सरसों के भाव बढ़ेंगे या घटेंगे | जाने आज की सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट में

 

किसान साथियो अक्सर देखा जाता है कि यूट्यूब चैनल, फेसबुक पेज और वेबसाइट आदि पर लोग फसलों के भाव में तेजी बताते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किसानो को अच्छा लगता है जब उनकी फ़सल के भाव तेज होते हैं। इसीलिए अक्सर सोशल साइट्स और सोशल मीडिया पर तेजी को बढ़ा चढ़ा कर दिखा दिया जाता है। किसानों को यह अच्छा तो लगता है लेकिन उनको आगे चलकर इसी नुकसान होता है। सही समय पर माल ना निकाल पाने के कारण अच्छे भाव नहीं मिल पाते।

साथियो मंडी भाव टुडे ने हमेशा ग्राउंड से रिपोर्ट की है और हमेशा मंदी को मन्दी और तेजी को तेजी बताया है। इसलिए हमारी रिपोर्ट अभी तक 99% तक सही रही है। किसान साथियो से निवेदन है कि सौदा करने से पहले सारी जानकारी को ठीक से समझें और अपने विवेक से निर्णय लें। दोस्तों आज की रिपोर्ट में सरसों के बाजार का विश्लेषण करेंगे और तेजी मंदी का ट्रेंड जानने की कोशिश करेंगे

सरसों में आगे का क्या है रूझान
किसान साथियों यह बात जग जाहिर है की दिवाली का त्यौहार आने से पहले सरसों के भाव में 200-300 रुपए की तेजी आमतौर पर बनती है, डिमांड बढ़िया निकल जाए तो बाजार 500-700 तक तेज हो जाता है। लेकिन पिछले दो-तीन साल से माहौल ऐसा चल रहा है कि बाजार बहुत ज्यादा दबे हुए हैं । सोयाबीन और सोया तेल के भाव 4 साल के निचले स्तर पर हैं और बम्पर फ़सल को देखते हुए उसमें सुधार की गुंजाईश बिल्कुल नहीं है। पिछले साल का ही उदाहरण ले तो जुलाई से लेकर अक्टूबर तक सरसों के भाव लगभग 500 से 600 रुपये तक तेज हुए थे । लेकिन इस सीज़न में यह तेजी अप्रैल में के महीने में ही आ गई है। उसके बाद से बाजार ने उपर जाने का भरसक प्रयास किया है लेकिन बाजार उपर की तरफ निकल ही नहीं पा रहे हैं। विदेशी बाजारों का दबाव इसे उपर जाने ही नहीं दे रहा। ऐसे में इस साल 500-600 की तेजी आयेगी ऐसा नहीं लगता। उत्पादक मंडियों में सरसों को दैनिक आवक कमजोर चल रही है। व्यापरियों का मानना है कि जैसे ही भाव उपर की तरफ चलेंगे किसान और स्टॉकिस्ट अपना माल निकालना शुरू कर देंगे ऐसे में फिर से तेजी पर ब्रेक लग सकता है। इसीलिए हम बार बार कह रहे हैं कि इस साल सरसों में बड़ी तेजी आना मुश्किल है जिन साथियो को 7000 के भाव का इंतजार है वह पूरा होता दिख नहीं रहा है। इसलिए बाजार में 200-300 का उछाल आते ही माल को निकालने के बारे में सोच सकते हैं। व्यापार अपने विवेक से ही करें।

ताजा मार्केट अपडेट
बुधवार को सरसों के बाजार में सुबह सुस्ती दिख रही थी और भाव 25 रुपये टूट कर खुले थे। लेकिन आवक कम होने के कारण जब व्यापरियों को माल नहीं मिला तो सरसों के भाव फिर से पुराने भाव पर ही स्थिर हो गए। जयपुर में कंडीशन 42% सरसों के भाव 6075 रुपए प्रति कुंतल पर स्थिर रहे जबकि दिल्ली लारेंस रोड पर कंडीशन सरसों का भाव 5975 का रहा। एक भरतपुर मंडी ही ऐसी रही जहां पर सरसों के भाव में तेजी देखने को मिली और शाम को भरतपुर मंडी में सरसों के भाव 5715 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुए और इसमें लगभग ₹30 की तेजी दर्ज की गई। चरखी दादरी मंडी में सरसों के भाव ₹5950 के रहे जबकि गंगापुर का रेट 5760 का रहा  बुधवार को सरसों की कुल आवक 2 लाख बोरी के आसपास रही जो की सामान्य से काफी कम है । राजस्थान में भारी बारिश होने के कारण सरसों की आवक कम चल रही है।

