गेहूं का भाव पहुंचा 9 महीने के उच्चतम स्तर पर | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

 

किसान साथियो बुधवार को गेहूं की कीमतों में उछाल देखने को मिला और यह कीमते लगभग नौ महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। अगर सरकार जल्द ही गेहूं का स्टॉक जारी नहीं करती है, तो आने वाले त्योहारी सीजन में कीमतों में और भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। कर्नाटक के एक बड़े आटा मिल मालिक ने इस चिंता को व्यक्त करते हुए कहा कि गेहूं की आपूर्ति लगातार कम होती जा रही है और कुल मिलाकर, इस साल की आपूर्ति की स्थिति पिछले साल की तुलना में काफी खराब लग रही है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

देश में गेहूं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और यह स्थिति चिंताजनक है। पिछले कुछ वर्षों में अत्यधिक गर्मी के कारण गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। 2022 और 2023 में गेहूं का उत्पादन कम रहा और इस साल भी उत्पादन अनुमान से 6.25 प्रतिशत कम रहा है। इसके अलावा, एक अगस्त को भारत के सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक 2.68 करोड़ टन था जो एक साल पहले की तुलना में 4.4 प्रतिशत कम है। कम उत्पादन और कम स्टॉक के कारण गेहूं की आपूर्ति में कमी आई है और इसकी कीमतें बढ़ रही हैं। ऐसे में सरकार को अपने स्टॉक से गेहूं की बिक्री तुरंत शुरू कर देनी चाहिए ताकि बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़ सके और कीमतों को नियंत्रित किया जा सके।

इस साल अप्रैल के महीने से ही हुई तेजी शुरू
साथियो गेहूं की कीमतों में लगातार तेजी बढ़ती जा रही है। मिल मालिकों के अनुसार, अप्रैल में जहां गेहूं की कीमत 24,000 रुपये प्रति मीट्रिक टन थी, वहीं अब यह बढ़कर 28,000 रुपये प्रति मीट्रिक टन हो गई है। पिछले साल सरकार ने जून महीने से अपने भंडार से गेहूं बेचना शुरू किया था और जून 2023 से मार्च 2024 के बीच लगभग एक करोड़ टन गेहूं की रिकॉर्ड बिक्री की थी। इस कदम से आटा मिलों और बिस्किट निर्माताओं जैसे थोक खरीददारों को सस्ती कीमत पर गेहूं मिल पाता था। हालांकि, इस साल की स्थिति कुछ अलग है। अगस्त का दूसरा पखवाड़ा चल रहा है, लेकिन सरकार ने अभी तक अपने भंडार से गेहूं बेचने की कोई घोषणा नहीं की है। सरकार की इस देरी से गेहूं की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है और इससे आम लोगों पर महंगाई का बोझ बढ़ रहा है। आटा मिल मालिकों का मानना है कि सरकार को जल्द से जल्द अपने भंडार से गेहूं बेचना शुरू करना चाहिए ताकि बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़ सके और कीमतों में स्थिरता आ सके। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

गेहूं की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के पीछे सरकार की ओर से गेहूं की बिक्री में देरी एक प्रमुख कारण है। नई दिल्ली स्थित एक वैश्विक व्यापारिक फर्म की डीलर के अनुसार, भौतिक बाजार में गेहूं की आपूर्ति काफी कम हो गई है क्योंकि किसानों ने अपनी अधिकांश फसल बेच दी है। अब सभी की नजरें सरकार पर हैं कि वह अपने स्टॉक से गेहूं जारी करे। हालांकि, सरकार गेहूं की बिक्री में देरी कर रही है। इसका कारण यह है कि सरकार के पास अप्रैल, यानी अगली फसल शुरू होने तक बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए सीमित स्टॉक है। इस स्थिति के चलते गेहूं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और आने वाले समय में भी इनमें और वृद्धि होने की संभावना है। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।