200 रुपये तक तेज हो सकता है सोयाबीन का रेट | जाने क्या है इसकी वज़ह

 

किसान साथियों, और व्यापारी भाइयों विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों में चल रही तूफानी तेजी के बावजूद घरेलू बाजारों में सोयाबीन के किसानो की हालत खराब होती दिखाई दे रही है। सरकार ने 4892 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सोयाबीन की खरीद की घोषणा तो की है, लेकिन इसका बाजार पर उम्मीद के अनुसार कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा है ।  पिछले एक सप्ताह के दौरान सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी भाव में गिरावट दर्ज की गई है, जो 4600 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गई है। सोयाबीन में गिरावट का कारण अत्यधिक आवक को बताया जा रहा है। सोयाबीन के प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र और राजस्थान से मंडियों में हर रोज लगभग 875000 बोरी सोयाबीन की आवक हो रही है। इस स्थिति का लाभ उठाते हुए स्थानीय मिलों और प्रोसेसिंग इकाइयों में सोयाबीन की खरीद के लिए कोई जल्दबाजी नहीं दिख रही है। दूसरी तरफ, नई फसल की तैयारी के लिए किसानों को जल्दी से जल्दी अपनी फसल को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें आगामी फसल की बुवाई के लिए धन की आवश्यकता है, जिसकी पूर्ति पिछली फसल की बिक्री से की जाती है।

हालांकि, सरकार ने MSP की घोषणा करके बाजार में स्थिरता लाने का प्रयास किया है, लेकिन यह कदम काफी नहीं दिख रहा है। किसानों को वर्तमान में सरकार के आश्वासनों से संतोष नहीं मिल रहा है, और उन्हें अपनी आर्थिक आवश्यकताओं के चलते कम दामों पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है। अगर सरकार सक्रिय रूप से अधिक खरीद नहीं करती, तो बाजार में तेजी के आसार कम हैं। सोया तेल के दाम तो लगातार तेज हो रहे हैं लेकिन सोयाबीन के नहीं। पिछले कुछ सालों की बाजार की चाल के अनुमान यह लगाया जा रहा था कि दिवाली के बाद सोया तेल के दामों में कुछ गिरावट देखने को मिलेगी, लेकिन दिवाली का त्योहार बीत जाने के बाद भी सोया तेल के दामों में निरंतर तेजी बनी हुई है। किसानों को यह समझ में नहीं आ रहा कि सोयाबीन के दाम कितने कम होने के बावजूद सोया तेल के भाव में तेजी का क्या कारण है। आज की इस रिपोर्ट में हम सोयाबीन और सोया तेल को प्रभावित करने वाले सभी कारकों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। और जानने की कोशिश करेंगे कि आगे बाजार में क्या परिस्थितियां बन सकती है।

सोया तेल के भाव तेज
किसान भाइयों, सोयाबीन की कीमत में आ रही लगातार गिरावट के बावजूद सोयाबीन से बने रिफाइंड तेल के दामों में तेजी देखी जा रही है। इस वृद्धि का मुख्य कारण विदेशी बाजारों में सोया तेल के भाव में लगातार तेजी बने रहना है। अमेरिका और चीन के बाजारों में सोया तेल में बढ़िया तेजी का माहौल बना हुआ है। इसके अलावा मलेशिया और इंडोनेशिया में पाम तेल के भाव में तूफानी तेजी बनी हुई है जिसके चलते विदेशी बाजारों में भाव काफी तेज हो गए हैं । विदेशों में तेल महंगा होने के कारण आयात महंगा हो सकता है। इसी के चलते घरेलू बाजारों में इसकी कीमतों पर असर पड़ रहा है। आयात में बढ़ते खर्च के चलते घरेलू बाजार में स्वदेशी सोयाबीन तेल की मांग काफी अधिक बढ़ रही है, जो इसके दामों में वृद्धि होने का एक प्रमुख कारण बताया जा रहा है।