प्लांटों पर क्या रहा रूझान
विदेशी बाजारों से बढ़िया संकेत न मिलने के कारण ब्रांडेड तेल मिलाने ने सुबह की सत्र में सरसों के भाव में कटौती की थी लेकिन जब नीचे के भाव पर सरसों नहीं मिली तो भाव को फिर से बढ़ाना पड़ा । इसके अलावा मलेशिया के बाजार में शाम को आई रिकवरी के चलते भी भाव को सहारा मिला। सलोनी प्लांट पर सरसों के भाव जो की कमजोर होकर 6450 तक चले गए थे वह शाम होते-होते फिर से ₹25 बढ़कर 6475 के स्तर पर पहुंच गए। आगरा में बीपी और शारदा प्लांट पर सरसों के भाव 6300 के रहे। अडानी बूंदी और अलवर प्लान्ट पर सरसों 6125 में बिकी जबकि वंश सीतापुर और गोयल कोटा प्लान्ट पर पर भाव क्रमश 5800 और 5825 के रहे।

हाजिर मंडियों के भाव
हाजिर मंडियों के भाव की बात करें तो राजस्थान की बीकानेर मंडी में सरसों का रेट 5331, भट्टू में 5459, ऐलनाबाद मंडी में 5565, सिरसा में 5652, सूरतगढ़ में 5403, जैतसर मंडी में 5340 श्री विजयनगर मंडी में 5458 श्री गंगानगर मंडी में 5583 आदमपुर मंडी में 5570 घडसाना मंडी में 5600 पीलीबंगा मंडी में 5320 अनूपगढ़ मंडी में 5430 अलवर में 5740, रोहतक में 5490, महेंद्रगढ़ में 5660, नारनौल में 5690, और भिवानी  में सरसों 5700 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रही है।

विदेशी बाजारों में शाम को सुधार
सुबह सुस्त कारोबार होने के बावजूद मलेशिया में बकाया स्टॉक कम होने के साथ ही इंडोनेशिया में उत्पादन में गिरावट की आशंका से बुधवार को मलेशियाई क्रूड पाम तेल (सीपीओ) वायदा के भाव में शाम को तेजी दर्ज की गई।  बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज, BMD पर अक्टूबर डिलीवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध में 35 रिगिंट यानी की 0.95 % की तेजी आकर भाव 3,725 रिगिंट प्रति टन पर बंद हुए। इस दौरान शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर सोया तेल की कीमतों में 0.58 % की तेजी आई। बाजार के जानकारों का कहना है कि वर्ष 2024 की पहली छमाही के दौरान इंडोनेशियाई पाम तेल उत्पादन में मुख्य रूप से अल नीनो के प्रतिकूल प्रभावों के कारण गिरावट आई है। शिकागो में सोया तेल के साथ ही क्रूड तेल की कीमतों में आई तेजी से भी मलेशियाई पाम तेल को मजबूती मिली। हालांकि, पाम तेल की कीमतों में तेजी सीमित हो सकती है, क्योंकि अगस्त में मलेशिया से पाम तेल के निर्यात में कमी आने की आशंका है।

सरसों तेल और खल का क्या रहा भाव
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमत बुधवार को स्थिर हो गई। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 1,168 रुपये प्रति 10 किलो पर स्थिर हो गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी इस दौरान 1,158 रुपये प्रति 10 किलो के स्तर पर टिके रहे। जयपुर में बुधवार को सरसों खल के भाव 10 रुपये कमजोर होकर 2,565 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

नहीं बढ़ रही सरसों की आवक
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक 2 लाख बोरियों की ही हुई है, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में भी आवक इतनी ही बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में सरसों की 1.15 लाख बोरी, जबकि मध्य प्रदेश की मंडियों में 15 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 20 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 5 हजार बोरी तथा गुजरात में 10 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 35 हजार बोरियों की आवक हुई

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।