सरसों का पूरा हिसाब किताब और आज की तेजी मंदी रिपोर्ट 22 सितंबर 22

 

सरसों का पूरा हिसाब किताब और आज की तेजी मंदी रिपोर्ट 22 सितंबर 22

किसान साथियो समय का चक्र घूमता रहता है। कभी विदेशी बाजारों की तेजी मंदी भारत में तेजी मंदी की दिशा निर्धारित कर रही थी लेकिन अब भारतीय त्योहारी सीज़न की मांग मलेशिया के मार्केट को बढ़ा रही है। इस रिपोर्ट में हम सरसों के बाजार का पूरा हिसाब किताब समझने की कोशिश करेंगे 

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ताजा मार्केट अपडेट 

इस हफ्ते सरसों का बाजार स्थिर से लेकर हल्की मजबूती दिखा रहा है हालांकि बुधवार तेल मिलों की सीमित मांग बनी रहने के कारण लगातार दूसरे दिन सरसों के भाव स्थिर ही बने रहे। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 6,450 से 6,475 रुपये प्रति क्विंटल के लेवल पर बने रहे। आवक भी लगभग 2 लाख 25 हजार बोरी पर स्थिर बनी हुई है। बाजार के जानकारों की मानें तो विदेशी बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में आई तेजी से घरेलू बाजार में इनके भाव बढ़े हैं। हाजिर मंडियों में सरसों के भाव भले ही स्थिर चल रहे हो, लेकिन कई ब्रांडेड कंपनियों ने खरीद कीमतों में बढ़ोतरी की है। विदेशी बाजार में तेजी जारी रहने से सरसों के दाम घरेलू बाजार में बढ़ने की उम्मीद है। रॉयटर्स के एक सर्वे के अनुसार भारत में घरेलू खपत बढ़ने के कारण 2022-23 में देश में पाम तेल का आयात पिछले साल की तुलना में 9 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है। कार्गो सर्वेयर सोसाइटी जेनरल डी सर्विलांस, बर्सा एसजीएस के अनुसार पहली से 20 सितंबर के दौरान मलेशियाई पाम तेल उत्पादों का निर्यात 32.7 फीसदी बढ़कर 952, 888 टन का हो गया है, जो कि अगस्त महीने की समान अवधि के दौरान 718, 291 टन का था। इन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि इस अवधि के दौरान भारत की शिपमेंट में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि दीपावली के त्योहार से पहले दुनिया के सबसे बड़े खाद्य तेल आयातक भारत ने तेलों की खरीद बढ़ा दी है। 

विदेशी बाजारों की बात करें तो बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर दिसंबर महीने के वायदा में क्रूड पाम तेल की कीमतें 154 रिगिंट यानी 4.12 फीसदी तेज होकर 3,891 रिगिंट प्रति टन के स्तर पर पहुंच गई है। उधर चीन में डालियान का सबसे सोया तेल अनुबंध भी 2.3 प्रतिशत तक तेज हुआ है, जबकि इसका पाम तेल अनुबंध 3.1 फीसदी तक तेज हुआ। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड, सीबीओटी पर सोया तेल की कीमतें  इलेक्ट्रॉनिक व्यापार में 1% तक तेज रही 

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घरेलू बाजार की बात करें तो जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें बुधवार को क्रमशः 1293 रुपये और 1283 रुपये प्रति 10 किलो पर स्थिर रही। हाजिर मंडियों में भी माहौल स्थिर चल रहा है। हरियाणा में आढ़तियों की हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। जिसके कारण हरियाणा की किसी भी मंडी में सरसों की बोली नहीं हो रही है। राजस्थान की मंडियों की बात करें तो जोधपुर मंडी में रायडा का भाव 6300 रुपये प्रति क्विंटल, बीकानेर में सरसों 5700, अलवर में सरसों का रेट 6100, गोलूवाला में सरसों का रेट 5951, पूगल में 5849 रुपये प्रति क्विंटल, हनुमानगढ़ में 38.6 लैब का भाव 5557, संगरिया मंडी में सरसों का रेट 5800, नोखा मंडी में सरसों का भाव 5500, नोहर में 6190 (42 लैब) रावतसर में 38 लैब का भाव 5557, पीलीबंगा में 5890, केसरीसिंहपुर में सरसों का रेट 5849 रुपये प्रति क्विंटल, अनूपगढ़ में सरसों 5837, रायसिंहनगर में सरसों का भाव 5787, श्री गंगानगर में सरसों का भाव ₹ 5750 और देवली मंडी में कंडीशन सरसों का भाव 6025 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा ।
मध्य प्रदेश की मुख्य मंडियों में नीमच मंडी में सरसों भाव 5680, ग्वालियर में सरसों का रेट 6000, देवास में सरसों का रेट 5400, अशोक नगर में सरसों का भाव 5850, मंदसौर में सरसों का रेट 5650 और बीना मंडी में कंडीशन सरसों का भाव ₹ 5950 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा।

आज के धान सरसों गेहूं नरमा ग्वार बाजरा सोयाबीन आदि फसलों के ताजा भाव

सरसों में आगे क्या 

किसान साथियो सरसों के बाजार फ़िलहाल स्थिर चल रहे हैं। दीवाली के त्यौहार के मद्देनजर इसमे यहां से आगे मंदी की गुंजाइश कम है। हालांकि अगले एक दो हफ्ते में भाव थोड़ा बहुत उपर जा सकते हैं। लेकिन फ़िलहाल के बाजार को देखते हुए बड़ी तेजी का व्यापार करने की सलाह नहीं दी जा सकती। जरूरत के मुताबिक खरीद की जा सकती है बाकी व्यापार अपने विवेक से करें