पहले तेज होकर फिर से गेहूं क्यूँ हुआ मंदा | यहां जाने गेहूं की बाजार रिपोर्ट में

 
पहले तेज होकर फिर से गेहूं क्यूँ हुआ मंदा | यहां जाने गेहूं की बाजार रिपोर्ट में

किसान साथियो और व्यापारी भाइयो बुधवार को सरकारी साप्ताहिक नीलामी में गेहूं की कीमतों में अचानक वृद्धि देखी गई। इसका मुख्य कारण व्यक्तिगत प्रोसेसर को अधिक मात्रा में गेहूं खरीदने की छूट दिया जाना है। इसके साथ ही, बाजार में आटा, रवा और मैदा की अच्छी मांग बनी हुई है, और नई आवक का दबाव बनने में अभी समय है। नीलामी में पेश किए गए 4 लाख टन गेहूं में से 3,99,940 टन बिक गया, जबकि 12 फरवरी को 3 लाख टन में से 2,93,110 टन बिका था। दो सप्ताह पहले प्रस्तावित मात्रा 1.5 लाख टन से बढ़ाकर 3 लाख टन कर दी गई थी, और प्रोसेसर के लिए अधिकतम बोली मात्रा प्रति नीलामी 150 टन पर बनी रही, लेकिन व्यक्तिगत कैप को बढ़ाकर 400 टन कर दिया गया, जिससे कीमतों में तेजी आई। कई मिलर्स अपने प्लांट चलाने के लिए पूरी तरह से सरकारी नीलामी पर निर्भर हैं। अगर आप जानना चाहते है की गेहूं का भाव आगे बढ़ेगा या फिर गिरेगा या सरकार से जुडी गेहूं की जनकारी जानना चाहते हो और साथ में रोजाना भाव पाना चाहते हो तो आप हमारी प्रीमियम सर्विस ले सकते है जो केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक की है अगर आपको सर्विस लेनी है तो ही मैसेज करे लेने के लिए 9518288171 पर व्हाट्सप्प मैसेज या कॉल करे

अफवाहों से बदल रहा गेहूं का बाजार
व्यापारियों के अनुसार, बढ़ते तापमान के कारण गेहूं के उत्पादन पर खतरा मंडरा रहा है, जिससे बाजार में तेजी देखी जा रही है। इसके साथ ही, अफवाहों का बाजार भी गर्म है, जहाँ यह बात फैल रही है कि सरकारी खरीद शुरू होने के बाद उत्पादक राज्यों में मार्च से गेहूं की नीलामी बंद हो सकती है। हालाँकि, अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इन अफवाहों के कारण बाजार में अस्थिरता बनी हुई है और व्यापारियों में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।

सरकार ने स्टॉक सीमा में किया बड़ा बदलाव
सरकार ने गेहूं के स्टॉक नियमों में बदलाव करते हुए उन्हें और सख्त कर दिया है। इसका मुख्य उद्देश्य जमाखोरी को रोकना और गेहूं की कीमतों में होने वाली वृद्धि को नियंत्रित करना है। इस नए नियम के अनुसार, व्यापारियों और थोक विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा को 75% कम कर दिया गया है। पहले यह सीमा 1,000 टन थी, जिसे घटाकर अब केवल 250 टन कर दिया गया है। यह नया नियम मार्च 2025 तक लागू रहेगा, जब बाजार में रबी की नई फसल आएगी। खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने स्टॉक सीमा को कम करने के लगभग दो महीने बाद इन नए नियमों को लागू किया है।

सरकार के फैसले से बाज़ार पर कितना हुआ असर
सरकार द्वारा लिए गए निर्णय का बाजार पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। इस निर्णय के लागू होने के 24 घंटे के भीतर ही दिल्ली के बाजार में गेहूं की कीमतों में 50 रुपये की नरमी देखी गई। इसका मुख्य कारण यह है कि बड़े मिल मालिक और व्यापारी अपने स्टॉक किए हुए माल को बेच रहे हैं, जिससे बाजार में आपूर्ति बढ़ रही है और टाइट सप्लाई की स्थिति से राहत मिल रही है। सरकार का यह कदम कीमतों को नियंत्रित करने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण था। हालांकि, व्यापारियों के अनुसार, आटा, रवा और मैदा की अच्छी मांग और मिलों के अपनी पूरी क्षमता से चलने के कारण, बाजार में जारी किया गया माल जल्दी ही खत्म हो जाएगा।

