आज सरसों के बाजार में क्या रह सकता है रुझान- रिपोर्ट |

 
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किसान साथियों और व्यापारी भाइयों गुरुवार को सरसों की कीमतों में लगातार दूसरे दिन नरमी देखने को मिली, जिसका प्रमुख कारण घरेलू तेल मिलों की कमजोर खरीदारी रही। जयपुर में कंडीशन सरसों के ब्रेकर भाव ₹6,675 प्रति क्विंटल तक गिर गए, यानी ₹25 की कमजोरी दर्ज की गई। हालांकि, ब्रांडेड तेल मिलों ने अपनी खरीद दरों में कोई बदलाव नहीं किया। उत्पादक राज्यों की मंडियों में दैनिक आवक स्थिर बनी हुई है, जिससे यह साफ है कि किसान और व्यापारी अभी भी अच्छे स्टॉक के साथ बैठे हैं और अगले कुछ हफ्तों तक आवक बनी रह सकती है। हालांकि, खपत का सीजन चल रहा है, जिससे घरेलू मांग मजबूत बनी हुई है। लेकिन यह मांग भी पूरी तरह से आयातित खाद्य तेलों के दाम पर टिकी रहेगी, क्योंकि वैश्विक तेल कीमतों का असर सीधा सरसों के दाम पर पड़ता है।

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देशभर की मंडियों में सरसों की कुल आवक 4.50 लाख बोरी ही रही, जो पिछले दिन के समान रही। पाम तेल और सोया तेल की वैश्विक कीमतों में उतार-चढ़ाव भी सरसों पर असर डाल रहा है। आज मलेशिया के बाजार तेज खुले हैं इसलिए घरेलू बाजार से दबाव हट सकता है। फिलहाल, उत्पादक राज्यों की कई मंडियों में सरसों तेल के भाव स्थिर बने हुए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि बाजार फिलहाल सप्लाई और डिमांड के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश में है। व्यापारी वर्ग का मानना है कि जब तक ग्लोबल मार्केट में कोई बड़ा सुधार नहीं होता, तब तक सरसों में सीमित दायरे में ही उतार-चढ़ाव चलता रहेगा। मांग बनी रहने के बावजूद निकट भविष्य में बड़ी तेजी की गुंजाइश फिलहाल कम है क्योंकि पिछले कई दिनों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद्य तेलों में दबाव बरकरार है।

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किसान और होलसेलर भी जल्दबाजी में नहीं दिख रहे, जिससे कीमतों में स्थिरता बनी हुई है। इसके अलावा, आयातित तेलों की कीमतें घटने से स्थानीय मिलें दबाव में हैं, और वह खुलकर खरीद नहीं कर पा रहीं। छोटे व्यापारियों का कहना है कि जब तक पाम और सोया तेलों में स्पष्ट रुख नहीं आता, तब तक सरसों की चाल भी सीमित रहेगी। इस समय बाजार पूरी तरह से तेल कंपनियों और अंतरराष्ट्रीय भावों के संकेत पर टिका हुआ है। किसानों के पास पर्याप्त स्टॉक है और वे भाव सुधरने की आस में हैं, जबकि व्यापारियों को डर है कि आयातित तेल सस्ता होने से सरसों पर और दबाव आ सकता है।

कुल मिलाकर, फिलहाल सरसों बाजार कमजोर बना हुआ है, लेकिन ज्यादा मंदी की गुंजाइश भी नजर नहीं आ रही क्योंकि खपत बनी हुई है और लोकल सप्लाई धीरे-धीरे घटेगी। निकट भविष्य में अगर पाम और सोया तेलों में कुछ रिकवरी आती है, तो सरसों में भी थोड़ी तेजी देखी जा सकती है। लंबी अवधि के नजरिए से बाजार मजबूत दिख रहा है। पूरी संभावना है की दिवाली से पहले सरसों के भाव 7000 के पार हो जाएंगे । व्यापार अपने विवेक और संयम से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।