अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं के भाव में हुए बड़े बदलाव | जाने भारत में गेहूं के बाजार पर क्या होगा असर                       

 

किसान साथियों, भले घरेलू बाजार मे इस साल गेहूं का बाजार काफी स्थिर चल रहा हो  लेकिन अंतराष्ट्रीय स्तर  यह अस्थिर रहा है। रूस से लेकर अमेरिका तक, किसानों, व्यापारियों और निर्यातकों के लिए गेहूं की कीमतों में हो रहे उतार-चढ़ाव किसी रोलर कोस्टर से कम नहीं हैं। अगर आप कृषि बाजार पर नजर रखते हैं, तो आपने देखा होगा कि पिछले कुछ हफ्तों में रूसी गेहूं के दाम बढ़े हैं, जबकि अमेरिकी गेहूं के फ्यूचर्स (वायदा) में गिरावट आई है। जबकि घरेलू मंडियों में पिछले सप्ताह स्थिरता के बाद अब 2 दिन से 5 से 10 रुपए की हल्की तेजी देखने को मिल रही है। इसकी वजह क्या है? क्या आपूर्ति-मांग का फंडा बदल रहा है, या फिर वैश्विक कारक इसके पीछे हैं? आज हम इसी बात को डिटेल में समझेंगे और जानेंगे कि रूस के गेहूं के निर्यात दाम क्यों बढ़े, अमेरिकी गेहूं के फ्यूचर्स में गिरावट क्यों आई, और भारत के गेहूं बाजार पर इसका क्या असर पड़ सकता है।

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भारत में गेहूं बाजार

भारत में इस साल गेहूं का उत्पादन अच्छा हुआ है, जिसकी वजह से मंडियों में स्टॉक भरा हुआ है। मिल क्वालिटी का गेहूं ₹2740-2750 प्रति क्विंटल के बीच बिक रहा है। वहीं अगर दिल्ली मंडी की बात करें तो दिल्ली मंडी में आज गेहूं का भाव 2735 रुपए प्रति क्विंटल बोला जा रहा है। यदि सरकार बफर स्टॉक से गेहूं बेचने के लिए टेंडर निकालती है, तो कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है। फिलहाल, आटा और मैदा की मांग कमजोर है, क्योंकि दूसरी मंडियों में दाम कम हैं। जैसा कि हमने बताया, अभी तो सप्लाई ज्यादा है, लेकिन अगस्त-सितंबर के बाद फसल की कमी महसूस हो सकती है। ऐसे में, स्टॉकिस्ट्स (भंडारकर्ता) अभी से माल रोककर बैठ सकते हैं, ताकि बाद में ज्यादा प्रॉफिट कमाया जा सके। मतलब साफ है, भारत में गेहूं की कीमतें अभी स्थिर हैं, लेकिन आने वाले महीनों में मांग बढ़ने पर दाम ऊपर जा सकते हैं। वहीं दूसरी ओर कीमतों को स्थिर करने के लिए अगर सरकार किसी योजना के तहत कार्य करती है तो गेहूं की कीमतों में हल्की नरमी भी देखी जा सकती है।

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आज के मंडी भाव

अगर देश की प्रमुख मंडियों में आज के गेहूं के भावों की बात करें तो दिल्ली लॉरेंस रोड ₹2735/2745, दाहोद ₹2610, राजकोट ₹2400 से ₹2900, आगरा ₹2625, जयपुर ₹2600, लखनऊ ₹2620, इंदौर ₹2750 (3% छूट), रोहतक ₹2600, अलवर ₹2600, भिवानी ₹2450, और सिरसा में ₹2440/2475 रुपए प्रति क्विंटल के रहे।

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रूस के गेहूं की निर्यात कीमत में तेजी

रूस दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं निर्यातक है, और पिछले हफ्ते उसके गेहूं के दामों में $3 प्रति टन की बढ़ोतरी हुई और FOB (Free on Board) आधार पर अगस्त डिलीवरी वाले गेहूं की कीमत $225 प्रति टन तक पहुंच गई। लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह बढ़त क्यों हुई? इसका कारण रूसी कृषि विशेषज्ञ दमित्री रियाल्को (IKAR के प्रमुख) के मुताबिक, इस बार बंपर उत्पादन की उम्मीद नहीं है। क्योंकि कुछ इलाकों में सूखे की स्थिति है, खासकर रोस्तोव जैसे प्रमुख गेहूं उत्पादक क्षेत्र में। इस वजह से ट्रेडर्स को लग रहा है कि आने वाले दिनों में सप्लाई कम हो सकती है, जिससे कीमतों में तेजी आई। इसके अलावा यूक्रेन युद्ध के बाद से यूरोपीय देशों और यूक्रेन का गेहूं निर्यात प्रभावित हुआ है। इसकी वजह से रूसी गेहूं की मांग बढ़ी है, क्योंकि दूसरे विकल्प सीमित हैं। वहीं दूसरी ओर रूस सरकार ने गेहूं निर्यात टैक्स को शून्य कर दिया है। यह फैसला 2021 के बाद पहली बार लिया गया है। इसका मकसद निर्यात को बढ़ावा देना है, लेकिन इससे दामों पर दबाव बढ़ा है। हालांकि कीमतें बढ़ी हैं, लेकिन शिपमेंट की मात्रा अभी भी पिछले साल के मुकाबले कम है। पिछले हफ्ते सिर्फ 1 लाख टन गेहूं का निर्यात हुआ, जबकि उससे पहले यह 1.9 लाख टन था।
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अमेरिकी गेहूं वायदा 3% टूटा

जहां रूस में गेहूं के दाम बढ़ रहे हैं, वहीं अमेरिका के गेहूं फ्यूचर्स में 3% से ज्यादा की गिरावट आई है। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (CBOT) पर सबसे एक्टिव कॉन्ट्रैक्ट $5.46 प्रति बुशल पर आ गया। अमेरिका में विंटर व्हीट (सर्दियों के गेहूं) की कटाई चल रही है, जिससे मार्केट में सप्लाई बढ़ी है। इसलिए जब माल ज्यादा आता है, तो कीमतें नीचे आने लगती हैं। अमेरिका के अलावा, रूस और यूरोप में भी इस साल गेहूं का उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद है। इससे ग्लोबल सप्लाई बढ़ने का डर है, जिसका असर अमेरिकी फ्यूचर्स पर पड़ा है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।