साप्ताहिक नीलामी का क्या रहा रिजल्ट
बुधवार को उत्तर प्रदेश में भारतीय खाद्य निगम (FCI) की ई-नीलामी में गेहूं की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। यहाँ सबसे अधिक बोली ₹3,159 प्रति क्विंटल और सबसे कम बोली ₹2,958 प्रति क्विंटल रही। दिलचस्प बात यह है कि 168 खरीदारों ने ₹3,000 प्रति क्विंटल से ऊपर बोली लगाई, जबकि केवल 30 प्रोसेसर ने ₹3,000 से कम बोली लगाई। अन्य राज्यों की बात करें तो, कर्नाटक में उच्चतम बोली मूल्य ₹3,019 प्रति क्विंटल रहा, जहाँ सभी 11,000 टन गेहूं बिक गया। इसी तरह, राजस्थान में ₹3,029 प्रति क्विंटल, पश्चिम बंगाल में ₹2,835 प्रति क्विंटल, बिहार में ₹2,803 प्रति क्विंटल, हरियाणा में ₹3,335 प्रति क्विंटल, दिल्ली में ₹2,871 प्रति क्विंटल और पंजाब में ₹2,610 प्रति क्विंटल की बोली लगी। इस साप्ताहिक ई-नीलामी में, पंजाब में 62,000 टन और उत्तर प्रदेश में 58,000 टन गेहूं की पूरी बिक्री हो गई। अन्य प्रमुख राज्यों में, जहाँ सबसे ज्यादा गेहूं बिका, उनमें हरियाणा में 36,000 टन, राजस्थान में 33,500 टन, मध्य प्रदेश में 25,000 टन, बिहार में 24,000 टन और पश्चिम बंगाल में 23,950 टन गेहूं शामिल हैं।

इस सप्ताह कैसा रहा बाजार और आगे कैसा रहेगा
साथियो सप्ताह के पहले दिन गेहूं का भाव 3225 रूपये पर खुला और कल शनिवार को भाव 3250 पर बंद हुआ है यानि की इस सप्ताह 25 रूपये की तेजी देखने को मिली पर आप की जानकारी के लिए बता दे की सप्ताह के बीच में गेहूं का भाव 3300 रूपये तक पहुंच गया है लेकिन सप्ताह के अंत में सरकार ने स्टॉक लिमिट 75% तक गटा दी जिसके कारण भाव 50 रु घटकर 3250 प्रति क्विंटल के भाव पर आ गया बाकि आप निचे दिए गए चार्ट में गेहूं का ट्रेंड देख सकते है | अगर आप जानना चाहते है की गेहूं का भाव आगे बढ़ेगा या फिर गिरेगा या सरकार से जुडी गेहूं की जनकारी जानना चाहते हो और साथ में रोजाना भाव पाना चाहते हो तो आप हमारी प्रीमियम सर्विस ले सकते है जो केवल 500 रूपये में 6 महीनो तक की है अगर आपको सर्विस लेनी है तो ही मैसेज करे लेने के लिए 9518288171 पर व्हाट्सप्प मैसेज या कॉल करे आने वाले दिनों की बात करे तो शनिवार को गेहूं का भाव 25 रूपये की तेजी के साथ बंद हुआ था तो सोमवार को भाव तेजी के साथ खुलने की उम्मीद बताई जा रही है

लेकिन व्यापारियों का कहना की सरकार द्वारा स्टॉक लिमिट के निर्णय के कारण बाजार में कुछ समय के लिए मंदी देखी जा सकती है। हालांकि, अच्छी मांग के चलते कीमतों में बहुत ज्यादा गिरावट आने की संभावना कम है। इसका मतलब यह है कि स्टॉक लिमिट के सरकारी फैसले से बाजार में थोड़ी सुस्ती आ सकती है, लेकिन गेहूं की मांग बनी रहेगी, जिससे कीमतों में बड़ी गिरावट नहीं आएगी। और उन्होंने यह भी बताया की यह मांग कुम्भ के मेले के कारण बनी हुई है और कुम्भ का मेला 26 तारीख को समाप्त होगा और सरकार भी गेहूं की साप्ताहिक नीलामी 26 या 27 को ही करेगी जिससे गेहूं का भाव डाउन हो सकता है | क्योकि डाउन होने के पीछे 2 कारण है पहला की सरकार गेहूं की साप्ताहिक नीलामी करेगी और दूसरा और सबसे बड़ा करण यह की कुम्भ के मेले के कारण जो गेहूं की डिमांड बनी हुई है वो कम हो जाएगी जिससे गेहूं का भाव डाउन हो जायेगा और आगे चल कर मार्च के पहले सफ्ता में गेहूं की नई आवक शुरू हो जाएगी जिससे गेहूं की कीमतों पर दबाव पड़ सकता है 24 फरवरी से 1 मार्च वाले सप्ताह में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है इसी लिए व्यापार अपने विवेक से ही करे और अफवाहों से बचे

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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।