अगर अभी तक सरसों को नहीं बेचा है तो ये रिपोर्ट सिर्फ आपके लिए है | सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट

 

किसान साथियो चूंकि सरसों का रेट 5850 से 6000 की रेंज में आकर जम गया है। यहां से टस से मस होने का नाम नहीं ले रहा है। इसलिए अब यह जानना जरूरी हो गया है कि ऐसी स्थिरता के पीछे क्या वज़ह है और सरसों में सम्भावित तेजी क्यू नहीं बन पा रही है। दोस्तो यह राज जानने के लिए हमें उत्पादन से लेकर खपत का पूरा गणित समझना होगा। तभी जाकर आने वाले समय में सरसों के भाव की दिशा दशा का अंदाजा लगाया जा सकता है। आज की रिपोर्ट में हम आपके सामने सरसों के सारे आंकड़ों का विश्लेषण करेंगे।  WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

सरसों स्टॉक की क्या है स्थिति
साथियो सरसों सीजन शुरू होकर 6 महीने का समय बीत चुका है। प्रतिदिन की आवक को जोड़ने पर अभी तक लगभग 76.50 लाख टन सरसों बाजार में आ चुकी है। चालू सीज़न में देश भर में सरसों का कुल उत्पादन 112 लाख टन माना गया है। आवक के हिसाब से देखें तो सबसे अधिक आवक मार्च अप्रैल महीने में हुई थी। मार्च महीने में 16.00 और अप्रेल में लगभग 17.50 लाख टन सरसों की आवक हुई। इसके अलावा मई  में 11.50, जून 10.50 और जुलाई अगस्त में 21 लाख टन सरसों की आवक हुई है।

अगले 6 महीने के लिए कम बची है सरसों
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अब 1 सितंबर को किसानों, प्लांटों और स्टाकिस्टों के पास 35.50 लाख टन सरसों बकाया है। अगली फसल आने में छह महीने से भी ज्यादा समय बाकी हैं और आने वाले सभी महीने सरसों तेल की खपत बढ़ाने वाले हैं। गणित को देखें तो पहले छः महीने में 76.50 लाख टन की आवक हुई है और बाकी छह महीने के लिए 35 लाख टन सरसों बचा है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरसों में मंदा आने की संभावना कम है।

बाजार में क्या है माहौल
ताजा मार्केट की बात करें तो सोमवार तेल मिलों की मांग बनी रहने के कारण घरेलू बाजार में सोमवार को लगातार दूसरे दिन में सरसों के भाव में सुधार दर्ज किया गया। एक तरफ जहां जयपुर में कंडीशन 42% की सरसों के भाव 25 रुपये तेज होकर दाम 5925 रुपये प्रति क्विटल हो गए वहीं दूसरी तरफ भरतपुर में सरसों के भाव में 18 रुपये की गिरावट दर्ज की गई। अन्य मंडियों में भाव लगभग स्थिर ही रहे। सोमवार को सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 4.40 लाख बोरियों की हुई ।

विदेशी बाजारों की अपडेट
विदेशी बाजारों की बात करें तो विश्व बाजार में खाद्वय तेलों की कीमतों में गिरावट का रुख रहा। मलेशियाई पाम तेल वायदा के दाम कमजोर हुए, जबकि अवकाश के कारण शिकागो में सोया तेल वायदा बंद रहा। आज भी मलेशिया के बाजार कमजोर खुले हैं। चीन के बाजार भी कमजोरी दिखा रहे हैं इसका असर बाजार पर दिख सकता है। अगर आने वाले एक दो दिन में विदेशी बाजारों की गिरावट रुक जाती है तभी सरसों के भाव में मजबूती बनी रहेगी अन्यथा सरसों में थोड़ी बहुत गिरावट भी दिख सकती है।

सरसों की तेजी मंदी का अनुमान
साथियो जैसा कि आप सबको पता है कि जुलाई महीने के बाद से ही देशभर में बारिश सामान्य से 36 % तक कम हुई है। अब इसका असर चालू खरीफ में तिलहन की फसलों पर पड़ने का डर है। दिवाली के त्यौहार पर सरसों तेल की मांग अपने पीक पर रहेगी और आगे भी सर्दियों का मौसम सरसों तेल की खपत वाला होता है। गौरतलब है कि अगस्त महीने में देश में खाद्वय तेलों का रिकॉर्ड आयात हुआ है जिस कारण सस्ते खाद्य तेलों की सप्लाई बनी रहेगी। दोनों पहलूओं को देखें तो कहा जा सकता है कि घरेलू बाजार में खाद्वय तेलों में तेजी तो रहेगी लेकिन एकदम से बड़ी तेजी आने के आसार कम है। सरकार अगर कोई अड़ंगा नहीं डालती है और विदेशी बाजारों का सपोर्ट मिलता है तो आने वाले समय में धीरे धीरे सरसों के भाव की 6500 तक जा सकती है. व्यापार अपने विवेक से करें

👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट

👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव

👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।