प्याज के बाजार की क्या रह सकती है दिशा दशा | जाने इस रिपोर्ट में

 

किसान साथियों इन दिनों प्याज बड़ी चर्चा का विषय बन रही है। पिछले कुछ हफ्तों से प्याज के भाव हर दिन 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो रहे हैं। प्याज के साथ साथ आलू और टमाटर के भाव भी बढ़ रहे है।  डेली खान पान की चीजों के भाव बढ़ने से एक तरफ जहां किसानो की चांदी हो रही है वहीं आम आदमी परेशान होने लगा है।

क्या कहते हैं बाजार के जानकार
बाजार के जानकारों का मानना है कि प्याज टमाटर के भाव में चल रही यह तेजी जल्दी रुकने वाली नहीं है । ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, जुलाई और अगस्त में भारी मॉनसूनी बारिश की संभावना जताई है। और भारी बारिश खरीफ सीजन में बोई गई प्याज की फसल के लिए नुकसानदेह हो सकती है। बारिश का अत्यधिक होना प्याज की तेजी के मामले में आग में घी का काम कर सकता है। खासकर कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के किसानों के लिए जो इस सीजन में प्याज की खेती करते हैं।

स्टॉक की बात करें तो रबी सीजन के प्याज का स्टॉक जो किसानों के पास है, उस पर भी बारिश का नकारात्मक प्रभाव हो सकता है क्योंकि प्याज पानी और उमस के संपर्क में आने पर सड़ने लगता है। कोल्ड स्टोरेज, निजी गोदामों और मंडियों में रखा प्याज भी बारिश से प्रभावित हो सकता है। जैसा कि आप सबको पता है कि बीते रबी सीजन के दौरान प्याज के अच्छे रेट भाव नहीं मिलने के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ था। कई महीनों के संघर्ष और निर्यात खोलने की लगातार हो रही मांग को देखते हुए  केंद्र सरकार ने मई 2024 के पहले सप्ताह में प्याज निर्यात को खोल दिया विदेशी बाजारों में भारतीय प्याज भेजा जा रहा है। निर्यात शुरू होने कारण और सप्लाई कमजोर होने के कारण वर्तमान में किसानों और व्यापारियों को प्याज के ठीक ठाक भाव मिल रहे है। इसके अलावा, बीते दो महीनों में गर्मियों के दौरान घरेलू खपत में भी वृद्धि देखी गई है। बीते 15 दिनों में प्याज की औसत कीमतों में 30 फीसदी तक की वृद्धि हो चुकी है, जिससे उपभोक्ताओं को महंगे प्याज खरीदने पड़ रहे हैं। यदि मॉनसूनी बारिश जारी रहती है, तो प्याज की कीमतों में और भी वृद्धि हो सकती है।
मुख्य मंडियों मे प्याज के हाजिर भाव
दिल्ली की आजादपुर मंडी और लखनऊ मंडी में प्याज के दाम में तेज बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। आजादपुर मंडी में प्याज का भाव 28 से 35 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। बात इंदौर मंडी की करें तो यहां भाव 25 से 31 की रेंज में ज्यादातर बिक रहा है। हरियाणा की मंडियों में 32 से लेकर 38 रुपये के भाव चल रहे हैं।

अभी और बढ़ेगा प्याज का बाजार
जुलाई और अगस्त में भारी मॉनसूनी बारिश का पूर्वानुमान, जिससे खरीफ सीजन की प्याज की फसल को नुकसान हो सकता है। मंडियों और गोदामों में उपलब्ध प्याज का स्टॉक बारिश के कारण खराब हो सकता है। मई 2024 में प्याज निर्यात को खोला गया, जिससे विदेशी बाजारों की मांग को पूरा करने के लिए प्याज की उपलब्धता कम हो सकती है। गर्मियों के दौरान प्याज की घरेलू खपत में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। आगे चलकर प्याज की कीमतों में और बढ़ोत्तरी की आशंका है। ऐसी परिस्थिति में बड़ी संभावना है कि आने वाले समय में प्याज के भाव नयी ऊंचाई छू सकते हैं। जिन किसानो के पास भंडारण के बढ़िया संसाधन मौजूद हैं वे माल को थोड़ा और होल्ड कर सकते हैं। अगली फ़सल कर्नाटक से आने वाली है। लेकिन इसके आने में अभी दो महीने का समय है। इसलिए प्याज में फ़िलहाल डरने की जरूरत नहीं दिखाई देती।

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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।