सरसों के बाजार में और कितनी तेजी बाकी | जाने इस रिपोर्ट में

 

सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट : किसान साथियो सरसों के भाव में उठापटक जारी है। सुबह की तेजी शाम तक नहीं टिक पाती और शाम की मंदी सुबह तेजी में बदल जाती है। हम मानते हैं कि ऐसे माहौल में निकट भविष्य की तेजी मंदी का अंदाजा लगाना मुश्किल है लेकिन थोड़े लंबे टाइम फ्रेम को देखें तो तेल तिलहन का बाजार मजबूत दिख रहा है। पिछले एक महीने को लेकर चलें तो एक तरफ मलेशिया के बाजार में 400 रिंगिट यानी कि 11% की तेजी आ चुकी है वहीं अमेरिकी बाजार CBOT में सोया तेल 25% से ज्यादा उछल चुका है। घरेलु बाजार की बात करें तो 15 जून को जयपुर में कंडीशन सरसों का भाव 5200 था जो कि अब बढ़कर 5675 हो गया है उसमें 475 रुपये यानि कि 9.5% के आसपास की तेजी बनी है। इन आंकड़ों के आधर पर यह कहा जा सकता है कि भारत में अभी तेजी विदेशों से कम है। इसका बड़ा कारण यह रहा कि जून महीने में अत्यधिक गर्मी के कारण तेलों की डिमांड कम रही। हालांकि बारिश का सीजन होने के साथ-साथ त्योहारी सीज़न होने के कारण अब भारतीय बाजार की चाल धीरे-धीरे बदल रही है यह चाल सरसों के भाव को कहां तक लेकर जा सकती है आज की रिपोर्ट में हम यही जानने की कोशिश करेंगे। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

ताजा मार्केट अपडेट
शुक्रवार को दुनिया में तेल तिलहन के बाजार में मिला जुला रुख देखने को मिला है। सुबह के सत्र में मलेशिया में खाद्वय तेलों के तेज थे इसलिए घरेलू तेल मिलों की खरीद बढ़ने से सरसों के भाव में मामूली तेजी दर्ज की गई थी लेकिन शाम को भाव कमजोर रहने की खबरें आ रही हैं। शुक्रवार को जयपुर में कंडीशन 42% की सरसों के भाव 25 रुपये तेज होकर दाम 5675 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। जबकि भरतपुर का बाजार सुबह से ही ठंडा चल रहा था पिछले दो दिन में भरतपुर में सरसों के भाव 60 रुपये तक गिर गए हैं। भरतपुर में सरसों के अंतिम भाव 5240 के आसपास रिपोर्ट किए गए हैं। दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर सरसों के भाव 5450 के स्तर पर मजबूत दिखे। जबकि च दादरी में सरसों के भाव ने बड़े दिन बाद 5400 का स्तर छू लिया। मौसम के थोड़ा बहुत साफ़ रहने के कारण सरसों की दैनिक आवक बढ़कर पांच लाख बोरियों की हो गई।

प्लांटों पर तेजी
घरेलू बाजार में मिलों की मांग बनी रहने से सरसों के साथ ही सरसों तेल एवं खल की कीमतों में सुधार आया। ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों में लगातार दूसरे दिन 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की। सलोनी प्लान्ट पर सरसों के भाव 25 रुपये प्रति क्विंटल तेज होकर 6075 के हो गए। गोयल कोटा प्लान्ट पर सरसों के भाव 35 रुपये तेज हुए अंतिम भाव 5485 के रहे। आगरा में BP और शारदा प्लान्ट पर सरसों तेज होकर क्रमशः 5800 और 5850 के स्तर पर पहुंच गई।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों में सरसों में अच्छी खासी तेजी देखने को मिल रही है। भाव की बात करें तो राजस्थान की नोहर मंडी में सरसों का रेट 5160, जैतसर मंडी में सरसों का भाव 5092 श्री विजयनगर मंडी में सरसों का भाव 5115 गजसिंहपुर मंडी में सरसों का टॉप भाव 5162 केसरी सिंह पुर मंडी में सरसों का भाव 5100 रायसिंहनगर मंडी में सरसों का टॉप भाव 5301 रावला मंडी में सरसों का प्राइस 5330 श्री गंगानगर मंडी में सरसों का भाव 5136 सुमेरपुर मंडी में सरसों का भाव 5355 बीकानेर मंडी में सरसों का भाव 5150 जोधपुर मंडी में सरसों का भाव 5355 सिवानी मंडी में सरसों का टॉप भाव 5450 मुरैना मंडी में सरसों का रेट 5050 हिंडौन मंडी में सरसों का भाव 5286 मेड़ता मंडी में सरसों का भाव 5200 बारा मंडी में सरसों का रेट 5250 श्योपुर मंडी में सरसों का रेट 5100, और अलीगढ़ मंडी में सरसों का भाव 5050 रुपए प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया

सरसों तेल में कितनी घट बढ़
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें शुक्रवार को लगातार दो दिनों की कमजोरी के बाद 5-5 रुपये तेज होकर दाम क्रमशः 1,081 रुपये और 1,071 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। इस दौरान भरतपुर में इसके दाम पांच रुपये तेज होकर दाम 1065 से 1075 रुपये प्रति 10 किलो हो गए, हालांकि कोटा में शिव कच्ची घानी तेल के दाम 1090 रुपये प्रति 10 किलो पर स्थिर हो गए।

विदेशी बाजारों की अपडेट
मलेशियाई पाम तेल वायदा शुक्रवार को मामूली बढ़त के साथ समाप्त हुआ, हालांकि अन्य खाद्य तेलों में लगातार तीसरी साप्ताहिक बढ़त दर्ज की गई। मलेशिया डेरिवेटिव्स बर्सा मलेशिया एक्सचेंज (बीएमडी) पर सितंबर महीने के वायदा अनुबंध में पाम तेल की कीमतें 12 रिंगिट यानी 0.3 % तेज होकर 3,877 रिंगिट प्रति टन हो गई। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 0.8 % तेज हुआ, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 0.2 % बढ़ गया। हालांकि अमेरिकी बाजार CBOT पर सोया तेल दिसम्बर वायदा अनुबन्ध 0.8 प्रतिशत गिरा है। अमेरिका से खबर आ रही है कि वहां की एनवायरमेंटल प्रोटक्शन एजेंसी ने बायोफ्यूल ब्लेंडिंग में छूट देने के लिए मना कर दिया है इसका बाजार पर क्या असर होगा यह सोमवार को ही पता चल पाएगा।

सरसों में आगे क्या बन रही है पोजीशन
किसान साथियों बारिश का सीजन तो चल ही रहा है जिसके चलते सरसों तेल की डिमांड बनी हुई है। आने समय में त्योहारी डिमांड आने की पूरी पूरी संभावना है। इस डिमांड के चलते भारतीय बाजार विदेशी बाजारों पर बहुत ज्यादा निर्भर ना रहते हुए तेजी की तरफ जा सकते हैं। क्योंकि बाजार को तो डिमांड और सप्लाई के आधार पर ही चलना है। बारिश के मौसम में सरसों तेल की डिमांड सबसे ज्यादा होती है। बारिश का सीजन बीतने के बाद दिवाली की डिमांड निकलेगी। ऐसे में आने वाले समय में मंदी का कोई बड़ा कारण दिखाई नहीं देता। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि बाजार धीरे-धीरे 6000 के भाव की तरफ बढ़ सकता है। व्यापार अपने विवेक से ही करें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।