क्या आयात से लगेगा गेहूं की तेजी पर ब्रेक | जाने इस रिपोर्ट में

 

किसान साथियो गेहूं के भाव ने सरकार की नींद उड़ा रखी है। एक तो चुनावी वर्ष उस पर से गेहूं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी। गेहूँ की कीमतों को कम करने की लगातार चल रही सरकारी कोशिशों के बावजूद गेहूं की तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है। सरकार द्वारा खुले बाजार में गेहूं की बिक्री करने से गेहूं के बढ़ते भाव पर अंकुश तो लगा है लेकिन ऐसा नहीं लगता कि इससे गेहूं में चल रही तेजी रुकने वाली है। घरेलू मार्केट में गेहूं की कीमतों में लगाम लगाने के लिए 15 वर्षों के बाद भारत सरकार इंपोर्ट का सहारा लेने पर विचार कर रही है। खुले बाजार में गेहूं की बिक्री से दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर गेहूं का भाव मात्र 50-60 रुपये ही टूटा है। और यह फिर से उपर की तरफ चलने लगा है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

सरकार की क्या है मजबूरी
साथियो 2024 का साल लोकसभा का चुनावी साल है। साल 2023 में भी कई बड़े राज्यों में विधानसभा होने हैं। चुनाव नजदीक होने के चलते सरकार गेहूं की कीमतों में उछाल का जोखिम नहीं ले सकती है। क्योंकि इससे आम आदमी की थाली की रोटी महंगी हो सकती है। इसलिए गेहूं आयात करने को लेकर चर्चा की जा रही है हालांकि अभी तक इसपर कोई फैसला नहीं हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले महीने ही खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने रूस से गेहूं इंपोर्ट करने की संभावनाओं को खारिज कर दिया था।

क्या है गेहूं में तेजी की वज़ह
साथियो अल नीनो का असर अब दिखने लगा है। अगस्त महीने में बहुत ही कम बारिश देखने को मिली है। कई राज्यों में कम बारिश के चलते खेतिहर भूमि में नमी नहीं रहने की आशंका बन गई है जिसका बुरा असर आने वाले रबी सीजन में गेहूं के बुवाई रकबे और पैदावार पड़ने की संभावना है। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि भारत के कई राज्यों में अब भी गेहूं की खेती बारिश पर आधारित है।

रूस से गेहूं आयात पर विचार
घरेलू से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गेहूं की कीमतों में उछाल के बाद सप्लाई बढ़ाकर कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार रूस से सस्ते दामों पर गेहूं आयात करने पर विचार कर रही है। भारत ने रूस से इसके लिए बातचीत शुरू कर दी है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि केंद्र सरकार रूस से गेहूं के आयात के लिए प्राइवेज ट्रेडर और दोनों सरकारों की आपसी डील के जरिए करने की संभावनाओं को टटोल रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार ने कई वर्षों से गेहूं का आयात नहीं किया है। साल 2017 में प्राइवेट ट्रेडर्स के जरिए 5.3 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं का इंपोर्ट किया गया था। रूस से गेहूं के आयात होने पर कीमतों में नरमी लाने में मदद मिलेगी। यूक्रेन भी गेहूं का बड़ा निर्यातक देश है लेकिन युद्ध के चलते ऐसा नहीं लगता कि वहाँ से आयात होने की कुछ संभावना है।

डिस्काउंट पर गेहूं खरीदने की योजना
भारत रूस से 8 से 9 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं इंपोर्ट कर सकती है जिससे घरेलू मार्केट में त्योहारी सीजन से लेकर चुनावों के दौरान घरेलू मार्केट में गेहूं की कीमतों को कम रखने में मदद मिल सके। अच्छी बात यह है कि रूस ने डिस्काउंट पर गेहूं सप्लाई करने का ऑफर दिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रूस पर आर्थिक प्रतिबंध होने के बावजूद रूस से खाद्य वस्तुओं के एक्सपोर्ट पर कोई रोक नहीं है।

खाद्य महंगाई दर 11% के पार
जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर 15 महीने के उच्च स्तर 7.44 फीसदी पर जा पहुंची है जबकि खाद्य महंगाई दर 2022 के बाद अपने हाई 11.51 फीसदी पर जा पहुंची है। खाद्य महंगाई में उछाल की वजहों में गेहूं में आयी तेजी का भी बड़ा योगदान है। पिछले जुलाई अगस्त में थोक बाजार में गेहूं की कीमतें 10 फीसदी के लगभग तेज हुई  हैं और सात महीने के उच्च स्तर पर जा पहुंची है।

क्या और महंगा होगा गेहूं
साथियो अब देखने वाली बात यह है कि गेहूं के आयात से गेहूं के बढ़ते भाव पर कितनी लगाम लगेगी। साथियो जैसा कि आप सबको पता है कि मंडियों में गेहूं की आवक बिल्कुल नही के बराबर है। किसानों के पास गेहूं अब बहुत कम है। सब माल मजबूत हाथ में है। दोस्तो यदि 300 से 325 अमेरिकन डालर के भाव इंपोर्ट हुआ तो भारत में अंदाजन 2700/2800 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास का पड़ता पड़ेगा जो कि मौजूदा भाव से अधिक ही है। ऐसे में नहीं लगता कि गेहूं के आयात से कोई बड़ी गिरावट हो सकती है। हां बाजार का तेजी का सेंटिमेंट जरूर बदल सकता है जिससे तेजी पर ब्रेक लग सकता है। व्यापार अपने विवेक से करें।

👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट

👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव

👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।