क्या फिर से मिलेगा सरसों में 6000 का भाव | देखें सरसों की सबसे सटीक तेजी मंदी रिपोर्ट

 
sarso teji mandi report

सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट : किसान साथियो दुनिया भर में अलग अलग एजेंसियां फसलों के उत्पादन और भाव को लेकर समय समय पर डाटा प्रसारित करती रहती है। यह डाटा  किसी भी फ़सल के उत्पादन का या फिर भाव का अनुमान भर होता है। कुछ एजेंसियां अपनी सुविधा के हिसाब से अपने अनुमान को बदलती भी रहती हैं। ज्यादा दिन नहीं हुए जब अमेरिका की एजेन्सी द्वारा दावा किया जा रहा था कि दुनिया भर में सोयाबीन के उत्पादन का रिकॉर्ड टूट सकता है। मलेशिया और इंडोनेशिया में भी उत्पादन बढ़ने की रिपोर्ट आ रही थी। इन रिपोर्टों के आने के बाद से ही तेल तिलहन के भाव गिरकर 2 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुँच गए थे। लेकिन अब अल नीनो के चलते बताया जा रहा है कि उत्पादन में कमी हो सकती है। साथियो कहने का मतलब यही है कि अनुमान सिर्फ अनुमान होता है और वास्तविकता इससे अलग हो सकती है। इसलिए आपको सही भाव लेने के लिए प्रतिदिन बाजार की अपडेट लेते रहना चाहिए। आज की रिपोर्ट में हम तेल तिलहन में चल रही तेजी के टिकाऊपन को लेकर चर्चा करेंगे। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

ताजा मार्केट अपडेट
विदेशी बाजारों की तेजी को देखते हुए शनिवार को भी तेल तिलहन के भाव में तेजी बनी रही। इसके अलावा तेल मिलों की मांग बनी रहने से भी घरेलू बाजार में शनिवार को सरसों की कीमतों में लगातार तेजी का माहौल बना रहा। साथियो पिछले डेढ़ साल से लगातार चल रही मंदी के कारण व्यापारी डरे हुए हैं और सरसों में बहुत सम्भल कर खरीद हो रही है यही कारण है कि बाजार में गिरावट बहुत तेजी से आती है लेकिन तेजी बहुत धीरे धीरे आती है। यही कारण है कि जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 25 रुपये के मामूली सुधार के बाद 5,350 रुपये प्रति क्विटल हो गए। जबकि भरतपुर में सरसों के भाव 5000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास स्थिर बने रहे। दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर सरसों के भाव 5000 के आसपास चल रहे हैं। चरखी दादरी मंडी में 40 लैब सरसों का भाव 4950 रुपए प्रति कुंटल के रहे । 16 जून को आयी तेजी के भाव ज्यादातर मंडियां अपने भाव को होल्ड करती दिख रही हैं। मौसम खराब होने के कारण ज्यादातर मंडियों में आवकों में कमी देखने को मिली। शनिवार को सरसों की दैनिक आवक घटकर चार लाख बोरियों की रह गई।

प्लांटों पर क्या रहे भाव
प्लांटों की बात करें तो यहाँ पर भी भाव स्थिर नजर आ रहे हैं। सलोनी प्लान्ट पर शनिवार को सुबह के ट्रेड में 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी बनी थी लेकिन शाम होते होते 25 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी रह गई और अंतिम भाव 5725 रुपये प्रति क्विंटल के रहे। आगरा में बीपी और शारदा प्लांट पर सरसों के भाव ₹5550 प्रति क्विंटल पर चल रहे हैं।

अल नीनो का असर
तेल तिलहन के बाजार के जानकारों के अनुसार अल नीनो के असर से गर्म और शुष्क मौसम होने के कारण मलेशिया में पाम तेल के उत्पादन में कमी आने की आशंका है। एजेंसियों की रिपोर्ट को माने तो प्रतिकूल मौसम की मार से अमेरिका में भी सोयाबीन की फसल को भी नुकसान हो सकता है जिसके कारण अमेरिका में सोयाबीन के उत्पादन अनुमान में कमी बन सकती है। सूत्रों के अनुसार अमेरिकी के अधिकांश हिस्सों में शुष्क मौसम अगले दो हफ्तों तक बने रहने की आशंका है, जिससे मक्का और सोयाबीन की फसल प्रभावित होने का डर है। अमेरिकी कृषि विभाग ने बताया कि 13 जून तक अमेरिका में सोयाबीन उत्पादन का लगभग 51 फीसदी हिस्सा सूखे की स्थिति का सामना कर रहा है, जोकि पिछले सप्ताह के 39 फीसदी से ज्यादा है। इन सब खबरों को देखें तो ऐसा लगता है कि भारत में सरसों के भाव में और सुधार बन सकता है।

तूफान का कितना असर
किसान साथियो वैसे तो तूफान बिपोर्जॉय का तेल तिलहन पर कोउ बड़ा फर्क़ नहीं पड़ा है लेकिन खराब मौसम होने के कारण सरसों की आवक में कमी जरूर देखने को मिल रही है। कम आवक के कारण भी भाव को सहारा मिला है। हालांकि व्यापारियों का कहना है कि प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में मौसम साफ होने के बाद सरसों की दैनिक आवकों में फिर बढ़ोतरी  हो सकती है।

तेल और खल का भाव
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें शनिवार को लगातार दूसरे दिन 5-5 रुपये तेज होकर भाव क्रमश - 991 रुपये और 981 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। इस दौरान सरसों खल के दाम पांच रुपये कमजोर होकर दाम 2580 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

सरसों में और कितनी तेजी
किसान साथियों ऊपर दिए विश्लेषण को पढ़ने के बाद आपको यह अंदाजा हो गया होगा कि सरसो को लेकर बाजार में क्या माहौल है कौन से ऐसे तत्व हैं जो सरसों के भाव में तेजी ला सकते हैं और कौन से ऐसे तथ्य हैं जो सरसों के भाव को कमजोर कर सकते हैं। मोटे तौर पर देखा जाए तो फिलहाल बाजार में तेजी की ही धारणा है । मलेशिया और अमेरिका के बाजार में जिस तरह से तेजी आई है उस तरह से भारत में अभी तिलहन में तेजी देखने को नहीं मिली है। यदि विदेशी बाजारों में और सुधार बनता है या फिर भाव स्थिर भी रह जाते हैं तब भी भारतीय बाजार में थोड़ी बहुत तेजी और बन सकती है। हम मानते हैं कि 6000 का भाव अभी दूर है लेकिन जयपुर में सरसों के भाव का 5500 रुपए का लेवल छूने की पूरी पूरी संभावना है। व्यापार अपने विवेक से ही करें

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।