क्या गेहूं का भाव पहुंच पाएगा 3000 रुपए तक | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

 

किसान साथियो हाल ही में गेहूं, मक्का और बाजरे के दाम काफी बढ़ गए हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इन दामों में बहुत ज्यादा गिरावट आने की संभावना कम है। लेकिन, सरकार द्वारा गेहूं की बिक्री और मक्का-बाजरे में मुनाफा वसूली के प्रयासों से इन दामों पर थोड़ा दबाव पड़ सकता है। गेहूं की बात करें तो सरकार ने जितना गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा था, उसका लगभग आधा ही खरीद पाई है। इसके पीछे की वजह है घरेलू खपत में बढ़ोतरी। इस बढ़ती मांग के कारण व्यापारी ज्यादा मात्रा में गेहूं खरीद रहे हैं, जिससे दाम बढ़ रहे हैं। दिल्ली के लारेंस रोड में गेहूं का भाव 2780 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार गेहूं के दामों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए सरकार ने खुले बाजार में गेहूं बेचने की योजना बनाई है। मोटे तौर पर, अनाज बाजार में अभी अनिश्चितता का माहौल है। सरकार के फैसलों और मांग-आपूर्ति की स्थिति के आधार पर ही दामों में आगे क्या बदलाव आएगा, यह कह पाना मुश्किल है।

फ़िलहाल क्या चल रहा है बाजार
अनाज बाजार में इन दिनों काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। गेहूं, मक्का और बाजरे के दामों में पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, जानकारों का मानना है कि इन ऊंचे दामों पर व्यापारी मुनाफा कमाने के लिए अपनी फसल बेच सकते हैं। लेकिन, अभी ज्यादातर व्यापारी और इंतजार कर रहे हैं। सरकार द्वारा गेहूं की बिक्री शुरू होने की उम्मीद है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इससे बाजार पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। त्योहारी सीजन के चलते मांग अच्छी बनी हुई है, जिससे बाजार में कोई मंदी नहीं दिख रही है। हालांकि, अगर व्यापारियों के पास बहुत ज्यादा स्टॉक पड़ा है तो वे थोड़ा मुनाफा लेकर अपनी फसल बेच सकते हैं। मक्के की बात करें तो उत्तर प्रदेश और बिहार में मक्का की फसल सूखने लगी है। हालांकि, इस साल मक्का का उत्पादन अच्छा रहा है, लेकिन एथेनॉल कंपनियों द्वारा बड़ी मात्रा में मक्का खरीदने के कारण बाजार में मक्के की उपलब्धता कम हो गई है। व्यापारी भी मक्का बेचने लगे हैं, लेकिन अभी तक बाजार में कोई ज्यादा दबाव नहीं बना है। बिहार में मक्का का भाव 2500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है, जबकि पंजाब में भाव थोड़ा कम होकर 2700 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास चल रहा है।

आगे क्या हो सकता है गेहू में
बाजरा के बाजार में इस समय कुछ अनिश्चितता का माहौल है। एक तरफ जहां बाजरे की आपूर्ति कम है, वहीं दूसरी तरफ बाजार में और ज्यादा तेजी आने की उम्मीद कम है। ऐसे में, व्यापारी ऊंचे दामों पर अपनी फसल बेचकर मुनाफा कमाने की सोच रहे हैं। राजस्थान में हुई भारी बारिश से बाजरे की फसल को काफी नुकसान हुआ है। हालांकि, बाजरे की बुवाई अच्छी हुई थी। लेकिन, बारिश का दौर अभी भी जारी है, जिससे फसल को और नुकसान होने का खतरा बना हुआ है। सरकार के पास भी पर्याप्त मात्रा में बाजरा नहीं है। इसलिए, बाजार में बाजरे की कमी बनी हुई है। नई फसल आने में अभी डेढ़ से दो महीने का समय है। ऐसे में, बाजार में दामों में गिरावट आने की उम्मीद कम है। हरियाणा और पंजाब में बाजरे का भाव 2300 से 2350 रुपये प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है और आने वाले दिनों में इसमें 75 से 100 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। बात करे गेहूं के भाव 3000 रुपए तक पहुंच सकते है या नहीं साथियो बता की दिल्ली मंडी में गेहूं का भाव 2800 के करीब जा चूका है अगर तेजी ऐसे ही बरकरार रही तो जल्द ही 2800 को पार कर जायेगा और 3000 तक पहुंचने में देर नहीं लगेगी | अगर सरकार गेहूं को खुले बाजार में उतरती है तो गेहू के भाव में गिरावट देखने को मिलेगी फ़िलहाल तो सरकार की तरफ से को भी बिक्री की तारीख नहीं दी गई है आने वाले दिनों में गेहू के भाव में तेजी मंदी सरकार की बिक्री पर निर्भर करेगी | बाकि व्यापार अपने विवेक से ही करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।