वैश्विक बाजारों की उत्पादन की स्थिति
किसान साथियों, अगर सोयाबीन के उत्पादन की बात की जाए तो दुनिया में सोयाबीन का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश ब्राजील है, जो कि इस समय अपनी सोयाबीन की बुवाई के अभियान में लगा हुआ है। इस वर्ष, ब्राजील में सोयाबीन की बुवाई अपेक्षाकृत धीमी गति से हो रही है। अब तक देश में केवल 36% क्षेत्र में ही बुवाई हो पाई है, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 39.1% था। देश के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों, जैसे माटो ग्रोसो राज्य में मौसम अनुकूल होने के कारण वहां बुवाई में तेजी दिख रही है, जबकि अन्य हिस्सों, विशेषकर मध्य और उत्तरी क्षेत्रों में बुवाई की रफ्तार कम है। इन क्षेत्रों में मौसम की प्रतिकूलता और सूखे की स्थिति के कारण किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ब्राजील में किसान इस साल समय से फसल तैयार कर अगले वर्ष सफरीन्हा मक्का की खेती के लिए समय निकालना चाहते हैं, जो सोयाबीन के बाद की जाने वाली एक महत्वपूर्ण फसल है। हालांकि, मौसम की अनिश्चितता के चलते यह योजना बाधित हो रही है। ब्राजील में सोयाबीन की धीमी बुवाई का प्रभाव अगले वर्ष की अंतर्राष्ट्रीय आपूर्ति पर पड़ेगा, जिससे वैश्विक बाजार में कीमतों में वृद्धि की संभावना बढ़ रही है। ब्राजील में उत्पादन कम होने की स्थिति में चीन, भारत और अन्य देशों के लिए आयात करना महंगा हो सकता है, जिससे उनके घरेलू बाजारों में भी सोया तेल और सोयाबीन उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं।

मंडियों में सोयाबीन की आवक
किसान भाइयों, घरेलू बाजार की मंडियों की बात करें तो सोयाबीन की भारी मात्रा में आवक मंडियों में शुरू हो चुकी है। मंडियों में हर रोज हजारों क्विंटल सोयाबीन आ रही है, जबकि मिलों में सोयाबीन की मांग बहुत ही कम है, जिसके कारण सोयाबीन की कीमतों पर लगातार दबाव बन रहा है और अनुमान यही लगाया जा रहा है कि अगर हालात यही बने रहते हैं तो आने वाले समय में सोयाबीन के दामों में कुछ और गिरावट भी देखने को मिल सकती है। किसानों को इस बार सोयाबीन की फसल से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन सोयाबीन के गिरते दामों को देखकर किसान सोयाबीन की बुवाई के बारे में एक बार फिर सोचने के लिए मजबूर हो गए हैं। सरकार द्वारा सोयाबीन की खरीद MSP पर करने के बावजूद बाजार में सोयाबीन की कीमतों में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। इसका कारण यह है कि सरकारी एजेंसियां सक्रिय रूप से सोयाबीन की खरीद नहीं कर रही हैं, जिसके कारण किसानों की आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर हो रही है और रबी की फसल की बुवाई के लिए उन्हें मजबूरी में कम कीमतों पर अपनी फसल को बेचना पड़ रहा है।

सोयाबीन में 200 रुपये की तेजी के आसार
दोस्तों, भले ही सोयाबीन के दामों में हो रही गिरावट हुई हो लेकिन सोया तेल के भावों में बन रही निरंतर तेजी के कारण यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सोयाबीन के बाजारों की स्थिति अब बदल सकती है। विदेशी बाजारों में जिस तरह से खाद्य तेलों में तेजी का रुझान बना हुआ है उसका असर जल्दी ही सोयाबीन के बाजार पर दिखना शुरू हो जाएगा। अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाम तेल के भाव 5000 रिंगिट के पर जाते हैं तो इसका असर सोया तेल के भाव पर भी पड़ेगा। ऐसा संभव है कि प्लांटों के खरीद भाव MSP से ऊपर निकल जाएं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्राजील के सोयाबीन उत्पादन की स्थिति भी भारतीय बाजार को प्रभावित करेगी। यदि ब्राजील में मौसम की प्रतिकूलता जारी रहती है और सोयाबीन का उत्पादन अनुमान से कम होता है, तो वैश्विक आपूर्ति बाधित हो सकती है, जिससे भारतीय बाजार में भी सोयाबीन और सोयाबीन तेल की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, भारतीय किसानों के लिए भी यह आवश्यक होगा कि सरकार MSP पर अधिक सक्रिय रूप से खरीद करे ताकि स्थानीय बाजार में स्थिरता बनाए रखी जा सके और किसानों को उचित मूल्य मिल सके। सरकार द्वारा MSP पर खरीद की मजबूती और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों स्थिति के आधार पर यह कहा जा सकता है कि जल्दी ही सोयाबीन के बाजार में 200 रुपये तेजी दिखाई देगी।
नोट: दोस्तों, रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी अनुमानों पर आधारित है। आप कोई भी व्यापार अपने विवेक से करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।