प्याज़ के बाजार में क्या है माहौल | क्या गिर जाएगा प्याज का भाव | जाने इस रिपोर्ट में

 

पिछले दिनों प्याज के भाव में आयी तूफानी तेजी के बाद अब प्याज के भाव स्थिर होने लगे हैं। हालांकि उत्पादक मंडियों में अभी प्याज की आवक नहीं बढ़ी है लेकिन फिर भी भाव ने तेजी पकड़ी थी वह देखने को नहीं मिल रही है।

इंदौर मंडी से क्या है अपडेट
आज 9 जुलाई को इंदौर मंडी में प्याज की आवक लगभग 35000 कट्टे के आसपास देखी गई है। अगर भाव की बात करें तो 8 जुलाई को उपर में टॉप से टॉप सुपर माल के भाव 30 रुपये किलो से उपर नहीं है। 30 रुपये में भी कोई एक आध लॉट ही बिका है। सुपर माल के भाव 29 रुपये से साढ़े 29 के उपर नहीं  हैं। निर्यात बढ़ने के कारण गोल्ट गोल्टी प्याज का माल 24-25 से उठकर 26-27 की रेंज में पहुंच चुका है।

दिल्ली में कैसा है प्याज के बाजार
दिल्ली की आजादपुर मंडी की अगर बात करें तो यहां पर 8 जुलाई को लगभग 50 गाड़ी की आवक हुई। पुरानी गाड़ियों को मिलाकर 150 गाड़ी प्याज उपलब्ध रही । यहां पर भी आवक में कोई बड़ा उछाल नहीं देखा गया है। लेकिन शनिवार और रविवार को माल ज्यादा आने के कारण भाव 1 रुपये तक कमजोर हुए थे। अगर आज के ताजा भाव की बात करें तो टॉप से टॉप माल राजस्थान लाइन का  ₹30 के आसपास बिक रहा है। जबकि एमपी साइड का माल ₹31 तक बिक रहा है। नासिक लाइन के प्याज की बात करें तो यहां पर रेट ₹31 से लेकर ₹33 तक बोला जा रहा है। पूना एरिया का माल टॉप से टॉप भाव 35 रुपये का है। कुल मिलाकर दिल्ली में रेंज 27 रुपये से 35 रुपये तक कही जा सकती है।

पुणे मंडी से क्या है अपडेट
पुणे मंडी में आवक 90 गाड़ियों के आसपास देखने को मिल रही है और सुपर माल के भाव 31 रुपये तक बताये जा रहे हैं। मीडियम माल 26 से 28 रुपये तक बिका है । आवक कम रहने के साथ ग्राहकी भी स्लो बतायी जा रही है। इसी तरह से बंगलुरु में 130 गाड़ी के आसपास प्याज की आवक हुई और भाव 31 रुपये से 34 रुपये तक सुपर क्वालिटी में देखने को मिला है।

बांग्लादेश को हो रहा है निर्यात
किसान साथियों जैसा कि आप सबको पता है कि प्याज का निर्यात शुरू हो चुका है। कल यानी की 8 जुलाई को बांग्लादेश में लगभग 52 गाड़ी प्याज को भेजा गया है। अगर भाव की बात करें तो भारतीय प्याज बांग्लादेश में 55 से 65 रुपये तक एवरेज माल मे बिक रहा है।
बीते सप्ताह शुक्रवार को सरकार ने कहा कि घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता आरामदायक है और खुदरा कीमतें स्थिर हो रही हैं। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस बार खरीफ (गर्मियों में बोई जाने वाली) सीजन में प्याज की फसलों की बुवाई में 27 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।  इस साल अच्छी और समय पर मानसून की बारिश ने खरीफ फसलों, जिसमें प्याज और टमाटर और आलू जैसी अन्य बागवानी फसलें शामिल हैं, को काफी बढ़ावा दिया है।"
कृषि मंत्रालय के आकलन के अनुसार, खरीफ में प्याज, टमाटर और आलू जैसी प्रमुख सब्जियों की बुवाई के लिए लक्षित क्षेत्र में पिछले साल की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। जो पिछले साल के उत्पादन की तुलना में रबी-2024 सीजन में प्याज के मामूली कम उत्पादन के बावजूद घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता आरामदायक है।"

नहीं होगी अब प्याज की कमी
प्याज की फसल तीन मौसमों में काटी जाती है: मार्च-मई में रबी (सर्दियों में बोई जाने वाली); खरीफ (ग्रीष्म ऋतु में बोई जाने वाली फसल) सितंबर-नवंबर में तथा देर से खरीफ जनवरी-फरवरी में बोई जाती है। उत्पादन के संदर्भ में, रबी फसल कुल उत्पादन का लगभग 70 प्रतिशत है, जबकि खरीफ और देर से खरीफ मिलकर 30 प्रतिशत है। खरीफ प्याज रबी और खरीफ की अधिकतम आवक के बीच के कम महीनों के दौरान मूल्य स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मंत्रालय ने कहा, "इस वर्ष खरीफ प्याज के तहत लक्षित क्षेत्र 3.61 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक है।" कर्नाटक, जो शीर्ष खरीफ प्याज उत्पादक राज्य है, में 1.50 लाख हेक्टेयर के लक्षित क्षेत्र के 30 प्रतिशत में बुवाई पूरी हो चुकी है, तथा अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों में भी बुवाई प्रगति पर है। बाजार में उपलब्ध प्याज वर्तमान में रबी-2024 की फसल है, जिसकी कटाई मार्च-मई 2024 के दौरान की गई थी।
सरकार ने दावा किया कि रबी-2024 का अनुमानित उत्पादन 191 लाख टन है, जो प्रति माह लगभग 17 लाख टन की घरेलू खपत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। निर्यात प्रति माह 1 लाख टन होने का अनुमान है। बयान में कहा गया है कि इस साल रबी की फसल के दौरान और उसके बाद शुष्क मौसम की स्थिति ने प्याज के भंडारण नुकसान को कम करने में मदद की है।

प्याज के रेट
आंध्रप्रदेश : 2200 – 3200
बिहार : 3900 – 4100
छत्तीसगढ़ : 2600 – 3200
गुजरात : 1000 – 3500
हरियाणा : 1000 – 4400
हिमाचल प्रदेश : 3800 – 4000
जम्मू और कश्मीर : 2500 – 3800
कर्नाटक : 500 – 4000
केरल : 3900 – 8000
मध्य प्रदेश : 550 – 2932
राजस्थान : 1000 – 4000

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।