरसो का रेट 6125-6200 के बीच था। त्यौहारी डिमांड सरसों के भाव को फिर से इन्हीं स्तरों तक खींच सकती है। फ़िलहाल सरसों तेजी के मोड में हैं जिस पर नाफेड की सरसो बिकवाली या फिर अंतराष्ट्रीय बाजार की कमजोरी से ही ब्रेक लग सकता है। हालांकि मंडी भाव टुडे का मानना है कि किसानों और व्यापारियों को इन स्तरों पर सावधान रहने की जरूरत है। सभी तथ्यों का अध्ययन करने पर यह कहा जा सकता है कि अगले सप्ताह में सरसों में 6000 के उपर बनी रहने की संभावना है। जिन किसान साथियो को रिस्क नहीं लेना वे इन भावों पर अपना माल निकालने की सोच सकते हैं। व्यापार अपने विवेक से ही करें।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।